किसान आंदोलन में 789 किसानों ने गंवाई जान, पंजाब सरकार ने परिजनों को दिया इतने लाख मुआवजा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार उन 789 किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है, जिनकी मौत कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान हो गयी थी।
- मान सरकार ने 789 किसानों के परिजनों को दी आर्थिक मदद
- हर किसान के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता
- कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने किया था विरोध
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार उन 789 किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है, जिनकी मौत कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान हो गयी थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने बाद में इन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। मान ने कहा कि प्रत्येक किसान के परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में पांच लाख रुपये दिए गए हैं, जो कुल मिलाकर 39.55 करोड़ रुपये हैं।
आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से हुई थी मौत
गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान कड़ाके की सर्दी, सड़क दुर्घटना, हार्टअटैक और दूसरी बीमारियों सहित अलग-अलग कारणों से इन किसानों की मौत हुई। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और उनके परिवारों के हितों की रक्षा करने के लिए कर्तव्यबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनसे किए गए हर वादे को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार मौजूदा कृषि संकट से किसानों को उबारने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहले ही हरे चने के रूप में एक वैकल्पिक फसल पेश कर चुकी है, जिसकी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है। मान ने कहा कि राज्य सरकार ने उन किसानों को भी आर्थिक सहायता दी है, जिन्होंने चावल की सीधी बुवाई का विकल्प चुना है।
चुनाव जीतने से पहले मान ने उठाई थी आवाज
बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भगवंत मान ने फरवरी में संसद में केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। तब भगवंत मान पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए थे। मान ने सरकार से लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह आग्रह किया था। मान ने लोकसभा में कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लिया और अपनी गलती मानी। अब किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।’’