आय के मुकाबले 280 गुना ज्यादा है बिजली विभाग के इस इंजीनियर की संपत्ति, जांच में जुटी EOW की टीम

 मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम द्वारा बिजली विभाग के एक इंजीनियर के घर दी गई दबिश में आय से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उसके चार आलीशान मकान हैं और एक दर्जन प्लॉट होने का ब्यौरा मिला है।
  • आय के मुकाबले 280 गुना ज्यादा है बिजली विभाग के इस इंजीनियर की संपत्ति
  • जांच में जुटी EOW की टीम
  • मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले का है मामला

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम द्वारा बिजली विभाग के एक इंजीनियर के घर दी गई दबिश में आय से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उसके चार आलीशान मकान हैं और एक दर्जन प्लॉट होने का ब्यौरा मिला है। इंजीनियर की संपत्ति आय के मुकाबले 280 फीसदी ज्यादा है। ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार, जबलपुर के दल ने शुक्रवार की सुबह बालाघाट के बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर दयाशंकर प्रजापति के प्रेम नगर स्थित आवास पर दबिश दी। इस दबिश में खुलासा हुआ कि दयाशंकर के चार आलीशान मकान हैं, इसके अलावा 12 प्लॉट हैं, वहीं कई महंगी गाड़ियां भी उनके पास हैं।

बताया गया है कि ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी कि प्रजापति के पास आय से अधिक संपत्ति है, इसकी जांच कराई गई तो शिकायत सही पाई गई और प्रजापति की सेवा अवधि के दौरान जो वैधानिक आई थी उससे 280 फीसदी से अधिक संपत्ति अर्जित करना पाया गया, उसके बाद ही शुक्रवार को ईओडब्ल्यू के दल ने प्रजापति के बालाघाट के प्रेम नगर स्थित घर की तलाशी ली और आय से अधिक की संपत्ति का पता चला।

मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेजेज़ में भले ही मेडिकल की शिक्षा दी जाती हो लेकिन यहां के क्लर्क भ्रष्टाचार की शिक्षा दे रहे हैं। महज 50 हजार रुपए महीना कमाने वाला ऐसा ही एक भ्रष्टाचारी क्लर्क तब पकड़ में आया जब सूचना के आधार पर EOW ने उसके घर छापेमार कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान तकरीबन 85 लाख रुपए नकद समेत प्लॉट जमीन के दस्तावेज और ज्वैलरी भी मिली है।

दरअसल बुधवार को भोपाल के उपनगर बैरागढ़ में रहने वाले हीरो केसवानी के घर आय से अधिक संपत्ति के मामले में EOW की टीम ने छापा मारा। इस दौरान EOW की टीम को न केवल 25 लाख रुपए नकद मिले, साथ ही ज्वैलरी और एक दर्जन से ज्यादा जमीनों के कागजात भी मिले। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में क्लर्क की हैसियत से काम करने वाले हीरो केसवानी को महज 50,000 रुपए तनख्वाह मिलती है लेकिन उससे कई गुना ज्यादा नगदी हीरो केसवानी के घर से मिली है।

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