बाधाएं खत्म … ? 12 माह में बनकर तैयार होगा अटेर-चंबल पुल

05 जुलाई से पिलरों पर स्लैब रखे जाने की प्रक्रिया होगी शुरू,
दोनों बेस व 17 पिलर एवं स्पान बनकर हुए तैयारबाधाएं खत्म:
12 माह में बनकर तैयार होगा अटेर-चंबल पुल….

भिण्ड. बहुप्रतीक्षित चंबल पुल के निर्माण कार्य पूरा होने का ख्वाब जून 2023 में पूरा हो जाएगा। पुल का निर्माण 90 फीसद पूरा हो गया है। शेष 10 फीसदी कार्य अगले 12 महीनों में पूरा हो जाएगा। लिहाजा जून 2023 में पुल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि चंबल पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू किया गया था। निर्माण कार्य संबंधित निर्माण कंपनी को 24 महीनों में पूरा करना था। यानि वर्ष 2019 तक पुल बनाया जाना था। उस समय पुल निर्माण की लागत महज 63 करोड़ 75 लाख थी। निर्माण कार्य अटक जाने के चलते इस अवधि में बेतहाशा बढ़ी महंगाई के कारण पुल की लागत 46 करोड़ 75 रुपए अतिरिक्त बढ़ गई। कुल मिलाकर छह साल के लंबे इंतजार के बाद अटेर का चंबल पुल 110 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत में बनकर तैयार होने जा रहा है।

परिवहन होगा सुगम

अटेर में फिलहाल यात्री परिवहन सेवा व्यवस्थित नहीं है। जो डग्गामार वाहन हैं उसमें लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। उनके आने और जाने का भी निश्चित कोई समय नहीं। पुल बनने पर यूपी के रोडवेज परिवहन की सुविधा भी अटेर क्षेत्र के लोगों के लिए मयस्सर होगी। इतना ही नहीं अन्य प्रकार की लग्जरी प्राइवेट बसें भी संचालित होंगी। दिल्ली, राजस्थान, गुजरात आदि राज्य के लिए जाने वाली लंबे रूट की बसों का रूट भी इधर से होगा। फिलहाल लंबे रूट वाली बसें इटावा या बाह जैतपुर होते हुए आवागमन कर रही हैं जिसमें उन्हें करीब 70 से 75 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।

निर्माण कार्य प्रगति पर है। जुलाई माह से स्लैब डलने शुरू हो जाएंगे। जून 2023 तक निर्माण पूरा हो जाएगा। – देवेंद्र सिंह चौहान, इंजीनियर सेतु निर्माण ग्वालियर

लोगों का रुकेगा पलायन, बढ़ेगा व्यवसाय

आजादी के बाद से अभी तक अटेर क्षेत्र जिले का सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है, लेकिन पुल बनने के उपरांत उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों से सीधे जुड़ने के बाद न केवल लगातार हो रहे पलायन पर अंकुश लगेगा बल्कि क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। इतना ही नहीं अटेर दुर्ग के अलावा आसपास स्थित अन्य पुरातात्विक इमारतें पर्यटन के रूप में विकसित होंगी। अभी तक अटेर क्षेत्र में सरहदी राज्य को जोड़ने के लिए परिवहन व्यवस्था नहीं है। इ पुल बनने के बाद यूपी के आगरा, इटावा तथा फिरोजाबाद जैसे औद्योगिक शहरों से सीधा संपर्क हो जाएगा।

स्लैब रखने के लिए मंगाई गई मशीन।
बनकर तैयार हुए सभी पुल क्रे पिलर्स

 

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