ग्वालियर में नशे का कारोबार, छोटे एजेंट पकड़े गए, बड़े तस्कर पुलिस से दूर

पुलिस ने सबसे महंगे ड्रग एमडीएमए की खेप लेकर आए सात एजेंटों को तो पकड़ लिया, अब यह सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं …

ग्वालियर : पुलिस ने सबसे महंगे ड्रग एमडीएमए की खेप लेकर आए सात एजेंटों को तो पकड़ लिया, अब यह सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। लेकिन इनका मास्टरमाइंड पकड़ से बाहर है। पुलिस को इनपुट मिला है, चिरगांव का तस्कर गोवा और मुंबई के बड़े सप्लायरों के संपर्क में है, लेकिन पुलिस चिरगांव के तस्कर तक ही नहीं पहुंच पाई है। पुलिस इससे पहले भी छोटे एजेंट ही पकड़ पाई, बड़े सप्लायर तक पुलिस कभी नहीं पहुंच पाई। इसलिए कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर बड़े सप्लायर क्यों नहीं पकड़े जाते। पुलिस छोटे एजेंट को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा लेती है, लेकिन इसकी पूरी चेन तक पहुंचने में पुलिस नाकाम है। इसलिए शहर में नशे का काला कारोबार रुक भी नहीं रहा है।

झांसी से एमडीएमए की खेप लेकर आए सात तस्करों को ग्वालियर पुलिस ने पकड़ा था। इसमें महिला भी शामिल थी। इन आरोपितों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, यहां से इन्हें जेल भेज दिया गया। यह लोग चिरगांव के रहने वाले मनीष मिश्रा से एमडीएमए लेकर आए थे। यह लोग तो सिर्फ कमीशन पर काम करते थे। पुलिस मनीष को ही पकड़ने का जाल बिछा रही थी लेकिन जाल में एजेंट फंस गए। अब पुलिस मनीष तक पहुंचने का प्रयास कर रही है, लेकिन उसका सुराग तक पुलिस को नहीं मिला। हर बार ऐसे ही बड़े तस्करों तक पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रहे हैं।

छोटे एजेंटों से तैयार कराना था ग्वालियर में बाजार: बड़े तस्कर ने इन छोटे एजेंटों क जरिए ग्वालियर और आसपास के छोटे शहरों में बाजार तैयार करने की प्लानिंग की थी। ऐसा पता लगा है कि शहर में कुछ जगह यह लोग सप्लाई कर रहे थे। लेकिन पुलिस इस बारे में भी कुछ खास जानकारी हासिल नहीं कर पाई है।

 

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