योगी के दो मंत्री सरकार से नाराज …?
जितिन और खटीक से जुड़ी खबरें खबरें यूं ही नहीं हैं। इसके पीछे दो वजहें भी थीं।
पहला: जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद से लखनऊ के अपने सरकारी आवास नहीं पहुंचे। अपनी सरकारी गाड़ी और सुरक्षा छोड़ मेरठ चले गए। अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया।
दूसरा: लोक-निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भी अपने OSD के हटाए जाने के बाद से ही नाराज बताए जा रहें है। मंगलवार को पूरा दिन मीडिया से बचते रहे। कैबिनेट बैठक में भी पीछे के गेट से आए और वहीं से निकल गए। मीडिया के कैमरे इंतजार करते रह गए। शाम होते-होते जितिन भी अपने गृह जनपद शाहजहांपुर पहुंच गए। जितिन से भी बात करने की कोशिश हुई, लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया।
ये वो दो वजहें है जिसके आधार पर नाराजगी और इस्तीफे की चर्चा शुरु हुई। अब आपको बतातें है कि मंत्रियों की नाराजगी के पीछे की असल वजह क्या है...
जितिन की नाराजगी की वजह: कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी और कद्दावर माने जाने वाले जितिन प्रसाद को योगी सरकार में भारी-भरकम लोक-निर्माण विभाग दिया गया है। इनके विभाग में ट्रांसफर सेशन के दौरान हुए तबादलों में कई बड़ी अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद CM ने एक कमेटी बना कर मामले की जांच सौंप दी। रिपोर्ट के बाद पहली कार्रवाई इनके OSD पर हुई। जिस अनिल पांडेय को अपना OSD बनाकर जितिन दिल्ली से लखनऊ लाए, उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर हटा दिया गया। कहा जा रहा कि इससे जितिन प्रसाद दुखी हो गए। कल कैबिनेट की बैठक के बाद CM से मुलाकात की। खबर है कि अपनी बात केंद्र तक पहुंचाने के लिए वो दिल्ली भी जा सकते है।
दिनेश खटीक की नाराजगी की वजह: जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपने विभाग के सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से बेहद नाराज हैं। आरोप है कि खटीक की ना तो विभाग के अधिकारी सुनते है और ना ही उनके अपने विभाग के सीनियर मंत्री। सरकार के 100 दिन पूरे होने के बावजूद भी उन्हें कोई काम नही सौंपा गया है।
मंगलवार को खटीक कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए। इसके बाद सिक्योरिटी और सरकारी गाड़ी छोड़ दी और मेरठ के गंगानगर में अपने घर चले गए। इससे पहले संगठन मंत्री सुनील बंसल से मुलाकात कर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। नाराज मंत्री ने 5 लोगों को चिट्ठी भी भेजी है। खटीक ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया है। दिनेश खटीक की अपने विभाग के कैबिनेट मंत्री से नहीं पट रही। करीब 10 दिन पहले दिनेश खटीक बहुत नाराज हुए थे। तब डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य उनको मनाने के लिए उनके घर भी गए थे।
CM योगी ने कहा था- राज्यमंत्री को भी दी जाए जिम्मेदारी
सरकार के गठन के बाद CM योगी ने कैबिनेट मंत्रियों से कहा था कि सभी अपने-अपने राज्यमंत्रियों को जिम्मेदारी दें। विभाग के काम का बंटवारा भी करें।
मंत्री ने चिट्ठी में क्या लिखा?
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री दिनेश खटीक ने 5 पत्रों की चिट्ठी लिखी है। इसमें लिखा है, ‘मैं जिस समाज का हूं उस समाज का भला न कर सकूं तो मेरा मंत्री रहने का क्या फायदा? अधिकारी और प्रमुख सचिव पक्षपात करते हैं। मेरी बात नहीं सुनते हैं। हमारे सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव भी ना तो मुझे कोई काम देते हैं और ना ही विभाग की जानकारी शेयर करते हैं। ऐसे में मंत्री रहने का क्या फायदा?”
स्वतंत्र देव सिंह बोले- मुझसे दिनेश खटीक नाराज नहीं
जल शक्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनकी राज्य मंत्री दिनेश खटीक से तो रोज बात होती है। दिनेश नाराज नहीं है। इस्तीफे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
खटीक पहले भी दे चुके हैं इस्तीफे की धमकी
4 जून को मेरठ में एक टेंट कारोबारी और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया था। बचाव करने गए मंत्री दिनेश खटीक की पुलिस ने नहीं सुनी। इसके बाद मंत्री ने इस्तीफा देने की बात कहते हुए प्रेसवार्ता बुला ली।
2017 में पहली बार विधायक बने थे दिनेश
दिनेश खटीक मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं और योगी सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री हैं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी आखिरी एक्सटेंशन में इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। चुनाव से चार महीने पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार में इन्हें मौका मिला था। दिनेश खटीक मवाना के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की।
संघ के कार्यकर्ता रहे हैं दिनेश खटीक
दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। विधायक दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट-भट्टे का कारोबार है। वर्तमान में वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं।