कबाड़ ने खोला 12 करोड़ के घोटाले का राज:​​​​​​ …?

बुरहानपुर के सिविल सर्जन, RMO का बड़ा घपला; जानिए कैसे पकड़े गए…

बुरहानपुर में चंद हजार रुपए के कबाड़ ने अफसरों के घपले के राज खोल दिए। परतें खुलीं तो 12 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आया। लपेटे में सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद, RMO डॉ. प्रतीक नवलखे, नेता, बाबू और पत्रकार आ गए। इन्होंने कोरोना काल में मिले फंड और मरीजों के लिए आए पैसों की जमकर बंदरबांट कर डाली। इस घोटाले का मास्टरमाइंड RMO है।

इस मामले में पुलिस ने 15 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें से 12 लोग गिरफ्तार किए चुके हैं। पुलिस ने तत्कालीन सिविल सर्जन अहमद और RMO नवलखे को भी गिरफ्तार किया है। मामला जिला अस्पताल का है।

अब जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और कैसे कबाड़ ने खोला पूरा घोटाला…

मई 2022 में सिविल सर्जन और RMO ने मिलकर जिला अस्पताल का कबाड़ बेचा था। इसमें पलंग, पंखा, टेबल, कुर्सी और कूलर सहित अन्य सामान था। कुछ लोगों ने अस्पताल का सामान कबाड़ी के पास देखा तो पुलिस को सूचना दी। CMHO डॉ. राजेश सिसोदिया की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

ऐसे किया गया घोटाला

RMO डॉ. प्रतीक नवलखे के कहने पर सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद लोगों के अकाउंट्स खुलवाता और पैसों को ठिकाने लगवाता रहा। दोनों ने कई लोगों के नाम बैंक अकाउंट खोल रखे थे। पता चला है कि इन्होंने कोरोनाकाल और रोगी कल्याण समिति का पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिया। इसमें डॉक्टर, पत्रकार, नेता, मंडी कर्मचारी, अस्पताल के बाबू भी शामिल थे। फर्जी कंपनियां बनाईं। उनके नाम पर पैसा निकाल लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 5 करोड़ की नकदी और संपत्ति भी जब्त की है।

बुरहानपुर जिला अस्पताल का ये कबाड़ बेचा था।
बुरहानपुर जिला अस्पताल का ये कबाड़ बेचा था।

ऐसे खुला मामला

कबाड़ मामले में FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की। इसके बाद पुलिस ने RMO के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया। इसी दौरान पता चला कि करीब 25-30 लाख रुपए डॉ. नवलखे ने जुए में उड़ा दिए। जांच में कई फर्जी अकाउंट्स की भी जानकारी मिली।

करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले

जांच में पता चला कि दोनों डॉक्टर्स सहित अन्य आरोपियों ने स्वीपर्स की ID लेकर फर्जी अकाउंट बनाए थे। इसके बाद उन्होंने उन खातों में पैसे भी डाले। लाखों के ट्रांजेक्शन किए। RMO के ट्रस्ट के अलावा उनके पर्सनल अकाउंट और तत्कालीन सिविल सर्जन के अकाउंट में भी सीधे पैसा गया। दोनों ने नेशनल हेल्थ और रोगी कल्याण समिति का पैसा भी खा लिया।

3 आरोपी अब भी फरार

पुलिस का कहना है कि RMO और सिविल सर्जन समेत 15 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 15 दिन पहले टीम ने RMO नवलखे और 22 जुलाई को सिविल सर्जन अहमद को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने दोनों आरोपियों समेत कुल 12 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है। 3 अब भी फरार हैं।

ये आरोपी हैं फरार

प्रेस क्लब‎ अध्यक्ष डॉ. आनंद उर्फ सूर्यकांत‎ दीक्षित, पत्रकार गोपाल‎ देवकर और कांग्रेस नेता विनोद मोरे फिलहाल फरार हैं।

ये हैं भ्रष्टाचार के किरदार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *