मुख्य सचिव की समीक्षा:बजट खर्च करने में 20 विभाग फिसड्डी, आदिवासी विभाग को मिले 399 करोड़, खर्च किए 74 करोड़
मप्र के 25 में से 20 अहम विभाग वित्तीय वर्ष 2022-23 में मिले बजट की राशि खर्च करने के लक्ष्य में काफी पीछे रह गए हैं। सबसे खराब स्थिति में संस्कृति विभाग है, जो 105 करोड़ में से तीन माह में सिर्फ एक करोड़ रुपए ही खर्च कर पाया। आदिवासी (जनजातीय) और दलित (अनुसूचित जाति) वर्ग के कल्याण वाले विभाग भी पैसे का पूरा उपयोग नहीं कर पाए। यह स्थिति तब है, जब राज्य सरकार जनजातीय और अजा वर्ग को लेकर चिंतित बताई जा रही है।
4 जुलाई को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इसकी समीक्षा की तो चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई। मुख्य सचिव ने इसके बाद सभी विभागों को ताकीद की कि वे पैसों का उपयोग और लक्ष्य की पूर्ति करें। साथ ही कहा कि नर्मदा घाटी विकास के जितने भी भुगतान रुके हुए हैं, उनके प्रस्ताव अलग से वित्त विभाग को भेजा जाए। पीडब्ल्यूडी को जनजातीय कार्य विभाग के कुछ काम करने हैं। उन्हें भी शुरू किया जाए। सीएम राइज स्कूलों के कामों की डीपीआर तुरंत तैयार करके टेंडर बुलाएं। एक जिला-एक टेंडर फार्मूला हो।
दलित कल्याण के लिए मिले 54 में से 6 करोड़ ही खर्च
पीडब्ल्यूडी ने 200 करोड़ ज्यादा, जल संसाधन ने 22 करोड़, नर्मदा घाटी ने 78 करोड़ और गृह विभाग ने लक्ष्य से 10 करोड़ अधिक खर्च किया है। एमएसएमई ने 3 करोड़ अधिक उपयोग किया।