भिण्ड : जरूरत 2500 अतिरिक्त बल की और मौजूद 1250 …?

न्यूनतम बल संख्या के बीच 9,81,999 वोटर करेंगे ग्राम सरकार के लिए मतदान…
1300 पुलिस बल के जवान हैं जिले में 450 करीब अतिरिक्त सशस्त्र बल के जवान हैं तैनात 9.81 लाख मतदाता करेंगे ग्राम सरकार के लिए मतदान 5.36 लाख से अधिक पुरुष मतदाता हैं पंचायत क्षेत्र में 4.45 लाख से ज्यादा महिला मतदाता हैं पंचायत क्षेत्र में 439 ग्राम पंचायत हैं जिलेभर में

भिण्ड. जिले भर के 439 ग्राम पंचायत क्षेत्र में 1825 मतदान केंद्र पर शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए जरूरत 2500 अतिरिक्त बल की है। मौजूदा स्थिति में सुरक्षा बलों की तीन कंपनी, एक प्लाटून एवं जिले भर के पुलिस बल सहित 1250 जवान हैं। प्रशासन ने सुरक्षा बल की सात और कंपनियों की मांग की है।

भले ही राज्य एवं जिले की सीमा पर नाके स्थापित कर दिए गए हैं। गांव-गांव भ्रमण कर पुलिस दल ग्रामीणों को शांतिपूर्ण मतदान कराने का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा आदतन अपराधियों के विरुद्ध जिलाबदर एवं प्रभावशाली व्यक्तियों को बाउण्डओवर किए जाने की कार्रवाई की जा रही हैं। बावजूद इसके पर्याप्त बल संख्या नहीं होने की कमी खल सकती है। पिछले कई पंचायत चुनावों में मतदान केंद्रों पर कब्जे एवं फर्जी मतदान को लेकर हुए खून-खराबे पर्याप्त बल तैनात कराए जाने की जरूरत महसूस करवा रहे हैं।

ये है भिण्ड जिले में मौजूदा बल की स्थिति

पुलिस बल के रूप में कुल 1300 जवान हैं। इनमें से 30 फीसद जवान कार्यालयीन कार्य में तैनात रहते हैं। शेष बल में 25 निरीक्षक, 78 उप निरीक्षक एवं 179 एएसआई हैं। शेष 1018 प्रधान आरक्षक व आरक्षक हैं। इसके अलावा विशेष सशस्त्र बल के रूप में 100 जवान से ज्यादा जवानों की संख्या है। वहीं सुरक्षा बल की दो कंपनी के रूप में 200 से ज्यादा सशस्त्र बल मौजूद है। इतना ही नहीं एक प्लाटून की शक्ल में 36 सशस्त्र जवान अतिरिक्त हैं। इसके अलावा हाइटेक ड्रोन का उपयोग भी कराए जाने की तैयारी की गई है।

अति संवेदनशील केंद्रों पर रहेगी चुनौती

1825 मतदान केंद्रों में से 200 से ज्यादा पोलिंग बूथ अतिसंवेदनशील माने जाते रहे हैं। इसके अलावा 500 से अधिक संवेदनशील की श्रेणी में दर्ज रहे हैं। लिहाजा इन मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रूप से होना हर सूरत में लाजिमी है। हालांकि कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने केंद्रों का भ्रमण कर जायजा लिया है।

सुरक्षा बल की मांग की गई है। चुनाव तक कुछ कंपनियों के उपलब्ध होने की उम्मीद है। हालांकि जिले में अलग-अलग चरणों में चुनाव होने से ज्यादा समस्या उत्पन्न नहीं होगी।

राजेश चावला, एडीजी चंबल संभाग

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