Gwalior : डाक्टरों के फर्जी दस्तावेज पर चल रहे अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी
Gwalior Health News: डाक्टरों के फर्जी दस्तावेज पर चल रहे अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी….
खुद डाक्टर स्वास्थ्य विभाग को लिखकर दे चुके हैं कि उनके दस्तावेज बिना उनकी अनुमति के इन अस्पतालों में उपयोग हो रहे हैं…
Gwalior । शहर में 373 निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। यहां पर अस्पतालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और डाक्टरों की संख्या जस की तस है। जिसके चलते डाक्टरों के फर्जी दस्तावेज लगाकर हर महीने नए-नए अस्पताल खोले जा रहे हैं। जिन अस्पतालों में डाक्टरों के फर्जी दस्तावेज लगाए गए हैं, उन अस्पतालों की तरफ स्वास्थ्य विभाग ने मुढ़कर तक नहीं देखा, जबकि खुद डाक्टर स्वास्थ्य विभाग को लिखकर दे चुके हैं कि उनके दस्तावेज बिना उनकी अनुमति के इन अस्पतालों में उपयोग हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को जिन अस्पतालों पर कार्रवाई करना चाहिए थी, उन्हें नोटिस देकर भूल गया है।
डाक्टर एक, अस्पताल अनेक: मैक्स केयर, आयुष, शुभम, अनमोल, मां केलादेवी, कल्पना, स्वास्तिक, जीवन ज्योति, मानसरोवर, बालाजी, आरोग्य द मेडिसिटी, धनवंतरी, न्यू सरस्वती, सर्वोदय, परिवार, न्यू परिवार, कोर्णाक, टाइम, श्याम, भारत, अंश, रामकृष्ण, रौनक, रमा देवी स्मृति, कालरा, आरोग्य आई, जाइबो, केएमजे अंश, आइडिया, न्यू एसबीएम, एलिस, एसबीएम, सिद्वार्थ, शिवजी बाल चिकित्सालय, हर्षवर्धन मेमोरियल सहित शहर के करीब एक सैकड़ा अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें डाक्टरों के दस्तावेजों में गड़बड़ी है। इन अस्पताल संचालकों ने बेड संख्या अधिक लेने के लिए डाक्टरों के दस्तावेज लगा दिए। हकीकत यह है कि जितने बेड की अनुमति स्वास्थ्य विभाग से मिली है, उतने डाक्टर इन अस्पतालों में मिलाकर नहीं है।
दस्तावेजाें में गड़बड़ीः डा. शेलेन्द्र सिंह के नाम से चार अस्पतालों में दस्तावेज लगे हुए हैं। जिसमें उनका पंजीयन नंबर बदला हुआ है। मानव नेत्रालय और विजन लासिक सेंटर में डा.शैलेन्द्र सिंह ने 2564 पंजीयन नंबर दर्ज कराया, जबकि संकल्प में 9675 पंजीयन नंबर दर्ज है और चिरायु में अलग पंजीयन नंबर है। इसी तरह से मानव सेथिया का दो अस्पतालों में नाम दर्ज है पर दोनों में पंजीयन नंबर अलग-अलग है। डा मनीष शर्मा के नाम से चिरायु, आरजेएन अपोलो, ऋषिश्वर, जीवन ज्योति में अलग-अलग पंजीयन नंबर दर्ज है। इनकी जन्म तिथि और डिग्री भी अलग-अलग बताई गई है। यह गड़बड़ी हुई तो हुई कैसे और दस्तावेजों का परीक्षण ठीक से क्यों नहीं किया गया। जिस पंजीयन नंबर पर डाक्टर का नाम दर्ज है वह एक या अनेक हैं, इसकी जांच करना आवश्यक है। क्योंकि शहर में पान की दुकान की तरह अस्पताल खुल चुके हैं, जिनमें डाक्टर नहीं दलाल काम कर रहे हैं और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।
किन-किन अस्पतालों में कौन-कौन डाक्टर दे रहे सेवाएंः
डाक्टर पंजीयन जन्म दिनांक डिग्री अस्पताल
डा शैलेन्द्र सिंह 2564 2 फरवरी 1973 एमएस मानव नेत्रालय, विजन लासिक सेंटर
डा शैलेन्द्र सिंह 9675 20 जनवरी 1965 एमडी संकल्प हास्पिटल
डा शैलेन्द्र सिंह 6 मई 1988 एमडी चिरायु मल्टी स्पेशियलिटी
डा मानव सेथिया 22014 18जून 1974 एमडी जीवन ज्योति नेत्रालय, विजन लासिक सेंटर में 21160 पंजीयन नंबर बताया
डा मनीष अग्रवाल 18669 17 दिसंबर 1986 एमडी चिरायु मल्टी स्पेशियलिटी,आरजेएन अपोलो, स्पेक्ट्रा हास्पिटल एमबीबीएस बताया
डा मनीष अग्रवाल 5750 24 सितबंर 1985 डिप्लोमा जोश मेट्रेनिटी, ऋषिश्वर हास्पिटल में आर्थोपेडिक जन्म तिथि 13 जुलाई 1976 लिखी
डा मनीष अग्रवाल 5650 13जुलाई 1976 एमबीबीएस जीवन ज्योति हास्पिटल
वर्जन-
अस्पतालों को नोटिस देकर उनकी जांच भी की जा रही है। सभी अस्पताल संचालकों से उनके यहां पर मौजूद स्टाफ की सूची मांगी गई। जिसका मिलान स्वास्थ्य विभाग में जमा दस्तावेजों से किया जा रहा है। जिनके दस्तावेज गड़बड़ मिल रहे हैं, उन पर कार्रवाई भी की जा रही है। जांच में थोड़ा वक्त और लगेगा।
डा. मनीष शर्मा, सीएमएचओ