529 करोड़ से कलियासोत नदी पर बना पुल गिरा, पहली बारिश में खुली पोल

दूसरी तरफ का पुल भी भरभरा कर गिर सकता है, ऐसे में इस पुल से तुरंत वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करनी चाहिए…

भोपाल. कलियासोत नदी पर करीब 529 करोड़ की लागत से बना पुल गिर गया है, ये पुल भोपाल से मंडीदीप मार्ग पर 11 मिल के समीप स्थित है, अलसुबह पानी के तेज बहाव के कारण मिट्टी धसने से गिरे पुल के कारण वाहनों की आवाजाही थम गई है। बताया जा रहा है कि ये पुल महज एक साल पहले की तैयार हुआ है, जो निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोलते नजर आ रहा है।

भारी बारिश के चलते मंडीदीप पुल फोरलेन पर एक तरफ से बह गया है, पुल की स्थिति देखकर साफ नजर आ रहा है कि दूसरी तरफ के हालात भी कमजोर हैं, अगर इस पर से वाहन आवाजाही करेंगे, तो निश्चित ही दूसरी तरफ का पुल भी भरभरा कर गिर सकता है, ऐसे में इस पुल से तुरंत वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करनी चाहिए।

11 मिल के समीप टूटा पुल
नर्मदापुरम रोड पर भोपाल और मंडीदीप के बीच स्थित 11 मील के करीब पानी का बहाव तेज होने के कारण पुल टूट गया है, इस पुल के टूटने से मंडीदीप आवाजाही करने वाले वाहनों को बड़े पुल से निकाला जा रहा है, यहां पुल टूट जाने से आवाजाही करने वाले वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बड़ी खबर-भारी बारिश से बह गया पुल, यहां हो सकता है बड़ा हादसाइन डेमों के खुल गए गेट
प्रदेश में यूं तो अधिकतर डेमों के गेट खुल गए हैं, जिसमें तवा डेम, भदभदा डेम, कलियासोत डेम, ओंकारेश्वर डेम, बारना डेम, राजघाट डेम, सापना डेम आदि डेमों के लगभग सभी गेट खोल दिए गए हैं, इनसे लाखों लीटर पानी एक-एक सैकेंड में निकल रहा है। वहीं कुछ डेमों में भरपूर पानी की आवक हो गई है, अपने लेवल से ऊपर आते ही इन डेमों के गेट भी एक दो दिन में खुल जाएंगे, डेमों के गेट खुलने से एक साथ भयंकर पानी की आवक होती है, जिससे कई गांवों में लोगों के घरों में पानी भर जाता है, इसलिए प्रशासन ने भी डेमों के आसपास के गांवों में अलर्ट कर घर खाली करने के निर्देश दे दिए हैं, ताकि अचानक डेम के गेट खोलने पर किसी प्रकार की जनहानि नहीं हो।

प्रदेश में अधिकतर नदियां उफान पर हैं, इससे कई शहरों का गांवों से सम्पर्क टूट गया है, यहां तक ही हाइवे भी भारी बारिश के चलते बंद पड़े हैं, ऐसे में सड़क मार्ग से आवाजाही करना इन दिनों किसी चुनौती से कम नहीं हैं, अगर आप भी रक्षा बंधन पर कहीं जा रहे हैं, तो पहले उस रूट की जानकारी अच्छे से ले लें, ताकि आप अचानक बाढ़ आने से परेशान नहीं हों।

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