महाराज बाड़ा …? सड़कों पर फिर कारोबार, 30 से 300 रुपये तक दो और मर्जी से कहीं भी सजा लो दुकान शहर का हृदय स्थल- महाराज बाड़ा, यहां फिर से सड़कें बिक गई हैं। सड़कों पर जगह-जगह दुकानें सजने लगी हैं। Publish Date: | Sat, 06 Aug 2022 08:15 AM (IST) नईदुनिया पड़ताल: अफसरों के निरीक्षण, तमाम प्लानिंग के बाद भी बाड़े से अवैध कारोबार खत्म नहीं ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर का हृदय स्थल- महाराज बाड़ा, यहां फिर से सड़कें बिक गई हैं। सड़कों पर जगह-जगह दुकानें सजने लगी हैं, कुछ दिनों की सख्ती के बाद अब फिर से सड़कों पर कारोबार शुरू हो गया है। गोरखी स्काउट से लेकर सुभाष मार्केट के बाहर, स्टेट बैंक और टाउन हाल के बाहर तक सड़कों पर दुकानें लगने लगी हैं। यह दुकानें मुफ्त में नहीं, बल्कि इनका हर दिन का किराया वसूला जा रहा है। 30 रुपये से लेकर 300 रुपये तक सड़क पर सामान बेचने वालों से वसूले जा रहे हैं। नईदुनिया ने जब इस अवैध बाजार की पड़ताल की, तब यह हकीकत सामने आई। यहां सालों से दुकानदारी कर रहे दुकानदार और खुद हाकर्स ने नाम न छापने की शर्त पर इस अवैध कारोबार का पूरा गणित बताया। यही वजह है कि सैकड़ों बार अफसरों के निरीक्षण, तमाम प्लानिंग महाराज बाड़े को लेकर हो गई, लेकिन इसके बावजूद यहां सड़कों से यह अवैध कारोबार खत्म नहीं हुआ। पड़ताल में यह भी सामने आया कि जब यहां से हाकर्स शिफ्टिंग को लेकर कार्रवाई होती है, तब जो खुद को हाकर्स बताकर कार्रवाई का विरोध करते हैं, असल में यह लोग ठेकेदार हैं। जिनकी 10-10 फड़ यहां लग रही हैं, हर फड़ का किराया वसूलते हैं, फड़ लगाने के लिए अवैध रूप से ब्याज पर पैसा भी यही देते हैं। यहां अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क है, जिसमें जिम्मेदारों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। कहां क्या हालात: गोरखी स्काउट: माधौगंज चौराहे से जैसे ही गोरखी स्काउट की तरफ आते हैं तो दोनों ओर हाकर्स, हाथ ठेले खड़े होते हैं। यहां दुकानदारों ने भी सड़कों पर कब्जा किया हुआ है। सबसे ज्यादा हालात यहां शाम को बिगड़ते हैं, क्योंकि शाम को हाकर्स की संख्या बढ़ जाती है। गोरखी गेट से बैंक के बाहर तक: गोरखी गेट के ठीक बाहर ठेले लगते हैं, यहां के आगे सुभाष मार्केट के बाहर जहां पैडस्ट्रियल जोन बनाना शुरू किया गया है, वहां फिर हाकर्स लगना शुरू हो गए। यहां से स्टेट बैंक आफ इंडिया के बाहर तक अवैध रूप से हाथ ठेले, हाकर्स लग रहे हैं। टाउन हाल के बाहर: टाउन हाल के बाहर हाथ ठेले लगने लगे हैं, यहां से छापेखाने तक जगह-जगह सड़क पर ही हाथ ठेले लगे हैं, कुछ समय पहले यहां से इस अवैध कारोबार को हटाया गया था, अब फिर सड़कें घिर गई। अब समझिए यहां दुकान लगाने का पूरा गणित…वसूली के लिए प्राइवेट कटर का नेटवर्क: नईदुनिया संवाददाता ने जब महाराज बाड़े के कई दुकानदार और यहां सड़क पर कारोबार करने वाले हाकर्स से बात की, तब दुकान लगाने का पूरा गणित सामने आया। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां सड़क किनारे जो ताले वाले बैठते हैं, उनका रेट 30 रुपये है। इसके बाद जो हाथ ठेले वाले खड़े होते हैं, उनका किराया 100 रुपये और हाकर्स से दुकान के साइज के हिसाब से पैसे वसूले जाते हैं। इनका रेट 300 से लेकर 400 रुपये तक है। इसमें वसूली के लिए प्राइवेट कटर का नेटवर्क खड़ा किया गया है। दुकानदार और हाकर्स बताते हैं कि यहां एक हाकर्स जो तौलिया और हौजरी का सामान बेचता है, वह हाकर्स से वसूली करता है। एक पार्किंग में काम करने वाला कर्मचारी है, जो ठेले वालों से वसूली करता है। यह लोग पैसा पुलिस और नगर निगम के नाम पर ही वसूलते हैं। कार्रवाई से पहले ही लीक हो जाती है सूचना: दुकानदार बताते हैं कि कार्रवाई सिर्फ दिखावा है। जैसे ही कार्रवाई के लिए पुलिस या नगर निगम की टीम रवाना होती है, इनके पहुंचने से पहले ही सूचना लीक हो जाती है। सड़क साफ करा दी जाती है। यह स्थिति तब होती है, जब किसी अफसर का निरीक्षण होता है।
महाराज बाड़ा: सड़कों पर फिर कारोबार, 30 से 300 रुपये तक दो और मर्जी से कहीं भी सजा लो दुकान
