ग्वालियर: सफल तकनीकी..आईटीएमएस …? ट्रैफिक सुधार के साथ-साथ अपराधों की तहकीकात भी हो रही, 34 में से 24 मामलों को किया सॉल्व

शहर में होने वाले अपराधों में आरोपियों को पकड़वाने में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमस) काम आ रहा है। अभी तक स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के आईटीएमएस ने पुलिस के 34 मामलों में से 26 मामलों के निराकरण में मदद की है। आईटीएमएस ने ग्वालियर ही नहीं पांच राज्य यूपी, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और दिल्ली पुलिस की भी मदद की है।

इसकी सफलता को देखकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) एसके झा ने सीईओ स्मार्ट सिटी को पत्र भेजकर पुलिस द्वारा लगाए गए ऑटो मैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम कैमरे (एएनपीआर) के साथ इंटीग्रेशन करने के लिए कहा है। एएसपी अभिनव चौकसे का कहना है कि आईटीएमएस में लगे कैमरों की क्वालिटी अच्छी है। इससे वाहनों में लगे नंबर भी स्पष्ट दिख जाते हैं। इसने हमारी बहुत मदद की है।

इन प्रमुख मामलों में की मदद

  • 6 जून 2022: एमआईटीएस के प्रोफेसर शिशिर दीक्षित के घर बदमाशों ने लूट की। पुलिस ने 532 सीसीटीवी कैमरों का परीक्षण किया। इसके बाद पुलिस ने आईटीएमस की मदद ली तो तो कैमरा नंबर 8241 ने पूरा मामला खोल दिया।
  • 25 मई 2022: मुरार पुलिस ने नाबालिग बच्चे के अपहरण में प्रयुक्त गाड़ी का पता लगाने आईटीएमएस से पड़ताल कराई। आईटीएमएस संचालित करने वाली टीम ने उक्त वाहन का नंबर खोजकर पुलिस की मदद की।
  • 12 मई 2022: मुरार थाना के कांस्टेबल अरविंद गुर्जर एवं पंकज तोमर ने आईटीएमएस शाखा से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि सात नंबर चौराहा पर कार सवार युवकों ने लड़की पर हमला किया। आईटीएमएस ने उक्त वाहन को खोजकर नंबर खोजकर दे दिया।
  • 27 अप्रैल 2022: झांसी रोड थाना पुलिस ने एक गुमशुदगी के मामले में आईटीएमएस की मदद ली। यहां की टीम ने उक्त सिस्टम की मदद से आटो चालक का पता लगाकर वाहन नंबर बता कर पुलिस की मदद की।

आईटीएमस का मल्टीपल उपयोग हो रहा है

आईटीएमएस का मल्टीपल उपयोग हो रहा है। इनके कैमरों की मदद से कई अपराधों में पुलिस की मदद की है। अभी पुलिस मुख्यालय से एएनपीआर कैमरों को लेकर पत्र आया है। -नीतू माथुर, प्रभारी स्मार्ट सिटी

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