भोपाल : परिवहन विभाग को खत्म करनी होगी एजेंट प्रथा ..!

 परिवहन आयुक्त ने स्वीकारा एजेंट नाम की कोई व्यवस्था नहीं, लेकिन पहले कभी संज्ञान नहीं लिया

सिर्फ आरटीओ व एआरटीओ को हटाने से नहीं होगा व्यवस्था में सुधार, खत्म करनी होगी एजेंट प्रथा।

भोपाल । क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय यानी आरटीओ में एजेंट के माध्यम से काम कराने नाम की कोई व्यवस्था हीं नहीं है। यह बात स्वयं परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने स्वीकार की है। तब भी स्थित यह है कि भोपाल आरटीओ कार्यालय में कुछ को छोड़ दें तो ज्यादातर अधिकारी व बाबुओं के कैबिन में एक एजेंट एक दिन में पांच से 15 बार दाखिल होता है। यह कोरी बात नहीं है, बल्कि इसका सबूत आरटीओ कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हैं। इन एजेंटों की इतनी दखल है कि इनके आगे आम नागरिक की एक नहीं चलती। यदि कोई आम नागरिक हिम्मत करके अंदर दाखिल हो भी जाए तो यही अधिकारी उसके दस्तावेज में एक नहीं, बल्कि अनेक कमियां निकाल मारते हैं और जब वहीं व्यक्ति एजेंट के जरिए आता है तो कमियां भी नहीं दिखती और काम आसानी से हो जाते हैं। यह अनुभव आरटीओ कार्यालय का चक्कर लगाने वाले हर दूसरे व्यक्ति का है। उल्लेखनीय है कि रविवार को आरटीओ संजय तिवारी व एआरटीओ अनपा खान को हटाया गया है।

अकेले आरटीओ व एआरटीओ को हटा देने से नहीं बनेगी बात

सवाल यह है कि क्या सिर्फ आरटीओ व एआरटीओ को हटाने से एजेंटों का बोलबाला खत्म हो जाएगा? क्या वर्षों से जमे एजेंट आरटीओ में अब नहीं दिखेंगे? इस पर परिवहन विशेषज्ञों ने कहा कि 95 प्रतिशत से अधिक आरटीओ संबंधी कार्य एनआइसी के पोर्टल परिवहन सारथी और वाहन-चार से आनलाइन हो रहे हैं। तब भी एजेंटों को बढ़ावा दिया गया। इसमें एक अधिकारी व बाबू की मिलीभगत नहीं है, बल्कि यह एक अवैध चलन बना हुआ है, जिसे जिम्मेदारों ने ही बढ़ावा दिया है। स्थिति ऐसी पैदा की जाती है कि आम नागरिक, ईमानदारी से काम कराना चाहे तो उनके काम नहीं होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की गहराई तक जाना होगा, एजेंटों से सांठगांठ करने वाले अधिकारी, बाबुओं की पहचान कर उन्हें भी कार्रवाई के दायरे में लेना होगा। यदि ऐसे अधिकारी व बाबुओं की पहचान करनी हो तो इनकी काल डिटेल निकालकर मदद ली जा सकती है। आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

खुलेआम बाहर लगी है टेबल कुर्सी

दिनेश त्यागी (बदला हुआ नाम) का कहना है कि आरटीओ के बाहर टेबल-कुर्सियां लगा कर एजेंट बैठे रहते हैं। ये आरटीओ के भीतर भी सक्रिय रहते हैं। काम इन्हीं के जरिए होते हैं। वहीं लोगों को काम कराने के लिए आरटीओ के कई चक्कर लगाने होते हैं, जो कमीशन देते हैं, उनके काम जल्द हो जाते हैं। पहले आरटीओ शाहजहांनाबाद में था, उस समय भी एजेंटों की सक्रियता थी। इसके बाद सात नंबर मानसरोवर काम्प्लेक्स में शिफ्ट हुआ तो यहां पर भी एजेंटों की सक्रियता रही। अब कोकता ट्रांसपोर्ट नगर नए आरटीओ भवन भी एजेंटों का गढ़ बन चुका है।

– यह है नियम

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कोई भी एजेंट परिवहन विभाग से अधिकृत नहीं होता है। एजेंट आरटीओ के भीतर नहीं बैठ सकते हैं। आरटीओ के बाहर नगर निगम सीमा में एजेंट बैठते हैं तो उन्हें हटाने की कार्रवाई नगर निगम प्रशासन की होती है।