शहर का हृदय स्थल– महाराज बाड़ा, यहां फिर से सड़कें बिक गई हैं। सड़कों पर जगह–जगह दुकानें सजने लगी हैं।
…….. पड़ताल: अफसरों के निरीक्षण, तमाम प्लानिंग के बाद भी बाड़े से अवैध कारोबार खत्म नहीं
ग्वालियर. । शहर का हृदय स्थल– महाराज बाड़ा, यहां फिर से सड़कें बिक गई हैं। सड़कों पर जगह–जगह दुकानें सजने लगी हैं, कुछ दिनों की सख्ती के बाद अब फिर से सड़कों पर कारोबार शुरू हो गया है। गोरखी स्काउट से लेकर सुभाष मार्केट के बाहर, स्टेट बैंक और टाउन हाल के बाहर तक सड़कों पर दुकानें लगने लगी हैं। यह दुकानें मुफ्त में नहीं, बल्कि इनका हर दिन का किराया वसूला जा रहा है। 30 रुपये से लेकर 300 रुपये तक सड़क पर सामान बेचने वालों से वसूले जा रहे हैं। नईदुनिया ने जब इस अवैध बाजार की पड़ताल की, तब यह हकीकत सामने आई। यहां सालों से दुकानदारी कर रहे दुकानदार और खुद हाकर्स ने नाम न छापने की शर्त पर इस अवैध कारोबार का पूरा गणित बताया। यही वजह है कि सैकड़ों बार अफसरों के निरीक्षण, तमाम प्लानिंग महाराज बाड़े को लेकर हो गई, लेकिन इसके बावजूद यहां सड़कों से यह अवैध कारोबार खत्म नहीं हुआ। पड़ताल में यह भी सामने आया कि जब यहां से हाकर्स शिफ्टिंग को लेकर कार्रवाई होती है, तब जो खुद को हाकर्स बताकर कार्रवाई का विरोध करते हैं, असल में यह लोग ठेकेदार हैं। जिनकी 10-10 फड़ यहां लग रही हैं, हर फड़ का किराया वसूलते हैं, फड़ लगाने के लिए अवैध रूप से ब्याज पर पैसा भी यही देते हैं। यहां अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क है, जिसमें जिम्मेदारों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
कहां क्या हालात:
गोरखी स्काउट:
माधौगंज चौराहे से जैसे ही गोरखी स्काउट की तरफ आते हैं तो दोनों ओर हाकर्स, हाथ ठेले खड़े होते हैं। यहां दुकानदारों ने भी सड़कों पर कब्जा किया हुआ है। सबसे ज्यादा हालात यहां शाम को बिगड़ते हैं, क्योंकि शाम को हाकर्स की संख्या बढ़ जाती है।
गोरखी गेट से बैंक के बाहर तक:
गोरखी गेट के ठीक बाहर ठेले लगते हैं, यहां के आगे सुभाष मार्केट के बाहर जहां पैडस्ट्रियल जोन बनाना शुरू किया गया है, वहां फिर हाकर्स लगना शुरू हो गए। यहां से स्टेट बैंक आफ इंडिया के बाहर तक अवैध रूप से हाथ ठेले, हाकर्स लग रहे हैं।
टाउन हाल के बाहर: टाउन हाल के बाहर हाथ ठेले लगने लगे हैं, यहां से छापेखाने तक जगह–जगह सड़क पर ही हाथ ठेले लगे हैं, कुछ समय पहले यहां से इस अवैध कारोबार को हटाया गया था, अब फिर सड़कें घिर गई।
अब समझिए यहां दुकान लगाने का पूरा गणित…वसूली के लिए प्राइवेट कटर का नेटवर्क:
….. संवाददाता ने जब महाराज बाड़े के कई दुकानदार और यहां सड़क पर कारोबार करने वाले हाकर्स से बात की, तब दुकान लगाने का पूरा गणित सामने आया। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां सड़क किनारे जो ताले वाले बैठते हैं, उनका रेट 30 रुपये है। इसके बाद जो हाथ ठेले वाले खड़े होते हैं, उनका किराया 100 रुपये और हाकर्स से दुकान के साइज के हिसाब से पैसे वसूले जाते हैं। इनका रेट 300 से लेकर 400 रुपये तक है।
इसमें वसूली के लिए प्राइवेट कटर का नेटवर्क खड़ा किया गया है। दुकानदार और हाकर्स बताते हैं कि यहां एक हाकर्स जो तौलिया और हौजरी का सामान बेचता है, वह हाकर्स से वसूली करता है। एक पार्किंग में काम करने वाला कर्मचारी है, जो ठेले वालों से वसूली करता है। यह लोग पैसा पुलिस और नगर निगम के नाम पर ही वसूलते हैं।
कार्रवाई से पहले ही लीक हो जाती है सूचना:
दुकानदार बताते हैं कि कार्रवाई सिर्फ दिखावा है। जैसे ही कार्रवाई के लिए पुलिस या नगर निगम की टीम रवाना होती है, इनके पहुंचने से पहले ही सूचना लीक हो जाती है। सड़क साफ करा दी जाती है। यह स्थिति तब होती है, जब किसी अफसर का निरीक्षण होता है।
रक्षाबंधन नजदीक, अब नहीं मिलेगी पैर रखने तक की जगह:
रक्षाबंधन नजदीक है। अब यहां पैर रखने तक की जगह नहीं बचेगी। धीरे–धीरे यहां हाकर्स की संख्या बढ़ती जाएगी, जिससे हालात बिगड़ने लगेंगे।
ये हैं जिम्मेदार:
1- केशव सिंह चौहान, नोडल अधिकारी, मदाखलत
2- शैलेंद्र सिंह चौहान, मदाखलत अधिकारी
3- नरेश अन्नाोटिया, डीएसपी ट्रैफिक
4- राजीव गुप्ता, कोतवाली थाना प्रभारी