संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से हो सकता है शुरू
भारतीय संसद का मानसून सत्र के 18 जुलाई से शुरू होने और इसके 12 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है…..
Monsoon Session Of Parliament: भारतीय संसद (Parliament Of India) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं. देश में मानसून की दस्तक के साथ ही संसद का मानसून सत्र भी जुलाई के तीसरे हफ्ते से यानि 18 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद की जताई जा रही है. इस सत्र के अगस्त के दूसरे हफ्ते 12 अगस्त तक चलने की संभावना है. सरकारी सूत्रों से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक हालांकि इस बारे में अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है. गौरतलब है कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति विभिन्न सत्रों के लिए तारीखों की सिफारिश करती है.
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने की सिफारिश
गौरतलब है कि देश में नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है. इस अहम इवेंट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के लिए भी तैयारी शुरू कर दी है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh ) की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 18 जुलाई से 12 अगस्त तक संसद के मानसून सत्र को चलाने की सिफारिश की है. इन तारीखों पर अंतिम विचार करने के बाद संसद सत्र के लिए इस शेड्यूल पर मुहर लग जाएगी.
Fमानसून सत्र की तारीखों पर अंतिम मुहर लगने के बाद 17 दिन चलेगी संसद
अगर 18 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक की तारीखों पर संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति अंतिम मुहर लगा देती है तो इस बार मानसून सत्र में संसद 17 दिन चलेगी, क्योंकि इस दौरान 17 कार्यदिवस पड़ रहे हैं. इस दौरान सरकार की तरफ से कई बिल संसद में पेश किए जा सकते हैं. इसमें बजट सत्र के दौरान संसदीय समिति के पास भेजे गए बजट सत्र के चार बिल भी शामिल हैं.
खास होगा संसद का मानसून सत्र
इस बार का मानसून सत्र (Monsoon Session) देश के लिए खास होने जा रहा है. इस दौरान देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होने जा रहा है और 21 जुलाई को मतगणना के बाद 25 जुलाई को देश को नए महामहिम अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे. इसके साथ ही 10 जुलाई को देश के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल भी खत्म होने जा रहा है, हालांकि अभी इसके चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उपराष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है. ऐसे में यह मानसून सत्र देश के नए महामहिम और उपराष्ट्रपति लिए होगा.