काली कमाई के धनकुबेर ARTO संतोष पाल के घर EOW की रेड, 650 गुना ज्यादा सम्पत्ति बरामद
EOW की संयुक्त टीम ने एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत के निर्देशन में जबलपुर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष पाल के शताब्दीपुरम स्थित घर पर छापा मारा है. जहां अभी तक आय से 650 गुना अधिक संपत्ति का खुलासा किया गया है.
कार्यवाही के दौरान टीम को जबलपुर में अलग अलग पांच कॉलोनियों में 6 आलीशान घर और चरगवां के पास डेढ़ एकड़ में बने लग्जरी फार्महाउस और दो कार दो टू व्हीलर सहित कई जमीन के दस्तावेज मिले हैं. टीम ने 3 जगहों पर छापेमारी की है. टीम ने संतोष पाल के घर से 16 लाख रुपये नकद और जेवरात बरामद किए हैं. जिन्हें EOW की टीम ने जप्त कर लिया है.
जांच में अभी तक करोड़ों की संपत्ति मिली
जांच में एआरटीओ संतोष पाल के पास पी. पी. कॉलोनी ग्वारीघाट में 1247 वर्ग फिट एक आलीशान मकान, शंकर शाह वार्ड में 1150 वर्ग फिट में नवनिर्मित मकान, शताब्दीपुरम एमआर 4 रोड में 10,000 वर्ग फिट में नवनिर्मित बंगला, कस्तूरबा गांधी वार्ड में 570 वर्ग फिट में मकान, गढ़ा फाटक में 771 वर्ग फिट मकान सहित चरगवां रोड स्थित दियाखेड़ा गांव में डेढ़ एकड़ भूमि में आलीशान फार्म हाउस और दो कार दो टू व्हीलर के दस्तावेज मिले है.
जिसके आधार पर संपत्ति का आकलन किया जा रहा है. फिलहाल अब तक करोड़ों से ज्यादा की संपत्ति का अनुमान लगाया जा रहा है. गुरुवार सुबह कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद EOW बैंक खातों, बीमा में निवेश और लॉकर की भी जांच करेगी और उम्मीद है कि आय से अधिक संपत्ति का आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है.
विशेष अदालत में किया गया था परिवाद दायर
बीते दिनों जबलपुर निवासी आवेदक धीरज कुकरेजा और स्वप्निल सराफ के द्वारा विशेष न्यायालय लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के विशेष न्यायाधीश अनूप कुमार त्रिपाठी की अदालत में आय से अधिक संपत्ति मामले में जबलपुर एआरटीओ संतोष पाल के खिलाफ परिवाद दायर किया गया था. जिसमे दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था. बताया गया था कि एआरटीओ संतोष और उनकी पत्नी लिपिक रेखा दोनो ने मिलकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
जिसके बाद कोर्ट ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत को आदेश जारी करते हुए कहा था की वह 11 अगस्त 2022 को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें. रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अंतर्गत क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ प्रभारी एआरटीओ संतोष पाल और उनकी लिपिक पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप की जांच करने के आदेश जारी किए थे.
पोस्टिंग से लेकर अब तक ARTO संभाल रहे RTO की कुर्सी
बता दे कि एआरटीओ संतोष पाल का रसूख इतना है कि वह पहली पोस्टिंग से लेकर अब तक कई जिलों में प्रभारी आरटीओ का काम संभाल चुके हैं. साल 2012 को आरटीओ विभाग में भर्ती हुए संतोष पाल ने ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग इंदौर में पाई. इसके बाद साल 2012 के अंत में जबलपुर में भी उनकी पोस्टिंग हुई. साल 2013 में वे नरसिंहपुर पहुँचे. जहां पर तकरीबन 4 सालों तक उनकी ही तैनाती रही.
इसके बाद साल 2016 से साल 2018 तक छिंदवाड़ा में प्रभारी आरटीओ का काम सँभाला, फिर कुछ दिनों बाद अगस्त 2018 से एआरटीओ संतोष पॉल की पोस्टिंग जबलपुर हो गई. जो पांच साल बीत जाने के बाद भी अब तक आरटीओ का कार्यभार संभाले हुए हैं.
धमकाने, हाइवे पर वसूली सहित कई मामलों के कारण सुर्खियों में रहते हैं ARTO संतोष पॉल
एआरटीओ संतोष पाल का विवादों से पुराना नाता रहा है. जहां फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में भी उनके खिलाफ जांच की जा चुकी है. वही कुछ दिनों पहले जबलपुर आरटीओ का एक विवादित वीडियो भी सामने आया था जिसमें संतोष ऑटो चालक को धमका रहे है कि उसके ऑटो में गांजा रखकर उसे पुलिस से पकड़वा देंगे. वीडियो वायरल होने के बाद शहर के सभी ऑटो चालक आरटीओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर सड़को पर उतर आए थे. बीते 8 अगस्त को संभागीय उड़नदस्ता आरटीओ की टीम मंडला जबलपुर बार्डर पर डोभी गांव के पास अवैध वसूली कर रही थी.
जिसकी जानकारी लगते ही मौके पर विधायक डॉ अशोक मसकोले पहुंच गए. जहां उन्होंने सभी को वहां से खदेड़ दिया था. जहां मण्डला जबलपुर बॉर्डर पर डोभी में कई महीनों से संभागीय आरटीओ जबलपुर के द्वारा अवैध वसूली की कार्यवाही की जा रही थी. जो वहां पर ट्रक और अन्य गाड़ियों वालों से पांच सौ से लेकर तो कोई पांच हजार की वसूली कर रहे थे.