मंदिर-मस्जिद के पास बनीं 108 शराब दुकानें बंद करें या शिफ्ट, ये बंद होंगी तो 330 करोड़ का नुकसान होगा

नई शराब नीति ….

नई आबकारी नीति 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसे लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि लाभ-हानि का गणित देखकर इस नीति को अंतिम रूप दिया जाना है, जिसमें सबसे बड़ा दबाव उन दुकानों को लेकर है, जो स्कूल-कॉलेजों, हॉस्टल या धर्मस्थलों के पास होने के कारण विवादों में आ गई हैं। इनकी संख्या 108 है। इन्हें बंद करने का दबाव है और इसी के चलते आबकारी नीति उलझन में फंस गई है। सरकार ये निर्णय नहीं ले पा रही कि इन दुकानों को बंद किया जाए या शिफ्ट करें?

पिछले साल आबकारी नीति जनवरी में आ गई थी, लेकिन इस बार 22 दिन का विलंब हो गया है। जनप्रतिनिधियों ने 250 से 500 मीटर दूरी पर शराब दुकानों को आवंटित करने का दबाव बनाया है। पड़ताल में पता चला कि आबकारी अधिकारी इसी को लेकर लाभ-हानि का गणित देख रहे हैं। राजस्व बढ़ाने को लेकर 10% से 15% लाइसेंस शुल्क व अन्य मद बढ़ाए जाने की तैयारी लगभग हो गई है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सीएम से बैठक में इस पर चर्चा हो गई है और अगली कैबिनेट में नई आबकारी नीति पेश हो जाएगी।

अगली कैबिनेट में पेश होगी आबकारी नीति, फायदे- नुकसान पर मंथन संभव

  • 500 मीटर- दुकानें 500 मीटर दूर की जाती हैं तो 1400 दुकानें प्रभावित होंगी। इनको नए सिरे से आवंटन करना पड़ेगा। करीब ढाई हजार करोड़ का नुकसान संभावित है।
  • 250 मीटर- दुकानों को 250 मीटर दूर करने पर करीब 800 दुकानें प्रभावित होंगी। शिफ्ट या नई लोकेशन देने पर आधी दुकानें बंद हो जाएगी। डेढ़ हजार करोड़ का नुकसान होगा।
  • 100 मीटर- सौ मीटर का प्रावधान रखते हैं तो 300 दुकानें प्रभावित होंगी और 500 करोड़ का नुकसान होगा।

1900 करोड़ का राजस्व

एक्साइस ड्यूटी बढ़ाने पर संशय है, लेकिन इस साल लाइसेंस शुल्क में 10% तो बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। यह 12 से 15% भी हो सकती है। इसे बढ़ाने पर विभाग को करीब 1300 से 1900 करोड़ की कमाई होगी।

प्रदेश में 3605 शराब दुकानें

मप्र में कुल 3605 शराब की दुकानें हैं। इनमें 2151 ग्रामीण और 1454 शहरी क्षेत्र में हैं। आबकारी विभाग को इस साल करीब 13 हजार करोड़ की आय हो चुकी हैं। अनुमानित तौर पर 300 करोड़ और बढ़ सकती है।

108 दुकानें कैसे बचें, 330 करोड़ का सवाल

शराब की 108 दुकानें विवादों में आ गई हैं। ये बंद होंगी तो 330 करोड़ का नुकसान होगा। कुछ को शिफ्ट कर विवाद खत्म करने पर विचार हो रहा है। भोपाल में कुल 90 शराब की दुकानें हैं। इनमें से 2 विवादित है।

108 दुकानें कैसे बचें, 330 करोड़ का सवाल

शराब की 108 दुकानें विवादों में आ गई हैं। ये बंद होंगी तो 330 करोड़ का नुकसान होगा। कुछ को शिफ्ट कर विवाद खत्म करने पर विचार हो रहा है। भोपाल में कुल 90 शराब की दुकानें हैं। इनमें से 2 विवादित है।

एक्सपर्ट व्यू- आपत्ति वाली जगहों पर दुकान न खोलें

मंदिर, मस्जिद व स्कूलों के आस-पास शराब बेचना और पीना गलत है। समाज में गलत संदेश जाता है। मेरा मानना है कि जहां लोक आपत्ति नहीं हो, ऐसे स्थान पर ही शराब दुकान आवंटित होनी चाहिए।
-विनोद रघुवंशी, रिटायर्ड डिप्टी उपायुक्त, आबकारी विभाग

 

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