यूपी में एफआईआर
एएनआई के मुताबिक यूपी पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्रण के लिए फिल्म ‘काली’ की निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज
वहीं दिल्ली पुलिस की IFSO इकाई ने काली फिल्म से संबंधित एक विवादास्पद पोस्टर के संबंध में IPC की धारा 153A और 295A के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
सामने आया मेकर्स का बयान
मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।” जब इस पर विवाद बढ़ने लगा तक लीना ने तमिल में पोस्ट शेयर कर लिखा, “इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं। यदि आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग करने की बजाए मुझसे प्यार करने लगोगे।”
नुसरत जहां ने कहा…
नुसरत जहां ने मेकर्स का साइड लेते हुए कहा, ‘धर्म को बीच में मत लाओ। इसे बेचने लायक मत बनाओ। अपने ड्राइंग रूम में बैठकर सारी मसालेदार स्टोरी को देखना बहुत आसान होता है। मैंने हमेशा क्रिएटिविटी को सपोर्ट किया है। व्यक्तित्व को सपोर्ट किया है। मेरा माना है कि धार्मिक भावनाएं आहत नहीं की जा सकतीं। क्योंकि हर कोई अपने धर्म को अपने हिसाब से फॉलो करता है। मैं अपने तरीके से और आप अपने….आपको वो करने का हक है और मुझे भी।’
क्या सुप्रीम कोर्ट….
वहीं फिल्म मेकर अशोक पंडित ने लिखा, ‘क्या सुप्रीम कोर्ट, जिसने कन्हिया लाल की हत्या के लिए नुपुर शर्मा को दोषी ठहराया था, अब एक फिल्म निर्माता के मामले को उठाएगी जिसने हिंदू देवी (मां काली) को गाली दी है। क्या कोर्ट उसे सलाखों के पीछे नहीं डालेगी? क्या अर्बन नक्सल गैंग की बेगम और लुटियंस मीडिया इसकी निंदा करेगी?