एक नजर में हर दिन होने वाले आरटीओ संबंधी कार्य

1000 तक लोग आरटीओ संबंधी कार्य कराने आरटीओ पहुंचते हैं।

300 तक एजेंट भोपाल आरटीओ में सक्रिय।

2016-17 में नगर निगम ने हटाने की कार्रवाई की थी।

250 वाहनों का पंजीयन।

80 वाहनों की फिटनेस।

300 तक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस।

100 वाहनों के स्थानांतरण।

एक्सपर्ट व्यू: लोगों को गुमराह करते हैं

जब आनलाइन सिस्टम हो गया है तो एजेंटों की व्यवस्था को पूरी तरह बंद कर देनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है, इन्हें प्राथमिकता दी जाती है। यहां तक कि कई बार देखने में आता है कि जो काम आम नागरिक अपने दम पर कराना चाहते हैं, कई बार उनमें अड़ंगे लगाए जाते हैं। ऐसे काम एजेंट के जरिए आसानी से हो जाते हैं। लोगों को भी एजेंटों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। जब आम नागरिकों के काम समय पर होंगे तो लोग एजेंट के पास जाकर अधिक रुपये क्यों चुकाएंगे?

-श्याम सुंदर शर्मा, परिवहन विशेषज्ञ, भोपाल

धीरे-धीरे एजेंटों काम बंद हो जाएगा

हम किसी से नहीं कहते कि एजेंटों से काम कराएं। आनलाइन व्यवस्था का पालन हर नागरिक को करना चाहिए। जैसे लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस लोग स्वयं ही बना रहे हैं। लोग अपनी सुविधा के लिए एजेंटों को पकड़ लेते हैं। परिवहन विभाग से एक भी एजेंट अधिकृत नहीं है। अब लोगों को आरटीओ संबंधी कार्यों की जानकारी हो रही है। धीरे-धीरे एजेंटों का काम बंद हो जाएगा।

-संजय कुमार झा, परिवहन आयुक्त

2 …..Sun, 25 Jun 2023 

हिसाब-किताब का पर्चा लीक होने के मामले में आरटीओ व एआरटीओ को हटाया
इस मामले में परिवहन विभाग की छवि धूमिल होने से आरटीओ और एआरटीओ को हटाने की कार्रवाई की गई है।

भोपाल। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय(आरटीओ)में एजेंटों व बस संचालकों के हिसाब-किताब का एआरटीओ अनपा खान द्वारा लिखा हुआ पर्चा लीक होने से परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने तत्काल प्रभाव से एआरटीओ अनपा खान को भोपाल आरटीओ से हटा दिया है।

अस्थाई रूप से एआरटीओ रंजना कुशवाह को आरटीओ का प्रभार दिया गया है। खान को ग्वालियर परिवहन आयुक्त कार्यालय तलब किया है। वहीं पर्चा लीक का मामला लीक सामने आने से आरटीओ संजय तिवारी को हटाया गया है। तिवारी को भोपाल कैंप आफिस अटैच किया है।

पर्चा पर हिसाब-किताब होने की जांच के लिए उप परिवहन आयुक्त दिलीप सिंह तोमर की अध्यक्षता में एक जांच दल गठित किया है, जो 10 दिन में जांच करके अपनी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को सौंपेगा।

परिवहन आयुक्त झा ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय व जिला परिवहन कार्यालयों में कार्य की सुधार के लिए सभी आरटीओ व डीटीओ को सख्त निर्देश भी दिए हैं। वहीं एआरटीओ रंजना कुशवाह को अस्थाई रूप से भोपाल आरटीओ का प्रभार सौंपा है।

बता दें कि गुरुवार को एआरटीओ अनपा खान व एजेंट जगदीश त्यागी के बीच पुराने वाहनों के कार्य को लेकर विवाद हुआ था। एजेंट जगदीश त्यागी के समर्थन में 19 एजेंटों ने आरटीओ परिसर में हंगामा कर दिया था।

एजेंटों का आरोप था कि एआरटीओ खान मुस्लिम एजेंटों काम करती हैं और हिंदूओं के काम नहीं करती हैं। विवाद की शिकायत अनपा खान ने पुलिस से शिकायत की थी।

इससे पहले भी अनपा खान व एजेंटों के बीच भी विवाद का मामला सामने आया था। एआरटीओ व एजेंटों के विवाद की आग ठंडी नहीं पड़ी थी कि इतने में रविवार को एजेंटों, बस संचालकों के हिसाब-किताब का पर्चा लीक हो गया। समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने से परिवहन विभाग की छवि धूमिल होने से आरटीओ और एआरटीओ को हटाने की कार्रवाई की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *