ग्वालियर : प्रोजेक्ट उदय से अमृत तक 430 करोड़ स्वाहा !

शहर के 15 लाख लोगों को प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराने के लिए 320 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट अमृत-1 में पाइप लाइन और टंकियों पर खर्च किए गए हैं। इसमें 777 किलोमीटर पाइप लाइन…

ग्वालियर. शहर के 15 लाख लोगों को प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराने के लिए 320 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट अमृत-1 में पाइप लाइन और टंकियों पर खर्च किए गए हैं। इसमें 777 किलोमीटर पाइप लाइन डाली गई, बाद में इसे रिवाइज कर 23 किलोमीटर से अधिक लाइन बढ़ाई गई। साथ ही ग्रेविटी के साथ सप्लाई के लिए 38 टंकियां बनाई जा चुकी हैं। इससे पहले प्रोजेक्ट उदय के अंतर्गत भी पेयजल की उपलब्धता के लिए 110 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इन दोनों योजनाओं में 430 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इसके बाद भी शहर में जगह-जगह पाइप लाइन बस्र्ट हो रही हैं, लगभग हर दिन कोई न कोई लाइन फूट रही है। जिसकी वजह से आमजन के हिस्से का लाखों गैलन पानी सड़कों पर व्यर्थ बह रहा है और घरों में पानी न पहुंचने से लोग परेशान हो रहे हैं। इसकी वजह ठेकेदार और अधिकारियों के गठजोड़ से डाली गईं कमजोर पाइप लाइनें हैं। रविवार को भी वार्ड-58 के हरिशंकर पुरम में आठ इंच पाइप लाइन फूटी और बहोड़ापुर में भी लाइन में लीकेज होने से सड़क पर पानी बहता रहा।

प्रोजेक्ट उदय से अमृत तक 430 करोड़ स्वाहा, फिर भी फूट रहीं लाइनें

मानक के हिसाब ने नहीं डलीं लाइनें
शहर की टंकियों में पानी पहुंचाने के लिए डाली गई मेन लाइन, ङ्क्षलक लाइन और डिस्ट्रीब्यूटर लाइनों को मानक के अनुसार नहीं डाला गया है। इसकी वजह से ये लाइनें पानी के दबाव को झेल नहीं पा रही हैं। जिस क्षेत्र में पानी को ज्यादा दबाव के साथ सप्लाई किया जाता है, वहीं लाइन फट जाती है। 12 मीटर ऊपर यानि तीन मंजिल पर पानी पहुंचाने का नगर निगम का दावा फेल साबित हो रहा है।

इन क्षेत्रों में ज्यादा लीकेज
ग्वालियर विधानसभा के बिरलानगर और बहोड़ापुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा लीकेज है। दक्षिण विधानसभा के गोल पहाडिय़ा क्षेत्र में लीकेज है। ग्वालियर पूर्व विधानसभा के हरिशंकर पुरम और मुरार क्षेत्र में लगातार लीकेज हो रहे हैं।

इन फर्मों के काम पर सवाल

जल प्रदाय-1
फर्म-मैमर्स झांसी कांक्रीट उद्योग झांसी।
काम- तिघरा से मोतीझील होते हुए जलालपुर पर प्रस्तावित डब्ल्यूटीवी तक 20 किलोमीटर पाइप लाइन डाली है।
लागत-42.30 करोड़ रुपए
स्थिति-पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच रहा है।

जल प्रदाय-2
फर्म- मैमर्स विष्णु प्रकाश पंगुलिया।
काम-शहर में पेयजल के लिए बनाई गई टंकियां से पाइप लाइन डाली हैं।
लागत-278.35 करोड़ रुपए रही है, बाद में इसे रिवाइज कर और बढ़ाया गया।
स्थिति-43 टंकियों में से 38 से सप्लाई शुरू हुई है। पानी छोडऩे के बाद शहर की 777 किमी पाइप लाइन में कहीं न कहीं लीकेज हर दिन हो रहा है। ठेकेदार के काम पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। ठेके की शर्तों में पांच वर्ष तक संधारण का काम भी शामिल है, लेकिन सड़कों के पैचवर्क की तरह हर दिन लीकेज और हर दिन ठीक करने से आमजन को परेशानी हो रही है, लेकिन नगर निगम के वरिष्ठ इस ठेकेदार पर विशेष मेहरबान हैं।

अब नया क्या
अमृत-2 प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर के सीमांत क्षेत्र के वार्ड-61 से 66 तक सभी क्षेत्रों में पाइप लाइन डाली जाएगी। साथ ही पेयजल और सीवर से संबंधित अन्य काम भी कराए जाएंगे। योजना के लिए 926 करोड़ रुपए की स्वीकृति नगर निगम को मिल गई है।

एसडीएम को समन्वय के निर्देश दिए हैं
पेयजल लाइन में लीकेज को लेकर जनसुनवाई में भी कुछ आवेदन आ चुके हैं। हमने इसको लेकर बैठक में नगर निगम के अधिकारियों से कहा है। इसके साथ ही अब क्षेत्रीय कामों के लिए संबंधित एसडीएम को भी समन्वय करने के निर्देश दिए हैं ताकि मॉनीटङ्क्षरग और बेहतर तरीके से हो सके।
कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, कलेक्टर

हम इसको लेकर गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं
वाटर लाइन लीकेज बड़ी समस्या है, इसको लेकर हमने संबंधित अधिकारियोंं से पहले ही बेहतर मॉनीटङ्क्षरग और काम की गुणवत्ता को लेकर बोल दिया है। आम जन की अपेक्षाओं को पूरा करना परिषद की जिम्मेदारी है और हम इसको लेकर गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं।
डॉ शोभा ङ्क्षसह सिकरवार, महापौर

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