देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जाली पासपोर्ट-वीजा रैकेट का भंडाफोड़, जानें पूरा मामला

दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट यूनिट ने देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जाली पासपोर्ट और वीजा रैकेट के चार एजेंटों को मुंबई से गिरफ्तार किया है। गैंग का सरगना यात्रियों से मिलने वाली रकम को वेब सीरीज को बनाने में निवेश करता था। एजेंटों के कब्जे से 375 नकली पासपोर्ट और दर्जनों नकली वीजा मिले हैं।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी ….

दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट यूनिट ने अब तक के देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जाली पासपोर्ट और वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया है। चार एजेंट सहित गैंग के सरगना जाकिर यूसुफ शेख को पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने 325 नकली पासपोर्ट, 175 नकली वीजा के साथ दूसरे फर्जी दस्तावेज और कई देशों के स्टाम्प बरामद किए हैं। जाली वीजा चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित दूसरे कई देशों के हैं। सरगना ठगी की रकम को वेब सीरीज बनाने में लगाता था। आरोपियों ने खुलासा किया है कि अभी तक 1000 से ज्यादा लोगों को फर्जी कागजात से विदेश भेजा है। पुलिस को आशंका है कि इनके तार विदेश से जुड़े हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर आगे की जांच में जुटी है।

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार एजेंटों की पहचान गोरेगांव, मुंबई निवासी जाकिर यूसुफ शेख, मलाड, मुंबई निवासी इम्तियाज अली शेख, चुना भट्टी, मुंबई निवासी संजय दत्ताराम चव्हाण और जोगेश्वरी, मुंबई निवासी जमील पिक्चरवाला के रूप में हुई है। छह जून को रवि रमेश भाई चौधरी नाम के यात्री को कुवैत से भारत में निर्वासित किया गया था। यात्री के पास से नकली पासपोर्ट मिला था। पुलिस ने यात्री के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
निरीक्षक अनुज शर्मा और निरीक्षक सतीश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यात्री से पूछताछ की। रवि रमेश भाई ने बताया कि वह नारायण भाई, जाकिर यूसुफ शेख और जमील पिक्चरवाला नाम के एजेंटों के संपर्क में आया था। यह सब गुजरात और मुंबई के रहने वाले हैं। गुजरात में स्थानीय एजेंट नारायण भाई ने यात्री को 65 लाख रुपये में नकली पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। उसने अपने साथियों जाकिर यूसुफ शेख और जमील पिक्चरवाला से संपर्क किया।
15 लाख एडवांस लेकर आरोपियों ने शुरू किया खेल
नारायण भाई ने यात्री से 15 लाख रुपये एडवांस ले लिए और उसे दिल्ली व मुंबई से मानव तस्करी करने वाले जाकिर यूसुफ शेख और मुश्ताक से संपर्क करने के लिए कहा। रवि ने अपना फोटो और हस्ताक्षर मुश्ताक को वाट्सएप पर भेज दिए। मुश्ताक ने जाकिर यूसुफ शेख से संपर्क कर रवि के नाम से फर्जी पासपोर्ट की व्यवस्था कर दी। इसके बाद एजेंटों ने नीदरलैंड के फर्जी वीजा की व्यवस्था की। सौदे की शेष राशि यूएसए पहुंचने के बाद रवि के परिवार को नारायण भाई को देनी थी।
पंचरवाला बोला- जाकिर है गैंग का सरगना
पुलिस ने रवि की निशानदेही पर तीन अगस्त को जमील पंचरवाला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जमील से पूछताछ की तो उसने बताया कि फर्जी पासपोर्ट और वीजा के जरिए विदेश भेजने वाले गैंग का सरगना जाकिर है। जाकिर इम्तियाज और संजय के साथ मिलकर गैंग चलाता है। इसके बाद पुलिस टीम ने इन पर लगातार निगरानी बढ़ाई और तकनीकी जांच करते हुए 16 अगस्त को जाकिर और उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
1000 से ज्यादा लोगों को फर्जी कागजात पर भेज चुके हैं विदेश
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को विदेश भेज चुके हैं। सरगना के फिल्म उद्योग से संपर्क होने की बात सामने आई है। वह यात्रियों से मिलने वाले करोड़ों रुपयों को वेब सीरीज बनाने में लगाता था। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर जांच में जुटी है।

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