विश्व अंगदान दिवस …? लोग अंगदान करना चाहते हैं, लेकिन सही जानकारी नहीं …

स्किन डोनेशन से एसिड अटैक सर्वाइवर, आग से झुलसे लोगों को मिली जिंदगी, लोग अंगदान करना चाहते हैं, लेकिन सही जानकारी नहीं …

अंगदान के बारे में ऊपरी तौर पर लगभग सभी लोग जानते हैं। अधिकतर लोग अंगदान करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती। ‘वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे’ हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है ताकि अंगदान के बारे में लोगों की जागरूक किया जा सके। अंगदान कितने तरह के होते हैं और कौन व्यक्ति अंगदान कर सकता है, इसके बारे में जानने के लिए हमने बात की नेशनल बर्न्स सेंटर, मुंबई के कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. सुनील केसवानी से।

स्किन और आंखें कोई भी डोनेट कर सकता है

डॉ. सुनील केसवानी ने स्किन और आई डोनेशन के बारे में बताते हुए कहा, ‘स्किन और आंखें दान करने के लिए ब्लड ग्रुप या किसी भी तरह के मैचिंग की जरूरत नहीं होती। जिस व्यक्ति को स्किन या आंखों की जरूरत होती है, उसे किसी भी व्यक्ति की आंखें या स्किन लगाई जा सकती है। खुशी की बात ये है कि मृत्यु के 6 घंटे बाद भी स्किन और आंखें डोनेट की जा सकती हैं। यदि डेड बॉडी को कोल्ड स्टोरेज में सही तरीके से रखा गया है, तो मृत्यु के 12 घंटे बाद भी आंखें और स्किन डोनेट की जा सकती हैं। ये दान करके लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।

स्किन डोनेशन के बारे में जागरूकता नहीं

डॉ. सुनील के अनुसार, अभी भी कई लोगों को ये नहीं पता है कि स्किन भी डोनेट की जा सकती है। आग से झुलसे या एसिड से जलाए गए लोगों को स्किन डोनेट करके उन्हें नई जिंदगी दी जा सकती है। स्किन डोनेशन के बारे में सुनकर कई लोग डर जाते हैं। उन्हें ये लगता है कि पूरे शरीर की स्किन निकाल दी जाएगी, लेकिन इस प्रक्रिया में ऐसा नहीं होता। स्किन डोनेशन में पीठ और जांघ से स्किन की बहुत पतली लेयर निकाली जाती है। मृतक के शरीर का ये हिस्सा ढंका रहता है, जिससे किसी को कुछ नजर नहीं आता। इस स्किन को लैब में प्रोसेस और स्टोर किया जाता है। प्रोसेस्ड स्किन को जली हुई स्किन पर लगाकर जरूरतमंदों को नई जिंदगी दी जाती है।

कैसे कर सकते हैं स्किन डोनेशन

स्किन डोनेशन के लिए किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद ऑर्गन डोनेशन सेंटर या नेशनल बर्न्स सेंटर के 022 27793333 नंबर पर फोन करके उन्हें इसकी जानकारी देनी होती है। इनकी टीम देश के 16 राज्यों में मौजूद है। फोन करते ही टीम व्यक्ति के घर पहुंच जाती है और पीठ, जांघ, पैर की स्किन की पतली लेयर निकालकर उसे लैब में पहुंचा देती है।

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मृत्यु के बाद सभी ऑर्गन को डोनेट नहीं हो सकते

अंगदान के बारे में अभी भी लोगों को सही जानकारी नहीं है। लोग समझते हैं कि मरने के बाद उनके सारे अंग डोनेट हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। मृत्यु के बाद सिर्फ स्किन और आंखें ही डोनेट की जा सकती हैं। सिर्फ ब्रेन डेड व्यक्ति ही सभी अंगों का दान कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो। उसके शरीर के सभी अंग काम कर रहे हों, लेकिन उसका ब्रेन काम करना बंद कर दे। ऐसा व्यक्ति ब्रेन डेड माना जाता है। आमतौर पर एक्सीडेंट, ब्रेन ट्यूमर, सिर में गंभीर चोट लगना, लकवा आदि के कारण व्यक्ति ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच सकता है। ऐसे ब्रेन डेड व्यक्ति के सभी अंगों का दान किया जा सकता है।

जिंदा रहते ये अंगदान कर सकते हैं

जिंदा रहते हुए एक किडनी, लिवर का कुछ हिस्सा और कुछ केसेस में एक लंग तक दान किया जा सकता है। ये दान सिर्फ परिवार या क्लोज रिलेशन में ही दिया जा सकता है। इसमें ब्लड ग्रुप मैच होना जरूरी है। जरूरत पड़ने पर ‘स्वैप डोनेशन’ किया जा सकता है। इसमें ब्लड ग्रुप मैच होने पर दो परिवार के लोग आपस में ऑर्गन डोनेशन कर के एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। 18 वर्ष के बाद कोई भी व्यक्ति ऑर्गन डोनेशन कर सकता है।

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