भोपाल-मंडीदीप : जिस पुल की दीवार धंसी, उसकी डिजाइन ही गलत …?
भोपाल-मंडीदीप रोड पर ब्रिज जोड़ने वाली सड़क में दिखने लगी थीं दरारें, फिर भी अनदेखी…
भोपाल-मंडीदीप रोड पर समरधा के पास ढलान पर पुल की मिट्टी धंस गई। …… ने इसकी पड़ताल की। पता चला कि कलियासोत ब्रिज की रिटेनिंग वॉल के भरभराकर गिरने की बड़ी वजह इसकी इंजीनियरिंग डिजाइन में ही खामी है। रात में 11 बजे भदभदा डैम से पानी छोड़े जाने के बाद कलियासोत नदी में पानी बढ़ा, तो रिटेनिंग वॉल भी जमींदोज हो गई।
गनीमत रही कि उस दौरान उस लेन पर कोई गाड़ी नहीं थी। MPRDC के अफसर भी मान रहे हैं कि प्रारंभिक जांच में ब्रिज की डिजाइन में गड़बड़ी का पता चला है। इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। निर्माण एजेंसी CDS इंडिया और कंसल्टेंट थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
……. को स्थानीय लोगों ने बताया कि ब्रिज को जोड़ने वाली सड़क में दरारें, तो बारिश के दौरान ही दिखनी शुरू हो गई थी, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। रविवार रात तक भी यहां दरारें भरने की कोशिश होती रही। इन दरारों को भरने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। यही वजह है कि उस दौरान वहां ट्रैफिक नहीं था। यदि बेरिकेडिंग नहीं होती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी से ही ठीक कराएंगे ब्रिज
MPRDC के जोनल मैनेजर एमएच रिजवी ने बताया कि CDS कंपनी ने इस ब्रिज का निर्माण किया है। 2020 में ये ब्रिज तैयार हो गया था। मई 2021 में यहां टोल शुरू हुआ। कंपनी ही अपने खर्च पर ब्रिज के पूरे हिस्से को दुरुस्त करेगी।
प्राथमिक जांच में ये साफ हो गया है कि ब्रिज और इसकी रिटेनिंग वॉल की डिजाइन गड़बड़ है। डिटेल जांच चल रही है, इसके बाद जवाबदेही तय होगी।
एनओसी देते वक्त MPRDC ने क्यों नहीं देखा
हालांकि प्रारंभिक तौर पर यह साफ हो गया है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी CDS और जयपुर की कंसल्टेंट फर्म ने अपना काम ठीक ढंग से नहीं किया। हालांकि खुद एमपीआरडीसी पर भी ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि ब्रिज की एनओसी देते समय अफसरों ने डिजाइन की खामियों को क्यों दनकिनार कर दिया?
CDS कंपनी का बनाया हुआ सिंगारचोली ब्रिज भी धंसा था
3 साल पहले एयरपोर्ट को रोड पर सिंगारचोली ओवरब्रिज की रिटेनिंग वॉल भी धंस गई थी। ये भी उसी CDS कंपनी ने बनाया था, जिसने इस ब्रिज को बनाया है। एयरपोर्ट रोड के दूसरे ब्रिजों में भी कई तकनीकी खामियां पाई गई थीं। मामले में भी कंपनी पर एक्शन लिया गया था। वो प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का है। उस समय भी सीडीएस कंपनी को ही ब्रिज की रिटेनिंग वॉल का काम अपने खर्च पर करके देना पड़ा था।
पुराने ब्रिज पर चल रहा है ट्रैफिक, नए ब्रिज के दोनों ओर रोका ट्रैफिक
कलियासोत नदी पर 6 लेन होने के बाद 4 लेन नया ब्रिज बना था। अभी इस ब्रिज पर दोनों छोर से ट्रैफिक रोक दिया गया है। पुराने ब्रिज से ही ट्रैफिक को जाने की अनुमति है।