DRDO आतंकियों को करेगा बेनकाब …?
AI बेस्ड सॉफ्टवेयर बनाया, यह चेहरा बदलकर घूम रहे शख्स और उसके खराब फोटो को भी पहचान
सेना के लिए रिसर्च करने वाली संस्था डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसकी मदद से भेष बदले हुए इंसान का चेहरा भी पहचाना जा सकेगा। इस सिस्टम का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दाढ़ी, मूंछ, मास्क, स्कार्फ, टोपी और मंकी कैप जैसी चीजों के पीछे छुपे शख्स को खराब क्वालिटी की फोटोज से भी पहचानने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
नए सॉफ्टवेयर का नाम फेस रिकग्निशन सिस्टम अंडर डिसगाइज (FRSD) है। इसका जिक्र रक्षा मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट ‘AI इन डिफेंस’ में किया गया है। सिस्टम का लक्ष्य भेष बदलकर घूमने वाले आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों को पकड़ना है।
FRSD ऐसे एल्गोरिदम पर काम करता है, जो लो-रिजोल्यूशन सर्विलांस कैमरा के जरिए लोगों की पहचान कर लेता है। इसमें इंसानी आंखों का कोई काम नहीं है। सुरक्षा एजेंसियां अपने डेटाबेस में किसी चेहरे की खोज के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन पर होगा इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक AI सिस्टम का इस्तेमाल एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, बाजार और भीड़ वाली जगहों पर किया जा सकता है। इससे लाइव वीडियो सर्विलांस हो सकेगा। इसके अलावा सिस्टम को बॉर्डर पॉइंट्स पर भी लगाया जा सकता है।
सरकार का दावा है कि FRSD सिस्टम एकसाथ कई कैमरों को सपोर्ट कर सकता है। यह आग, जियो-फेंसिंग, लोगों की गिनती और टक्कर होने का पता भी लगा सकता है। सॉफ्टवेयर खराब लाइट कंडीशंस, चेहरे पर परछाई पड़ने और भीड़भाड़ होने के बावजूद भी व्यक्ति को पहचान सकता है।
DRDO इससे पहले भी बना चुका AI सिस्टम
DRDO इससे पहले ‘प्रोजेक्ट सीकर’ नाम का AI सर्विलांस सिस्टम बना चुका है। इसका डेवलपमेंट और तैनाती भारतीय सेना ने ही की है। सिस्टम को इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़तीसीकर सिस्टम को खराब माहौल वाले इलाकों और नागरिकों के रहने वाली जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है।