राखी पर ढाई लाख किलो मिठाई खा जाते हैं इंदौरी …?

ड्रायफुट और मावा मिठाई की डिमांड ज्यादा, मिठाइयों के नाम भी चौंकाने वाले…

चौंकिए नहीं, यह सही है। 40 लाख की आबादी वाले इंदौर में राखी पर यह कोई बड़ी बात नहीं है। 400 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक की मिठाई की डिमांड है। मावा छोड़, सबसे ज्यादा ड्रायफुट मिठाई बिक रही है। दैनिक भास्कर ने व्यापारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया राखी पर इंदौर शहर के लोग ढाई लाख किलो मिठाई ले जाते हैं। दूध, मावा, घी, ड्रायफ्रुट व अन्य तरह की मिठाईयां शामिल हैं।

तैयार होती मिठाईयां
तैयार होती मिठाईयां

कारखानों में दिन रात काम
इंदौर के बड़े स्वीट्स कारोबारियों के कारखानों में इस सीजन में दिन रात काम चल रहा है। मिठाई के बेसिक निर्माण से लेकर उसकी सजावट, पैकिंग तक के लिए स्पेशल कारीगर बुलाए गए हैं। ग्राहक की डिमांड के हिसाब से मिठाई तैयार की हैं। इस बार व्यापारियों का कहना है कि बारिश के कारण बंगाली मिठाई का क्रेज कम हुआ है।

1 हजार रुपए किलो की मिठाई
अपना स्वीट्स के संचालक प्रकाश राठौर का कहना है कि उनके यहां ड्रायफ्रुट की 1 हजार किलो कीमत की मिठाई है। वहीं मथुरावाला के संचालक भरत मथुरावाला का कहना है कि उनके यहां 1 हजार रुपए किलो की सबसे मंहगी ड्राइफ्रट की मिठाईयां है। इसके अलावा बंगाली मिठाई 420 रुपए किलो। शुद्ध घी की मिठाइयां 440 रुपए किलो, मावे की मिठाई 440 रुपए किलो की मिठाईयां है। बाजार में 2 हजार रुपए किलो तक की मिठाईयां भी हैं।

लड्‌डू और मावे की मिठाईयां
लड्‌डू और मावे की मिठाईयां

आसपास के शहरों में भी भारी डिमांड
इंदौर की मिठाईयों की आसपास के शहरों में भी भारी डिमांड है। मथुरावाला ने बताया कि उनके यहां कि मिठाई खंडवा, झाबुआ, देवास, धार सहित आसपास के शहरों में जाती है। इन शहरों के ग्राहक इंदौर आकर मिठाईयां खरीदकर ले जाते हैं। साथ ही इंदौर में बाहर से आकर पढ़ने वाले स्टूडेंट भी रक्षाबंधन पर जाने के पहले यहां से मिठाईयां ले जाते हैं।

1 हजार रुपए किलो से ज्यादा महंगी ड्राइफ्रुट लड्‌डू, शुगर फ्री बाइट मिठाईयां।
1 हजार रुपए किलो से ज्यादा महंगी ड्राइफ्रुट लड्‌डू, शुगर फ्री बाइट मिठाईयां।

मिठाईयों के नाम रोचक.. तरबूज, मलाई चाप, काजू कलश भी मार्केट में
इंदौर में मिठाईयों के भी कई नाम आपकों मिठाई की दुकानों पर देखने को मिल जाएंगे। इसमें कराची हलवा, मावा पतीसा, मलाई टमाटर, बटर स्कॉच, डबल डेकर, संगम बर्फी, मलाई रोल, पाइनापल बर्फी, मखनबड़ा, बेसन लड्‌डू, उड़त के लड्‌डू, मैसूर थाल, मोन थाल, बेसन की चक्की, मावे की कचोरी, काजू परमल, काजू कटलेट, काजू कलश, तरबूज, मलाई चाप, शुगर फ्री बाइट मिठाईयां भी काफी चलन में है।

मावा पतीसा, कराची हलवा
मावा पतीसा, कराची हलवा
बंगाली मिठाईयों की भी कई वैराइटी
बंगाली मिठाईयों की भी कई वैराइटी

बारिश के कारण दूध-मावे की रही कमी
व्यापारियों की माने तो बारिश के कारण इस बार दूध और मावे की कमी है। जिसके चलते दूध और मावे की बनी मिठाइयां बाजार में कम है। प्रकाश राठौर ने बताया कि इस कमी के चलते कहीं न कहीं ड्रायफ्रुट और घी की मिठाईयों का चलन ज्यादा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *