पहली बार…BJP उम्मीदवारों का गारंटी कार्ड … ?

जिसने टिकट दिलाई, वही होगा हार-जीत का जिम्मेदार; भोपाल में 3 विधायक बने गारंटर…

बीजेपी नेताओं में महापौर के टिकट के लिए ग्वालियर में जमकर खींचतान चल रही है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 14 नगर निगम के मेयर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। ज्यादातर उम्मीदवारों को क्षेत्रीय नेताओं की गारंटी पर टिकट दिया गया है। सागर से संगीता तिवारी को जिताने की जिम्मेदारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर है। कटनी में पूर्व मंत्री संजय पाठक के समर्थक और रेत कारोबारी विनय दीक्षित की पत्नी ज्योति दीक्षित को टिकट दिया गया है। रीवा से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला की गारंटी पर प्रबोध व्यास को टिकट दिया गया है।

जिन सीटों पर दावेदारों की संख्या ज्यादा थी, वहां पार्टी ने नए फॉर्मूले के तहत टिकट फाइनल की है। इसके तहत जिसने टिकट देने की सिफारिश की, उस पर ही उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी है। यानी ‘नगर सरकार’ बनाने का दारोमदार सीधे तौर पर क्षेत्रीय नेताओं पर है। सामान्य सीट सिंगरौली से ओबीसी उम्मीदवार को उतारने में ब्राह्मणों की नाराजगी के बावजूद विधायक रामलल्लू वैश्य की सिफारिश पर चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को टिकट दिया गया है। खंडवा से उम्मीदवार अमृता यादव को जिताने की जिम्मेदारी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक देवेंद्र वर्मा ने ली है।

भोपाल में फंसे पेंच को निकालने के लिए इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। यहां मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर ने उम्मीदवार मालती राय को जिताने की गारंटी दी है।

5 सीटों पर गारंटी फॉर्मूले से टिकट

ऐसा पहली बार हुआ है, जब बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन में गारंटी का फॉर्मूला इस्तेमाल किया है। दरअसल, क्षेत्रीय नेताओं के बीच अपने समर्थक को टिकट दिलाने की खींचतान को खत्म करने के लिए यह फॉर्मूला लागू किया गया। भोपाल से उम्मीदवार मालती राय दो बार पार्षद का चुनाव हार चुकी हैं। बावजूद, इसके विधायक उन्हें टिकट देने पर अड़े रहे।

संघ की पसंद के तीन उम्मीदवार

बीजेपी के महापौर पद के 3 उम्मीदवार RSS की पसंद से मैदान में उतारे गए हैं। जबलपुर से उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र जामदार की पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी है। वे पिछले कई वर्षों से संघ के विभिन्न संगठनों के माध्यम से काम कर रहे हैं। फिलहाल वे जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी प्राप्त है। इसी तरह सतना से योगेश ताम्रकार को मौका दिया गया है। उनके पिता शंकर ताम्रकार प्रांत संघ चालक रहे हैं। उन्हें बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बनाया गया। अब उन्हें महापौर का टिकट दिया गया है।

इसलिए भार्गव का पलड़ा पड़ा भारी

इसमें सबसे रोचक घटनाक्रम इंदौर की टिकट को लेकर हुआ। यहां से डॉ. निशांत खरे को टिकट देने की पैरवी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे। हालांकि उन्होंने विकल्प के तौर पर मधु वर्मा के नाम पर विचार करने का सुझाव दिया था, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विधायक रमेश मेंदोला का नाम आगे बढ़ाकर पेंच फंसा दिया था।

इस बीच संघ की पृष्ठभूमि से बीजेपी में आए पुष्यमित्र भार्गव का नाम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रस्तावित किया था, लेकिन मंगलवार सुबह तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। इस बीच पार्टी ने 16 में से 13 (इंदौर के साथ ग्वालियर व रतलाम को छोड़कर) शहरों से उम्मीदवार की घोषणा कर दी। इसके बाद इंदौर के विधायकों को भोपाल बुलाया गया। यहां एक बार बैठक कर आपसी सहमति बनाने का प्रयास किया गया। अब पुष्यमित्र भार्गव के नाम पर अंतिम मुहर लग पाई।

सागर में भाभी V/S भाभी के बीच मुकाबला

सागर से बीजेपी के लिए महापौर प्रत्‍याशी अभिनेता मुकेश तिवारी की भाभी संगीता तिवारी है। वहीं, कांग्रेस ने सागर से बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन की भाभी निधि जैन को मैदान में उतारा है। अब सागर में भाभी V/S भाभी के बीच मुकाबला होने जा रहा है।

वहीं, कांग्रेस ने जहां हफ्ते भर पहले वर्तमान बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन की भाभी निधि सुनील जैन का नाम घोषित करके खलबली मचा दी थी। तो भाजपा ने संगीता सुशील तिवारी का नाम आगे करके नहले पर दहला मार दिया है।

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