MP: डेढ़ लाख बच्चे कम पैदा हुए; लॉकडाउन में सहमे कपल, पेरेंट बनने से किया परहेज…?

MP में कोरोना काल का डराने करने वाला सच …?

डेढ़ लाख बच्चे कम पैदा हुए; लॉकडाउन में सहमे कपल, पेरेंट बनने से किया परहेज…?

कोरोना की जानलेवा पहली-दूसरी लहर को कोई नहीं भूल पाएगा। इस दौरान मध्यप्रदेश में बच्चों की जन्मदर भी घट गई। कोरोना से पहले की तुलना में पैदा हुए बच्चों की संख्या में कमी आई है। कोरोना की दोनों लहरों के बीच करीब डेढ़ लाख बच्चे कम पैदा हुए। कारण कोरोना की दहशत, अस्पतालों में सुविधाओं की कमी और बढ़ती बेरोजगारी रही।

ये खुलासा पिछले चार-पांच साल से किए गए मध्यप्रदेश के नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट में हुआ है। ये ट्रेंड शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी देखा गया। कोरोना के दौरान जिन जोड़ों की शादियां हुईं, उनमें से कई ने फैमिली प्लानिंग को आने वाले दो से तीन साल के लिए टाल दिया। महिलाएं भी बच्चे पैदा करने के लिए तैयार नहीं हुईं। इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं…

इन तीन रियल केस से समझिए…

केस 1- शादी के 3 साल बाद प्लान किया, फिर कोरोना में कैंसिल किया

रायसेन की रहने वाली 28 साल की युवती की शादी 2017 में हुई थी। दंपती ने तीन साल बाद बेबी प्लान करने का सोचा। इसी दौरान कोरोना आ गया। मार्च-अप्रैल में लॉकडाउन लगा। इसके बाद बच्चे की प्लानिंग आगे बढ़ा दी। सितंबर-अक्टूबर 2020 में पहली लहर के दौरान मामले बढ़े तो वे डरे। रिस्क नहीं लेना चाहते थे। जानते थे कि प्रेग्नेंसी के बाद रुटीन चेकअप के लिए भी जाना होगा। कोरोना को देखते हुए ये संभव नहीं था। 2021 में अप्रैल-मई में दूसरी लहर आई, तो वे और डर गए। लिहाजा, फिर टाल दिया। अब शादी के 5 साल बाद आखिरकार बेबी प्लान किया है।

केस 2- कोरोना में शादी हुई, तीन साल टाली फैमिली प्लानिंग

होशंगाबाद की रहने वाली युवती की शादी पहली लहर में टल गई। आखिरकार दूसरी लहर के दौरान जैसे-तैसे शादी हुई। फिर बात आई फैमिली प्लानिंग की, तो कोरोना के कारण टाल दिया। पति ने भी स्थिति को देखते हुए मना कर दिया। तीसरी लहर के बाद अब चौथी लहर की भी आहट है। कोरोना के डर के कारण अब फिर उन्होंने फैमिली प्लानिंग को अगले साल के लिए टाल दिया है।

केस 3- टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए पेरेंट्स बनने का सोचा, नहीं बन पाए

भोपाल के युवती की शादी 2014 में हुई थी। दोनों ने लव मैरिज की थी। 3 साल बाद फैमिली बढ़ाने की सोची, लेकिन कुछ दिक्कतों के कारण पत्नी प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही थी। इसके बाद टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिए फरवरी 2020 में पेरेंट्स बनने को राजी हुए। भोपाल के एक सेंटर में जाकर प्रक्रिया के बारे में जाना। मार्च में लॉकडाउन लगने के कारण प्लान टल गया। फिर लगा कि 3-4 महीने बाद प्लानिंग करेंगे, लेकिन फिर दूसरी लहर आ गई। डर था कि कोविड काल में कैसे रिस्क लें। करीब ढाई साल मेंटली स्ट्रेस से गुजरते रहे। अब दो महीने पहले इसकी प्रोसेस ऑन हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *