Gwalior Registrar Office: क्याें रोकी गईं रजिस्ट्री, कलेक्टर कराएंगे जांच, कहा-सबको करना होंगे हस्ताक्षर

Gwalior Registrar Office: क्याें रोकी गईं रजिस्ट्री, कलेक्टर कराएंगे जांच, कहा-सबको करना होंगे हस्ताक्षर

डिजिटल हस्ताक्षर जब तक नहीं होते तब तक कोई और अधिकारी उस रजिस्ट्री को नहीं देख सकता।

Gwalior Registrar Office: वरुण शर्मा, ग्वालियर नईदुनिया। ग्वालियर में 25 हजार रजिस्ट्री पर डिजिटल हस्ताक्षर न होने के मामले में अब कलेक्टर जांच कराएंगे। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि इस मामले में जांच होगी। सभी को हस्ताक्षर करने होंगे। जिनका बाहर ट्रांसफर हो गया है, उन्हें भी आकर काम पूरा करना होगा। कलेक्टर इस मामले में अब पंजीयन अधिकारियों से बात भी करेंगे।

पचास सौ रजिस्ट्री नहीं बल्कि 25 हजार रजिस्ट्री पर डिजिटल हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। यह अफसरों की व्यस्तता या भूल नहीं बल्कि मामला कुछ और ही है। इस कार्य से जुड़े जानकारों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एक-एक रजिस्ट्री पर खेल होता है। डिजिटल हस्ताक्षर जब तक नहीं होते तब तक कोई और अधिकारी उस रजिस्ट्री को नहीं देख सकता। एक कापी आवेदक को जरूर दी जाती है, डिजिटल साइन करते रजिस्ट्री सिस्टम में दिखने लग जाती है। एक रजिस्ट्री में कई लोगों का हिस्सा तय रहता है, सब रजिस्ट्रारों के कमरों के बाहर जो प्राइवेट लड़के खड़े रहते हैं, वह इस पूरे खेल में शामिल होते हैं। 25 हजार से ज्यादा रजिस्ट्री दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर न होने के मामले में सब रजिस्ट्रारों ने अब और समय मांगा है।

डीआइजी पंजीयन ने पांच सब रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए थे, जिसके बाद भी सब रजिस्ट्रार डिजिटल हस्ताक्षर का काम पूरा नहीं हो सके। दो माह तक रजिस्ट्री पर डिजिटल हस्ताक्षर न करने पर सब रजिस्ट्रारों पर पेनाल्टी का प्रविधान है। एक रजिस्ट्री पर पचास रूपये की पेनाल्टी वसूलने का नियम है। अब जल्द इस पेंडेंसी को खत्म करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। विभाग के अनुसार कोरोना काल में जो दस्तावेज पंजीयन किए गए थे, उन पर डिजिटल हस्ताक्षर नहीं हो सके थे। रजिस्ट्री की कापी तो उपभोक्ता को मिल गई थी, लेकिन प्रमाणित यानी डिजिटल हस्ताक्षर की हुई कापी नहीं मिली। डिजिटल पेन बार बार सैनिटाइज करने के कारण हस्ताक्षर में देरी होती थी। इस कारण पेंडेंसी बढ़ती गई। डीआइजी पंजीयन ने जिन पांच लोगों को नोटिस जारी किए थे, उनके पास जुलाई माह तक का समय ही था, लेकिन इसके बाद भी सभी लोगों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिए। जिन्हें नोटिस दिए गए हैं, उनमें दुष्यंत दीक्षित, केएन वर्मा, मानवेंद्र सिंह, संजय सिंह, प्रशांत साहू शामिल हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *