ग्वालियर : राशन वितरण …? 2 साल में बढ़े 36 हजार परिवार, जिले की 48% आबादी सरकार पर निर्भर

एनएफएसए के अनुसार 75 प्रतिशत तक ले जानी है संख्या…

कंट्रोल दुकानों से राशन लेने वालों की संख्या ग्वालियर में साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। दो साल में 36 हजार से ज्यादा परिवारों के 92 हजार 814 सदस्य बढ़े हैं। ये आंकड़ा ग्वालियर की आबादी से 48 प्रतिशत के करीब है। जिले की आबादी लगभग 21 लाख है और यहां 10 लाख 9 हजार 559 लोगों को सरकार से राशन मिल रहा। यानी कि 48.7 प्रतिशत आबादी इस सरकारी राशन पर निर्भर बनी हुई है।

वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की चिंता ये बढ़ी हुई है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार जिले में ये आंकड़ा 75 प्रतिशत के आसपास कैसे पहुंचे? क्योंकि, इस कानून के अनुसार ऐसा होना जरुरी है। सरकार 28 कैटेगरी बनाकर लोगों को ये राशन दे रही है। जिसमें अति गरीब, बीपीएल व हम्माल, हॉकर्स आदि क्षेत्र के श्रमिक शामिल हैं।

आधार: कई लोग हुए बाहर
2014-15 से सरकार ने आधार को लिंक कराने का अभियान शुरू किया और 2019 में इसे अनिवार्य किया गया। जिसके बाद ऐसे लोग, जो अपनी जानकारी छिपाकर गलत तरीके से राशन लेते आ रहे थे। उन्होंने आधार कार्ड लिंक नहीं कराया और वे इस योजना से बाहर होते चले गए।

सीएम हेल्पलाइन तक शिकायतें
राशन न मिलने संबंधी शिकायतें खाद्य विभाग के दफ्तर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लगभग हर दूसरे दिन कई लोग शिकायत लेकर आते हैं कि कंट्रोल संचालक राशन नहीं दे रहा। जिसका निपटारा संचालक से बात करके और नोटिस देकर किया जाता है।

वितरण में गड़बड़ी रोकने के लिए टीमें कर रही हैं जांच

सरकार द्वारा 28 कैटेगरी में शामिल लोगों को राशन दिया जा रहा है। ग्वालियर जिले में ऐसे हितग्राही परिवारों की संख्या अब 2.39 लाख से ज्यादा है। हितग्राहियों को समय पर राशन मिले और उसमें कोई गड़बड़ी न हो। इसके लिए खाद्य विभाग की टीमें लगातार जांच में लगी हुई हैं।
– आरएस धाकरे, सहायक आपूर्ति अधिकारी/खाद्य विभाग

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