आज से लोहिया संस्थान में नही मिलेगा मुफ्त इलाज …?

एक रुपए के पर्चे की जगह अब 100 रुपए से होगा रजिस्ट्रेशन, जांचों पर भी लगेगा शुल्क…

लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में आज से बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। अब तक फ्री में मरीजों का उपचार कर रहे डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अब मरीजों को फ्री उपचार की सुविधा नही मिलेगी।

संस्थान प्रशासन की दलील है कि यह बदलाव शासन के निर्देश पर किया गया है। और इसके लागू होने से संस्थान में उपचार सेवाओं के शुल्क में एकरुपता आएगी। यह बात और है कि इस बदलाव का सीधा असर संस्थान में रोजाना आने वाले 2500 हजार से ज्यादा मरीजो पर पड़ेगा।

आज से सरकारी चिकित्सालय में करनी होगी जेब ढ़ीली

संस्थान में OPD समेत इलाज के लिए मरीजों को पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यह नियम संस्थान के शहीद पथ के।नजदीक बने मातृ और शिशु रेफेरल यूनिट में भी लागू होगा। बड़ी बात यह है कि OPD के अलावा IPD यानी मरीज को भर्ती करने पर भी अब शुल्क देना पड़ेगा।

2019 में हुआ था लोहिया संस्थान और लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय
2019 में हुआ था लोहिया संस्थान और लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय

दरअसल अभी तक संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में भर्ती होने वाले मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। महज एक रुपये के पर्चे पर OPD में डॉक्टर मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया करा रहे थे। बदलाव के बाद अब OPD के लिए 100 रुपये का पहला रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि इमरजेंसी में मरीजों को अभी भी फ्री उपचार की सुविधा मिलना जारी रहेगी।

ओपीडी से IPD यानी भर्ती के वक्त चुकाने होंगे ढाई हजार

अभी तक हॉस्पिटल ब्लॉक में भर्ती मरीजों को मुफ्त इलाज मिलता है। एक रुपये के पर्चे पर ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को सलाह और मुफ्त दवाएं दे रहे थे। जांच शुल्क भी नहीं था। अब ओपीडी से भर्ती होने वाले मरीजों को शुरुआत में 2500 रुपये जमा करने होंगे। इलाज के दौरान इसमें रोजाना के हिसाब से रुपये की कटौती होती रहेगी। अभी मरीजों की MRI जांच 2500 रुपये में हो रही है। एक्सरे, सीटी स्कैन जांच मुफ्त है। खून की जांचें भी फ्री हो रही हैं।हजारों मरीजों पर बोझ

रोजाना 2500 से ज्यादा मरीज लोहिया संस्थान में इलाज के लिए आते है

दरअसल लोहिया संस्थान का अस्पताल में साल 2019 में विलय हुआ था। अभी तक हॉस्पिटल ब्लॉक में मरीजों को मुफ्त इलाज मिल रहा था। जबकि संस्थान के सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक में इलाज का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। शासन ने दोनों संस्थानों में इलाज और शुल्क की व्यवस्था एक करने के निर्देश दिए थे। संस्थान प्रशासन के इस फैसले का असर रोजाना OPD में आने वाले करीब 2500 से ज्यादा मरीजो पर पड़ेगा

यह थी अभी तक व्यवस्था

अभी तक हॉस्पिटल ब्लॉक में भर्ती होने वाले मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। एक रुपये के पर्चे पर ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को सलाह व मुफ्त दवाएं उपलब्ध करा रहे थे। जांच का शुल्क भी मरीजों से नहीं लिया जा रहा था। अब मरीजों को इलाज के एवज में पैसे खर्च करने होंगे।

लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में विभागों का होता है संचालन

हॉस्पिटल ब्लॉक में करीब 400 बेड हैं। इसमें मेडिसिन, हड्डी, डेंटल, जनरल सर्जरी, ईएनटी, मानसिक, त्वचा, नेत्र समेत दूसरे विभागों का संचालन हो रहा है। ज्यादातर विभागों में मरीज भर्ती किए जा रहे थे। ओपीडी में रोजाना दो से तीन हजार मरीज आ रहे हैं।

इनकी सुनिए –

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ ए.जैन ने बताया इस कदम से संस्थान के नियमों में एकरुपता आने के अलावा मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी। इमरजेंसी सेवाओं और प्रसूति सेवाओं को निशुल्क ही रखा गया है।

सेवाएं दरें (रुपये में)

ओपीडी 100

बेड शुल्क 250

सीटी स्कैन 1000 से 6000

एमआरआई 3500 से 9000

एक्सरे 150 से 600

CBC 165

विटामिन डी 800

विटामिट बी-12 — 330

एलएफटी 125

थायराइड 360

यूरिन कल्चर 250

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