नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में कांग्रेस हमलावर …?
नेता प्रतिपक्ष बोले- केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मामले को दबाया, मंत्री सारंग का पलटवार- होगी जांच
मप्र में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े के मामले में हाईकाेर्ट की कार्रवाई के अब कांग्रेस आक्रामक है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने पीसीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच दबाने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष में कहा कि सरकार के संरक्षण में ये फर्जीवाड़ा किया गया, इसमें 60 हजार छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया। वहीं, इन फर्जी कॉलेजों द्वारा दी गई डिग्री धारी नर्सिंग कर्मचारियों ने मरीजों की जान लेने की बात कही।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस प्रकार व्यापमं घोटाले में कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था मामला दबाने के लिए नर्सिंग कॉलेज घोटाले में भी ऐसा हो सकता है। सरकार इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे। कांग्रेस इसे विधानसभा में उठाएगी। इस दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा, नर्सिंग कॉलेज घोटाले की शिकायत करने वाले अमिताभ वाजपेयी, संगीता शर्मा मौजूद थीं।
गड़बड़ी करने वाले बडे़ अफसरों पर हो एफआईआर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा मध्यप्रदेश में व्यापमं से भी बढ़ा नर्सिंग घोटाला भाजपा सरकार के संरक्षण में चल रहा है। शिवराज सरकार सिर्फ डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य और जीवन बर्बाद करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब नर्सिंग कॉलेज के 60,000 से अधिक छात्रों का जीवन तबाह कर रही है। प्रदेश में 667 नर्सिंग कॉलेज संचालित है। हमें सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी मिली है, उसमें मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 130 नर्सिंग कॉलेज अमानक है।
इसी तरह 2021-22 में भी 130 नर्सिंग कॉलेज को मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने अमानक माना। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ही नहीं उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ के 29 जून 2022 के आदेश से पता चलता है कि माननीय हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने जिन 200 कॉलेजों का निरीक्षण किया उनमें से 70 कॉलेज अमानक पाये गये हैं। सरकार ने हाई कोर्ट को 18 अगस्त 2022 को रिपोर्ट सौंप कर स्वीकार किया कि 94 कॉलेज की मान्यता सरकार ने समाप्त कर दी है।
नर्सिंग काउंसिल के कर्मचारियों की भूमिका पहले से संदिग्ध
कांग्रेस नेता अमिताभ वाजपेई ने कहा जबलपुर हाईकोर्ट ने 23 अगस्त 2022 को मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को निलंबित करने का आदेश देकर प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया। इसी मामले में पहले कौंसिल की रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया को निलंबित किया, संगीता तिवारी प्राचार्य नर्सिंग महाविद्यालय उज्जैन को निलंबित सुप्रिया विक्टर ट्यूटर एफएचडब्ल्यू ट्रेनिंग सेंटर धार को निलंबित किया गया , नेहा टाइट्स सिस्टर ट्यूटर शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय उज्जैन को निलंबित किया, गायत्री पुरोहित सिस्टर ट्यूटर स्कूल ऑफ नर्सिंग देवास को निलंबित किया, मालती लोधी प्राचार्य स्कूल ऑफ नर्सिंग जबलपुर को निलंबित किया, सेवंती पटेल सिस्टर ट्यूटर शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय उज्जैन को निलंबित किया, शारदा नागवंशी सिस्टर ट्यूटर शासकीय महाविद्यालय विदिशा को निलंबित किया। इन कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई से ये साबित होता है कि नर्सिंग काउंसिल में लगातार गडबडियां हो रहीं थीं।
जांच में सिर्फ 50 कॉलेज मिले फिट
कांग्रेस नेता अमिताभ वाजपेई ने बताया हमने 2007 में सबूतों के साथ लोकायुक्त में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाडे की शिकायत की थी। लोकायुक्त ने जांच भी की लेकिन कार्रवाई का पता नहीं। विधानसभा से लेकर मीडिया में मामले उठाने के बाद हमारे साथी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच हुई तो मप्र के 70 नर्सिंग कॉलेज नियमों के मुताबिक नहीं पाए गए। नर्सिंग काउंसिल ने जुलाई मे रिपोर्ट पेश कर हाईकोर्ट में बताया कि 94 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी।
जांच के बाद नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को निलंबित कर हटाने के आदेश दिए। काउंसिल की जांच में करीब दो सौ नर्सिंग काॅलेज नियमों के मुताबिक नहीं मिले। ऐसे छात्र इन कॉलेजों में दर्ज मिले जो कभी कॉलेज आए ही नहीं। इन कॉलेजों के पास न भवन थे,ट्रेनिंग सेंटर, लैब, फैकल्टी और न ही इनके पास 100 बेड के अस्पताल मिले। 54 हजार स्क्वायर फिट में लैब, क्लास, एडमिस्ट्रेटिव भवन सहित तमाम व्यवस्थाएं होनी चाहिए। लेकिन ये नर्सिंग कॉलेज कागजाें में चल रहे थे सिर्फ एक बोर्ड लगा था। केवल प्रदेश के 50 नर्सिंग कॉलेज मानकों के मुताबिक संचालित मिले हैं।
ACS, कमिश्नर से लेकर मंत्री पर हो एफआईआर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस घोटाले में एसीएस हेल्थ व मेडिकल एजुकेशन मो.सुलेमान, तत्कालीन कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन निशांत बरवड़े सहित तमाम अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। विभागीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
मंत्री सारंग बोले- कांग्रेस नेताओं के भी फर्जी कॉलेज
नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा कि नर्सिंग कॉलेजों में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिये सरकार ने ही कार्रवाई की है। जांच में यदि कोई गड़बड़ी मिलती है, तो जांच कमेटी पर भी कार्रवाई की जाएगी। हमने ही बड़ी संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को समाप्त किया है। नर्सिंग के छात्रों के साथ अहित न हो इसलिए हमने व्यवस्था को ठीक किया है। व्यापमं मामले को भी भाजपा सरकार ने उजागर किया और व्यवस्थाएं ठीक की। फर्जी नर्सिंग कॉलेजों में कांग्रेस नेताओं के भी कॉलेज शामिल हैं।