गड्ढों वाला NH-227 … मधुबनी में सड़क पर सबसे बड़ा गड्‌ढा 100 फीट का; रोड बनाने वाले ठेकेदार फरार

बिहार के मधुबनी से गुजरने वाली नेशनल हाईवे का वीडियो इन दिनों सुर्खियों में है। इस हाईवे का ड्रोन से बना वीडियो शेयर कर लोग पूछ रहे हैं कि सड़क कहां है? सभी जगह सिर्फ गड्‌ढे ही गड्‌ढे दिखाई देते हैं। ये हालत कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी से गुजरने वाले मुख्य मार्ग की है। सड़क की बदहाल हालत मानसी पट्‌टी से कलना तक है। इससे आने-जाने वालों को होने वाली परेशानी समझी जा सकती है। सबसे ज्यादा बदहाल यहां की 500 दुकानों के मालिकों और उनसे जुड़े 15 हजार परिवार हैं।

बता दें, 2015 के बाद से ही यह सड़क पूरी तरह से जर्जर हालत में है। इसे बनाने के लिए अब तक तीन बार टेंडर जारी किया जा चुका है, लेकिन सभी ठेकेदारों ने कुछ दूर सड़क बनाने की खानापूर्ति के साथ काम छोड़ दिया और फरार हो गए।

इस हाईवे से कई बड़े राजनेताओं का आना-जाना लगा रहा। लेकिन किसी ने भी इसकी बदहाली पर ध्यान नहीं दिया। सरकार और विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते भी इसकी हालत नहीं सुधर पाई। यही वजह है कि सड़क अभी तक नहीं बन पाई है।

स्थानीय BJP विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने सदन के जरिए तीन बार अलग-अलग सत्रों में सवाल उठाया, लेकिन NH के अधिकारियों को कोई खास फर्क नहीं पड़ा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष परशुराम पूर्वे ने बताया कि बारिश में बाजार में रहने वाले और बाजार आने वाले लोगों को काफी परेशानी होगी।

सड़क की बदहाल स्थिति मानसी पट्‌टी से कलना तक है।
सड़क की बदहाल स्थिति मानसी पट्‌टी से कलना तक है।

घरों में घुस जाता है बारिश का पानी

गृहिणी भगवती देवी ने बताया कि बारिश के बाद सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाता है। अधिक पानी रहने के कारण घरों में भी पानी घुस जाता है। पानी कम होने के बाद कीचड़ और धूल की समस्या बनती है।

व्यापार भी हो रहा है प्रभावित

हार्डवेयर व्यवसायी हिम्मत लाल राउत ने कहा, सड़क की दुर्दशा के कारण व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है। बाहर से मालवाहक वाहन सामान लेकर बाजार आने से मना करता है। क्योंकि यहां गड्‌ढों में सड़क है।

2015 के बाद से सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
2015 के बाद से सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है।

बारिश होते ही जमा हो जाता पानी

स्थानीय होटल संचालक जीवछ महतो का कहना है कि सड़क जर्जर होने के कारण दुकान पर ग्राहक कम आते हैं। बारिश के बाद सड़क पर दो फीट से ज्यादा पानी लग जाता है और धूप होने पर ही सूखता है।

टेंडर निकलते रहे पर सड़क नहीं बनी

1.सबसे पहले यह सड़क आरसीडी के तहत आती थी। आरसीडी ने टेंडर निकाला था। निर्माण कार्य एजेंसी ने कुछ किलोमीटर तक कार्य पूर्ण करने के बाद काम बंद कर दिया। इसके बाद विभाग ने आवागमन के लिए आधा दर्जन बार सड़क की मरम्मत कराया। वर्ष 2020 में यह सड़क एनएच जयनगर के अंदर आ गई। इसका टेंडर उसी वर्ष करीब 28 करोड़ रुपए में हुआ। ठेकेदार ने समय-सीमा के अंदर काम नहीं किया। इस पर एनएचएआई ने उसे हटा दिया। मामला अब कोर्ट में चल रहा है।

मेटेरियल का रेट बढ़ा, काम में परेशानी

सड़क निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार रवींद्र कुमार ने बताया कि मेटेरियल का रेट बढ़ गया है। साथ ही विभाग द्वारा पेमेंट भी लंबित है। इस कारण निर्माण कार्य अवरुद्ध हो रहा है। वहीं, एनएचएआई जयनगर के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर लोकेशनाथ मिश्रा के ठेकेदार को हटा दिया गया है। दोबारा टेंटर प्रकिया में कम से कम 3 महीने का समय लग जाएगा। वर्तमान में बारिश के मौसम को देखते हुए विभाग सड़क की मरम्मत कराएगा।

क्या बोले पथ निर्माण मंत्री

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मामला संज्ञान में आते जांच टीम का गठन किया गया है। अधिकारी को जांच का आदेश दिया गया है। संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई की जा रही है।

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