श्रेय की होड़ में काट दिया फीता; कई काम 40% तक अधूरे !

 MP में अधूरे प्रोजेक्ट का चुनावी लोकार्पण:श्रेय की होड़ में काट दिया फीता; कई काम 40% तक अधूरे

मध्यप्रदेश में कभी भी चुनावी आचार संहिता लग सकती है। इसके बाद न तो कोई शिलान्यास, भूमिपूजन किया जा सकेगा, न ही उद्घाटन या लोकार्पण। ऐसे में प्रदेश में कई प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन-लोकार्पण की बाढ़ सी आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज किसी न किसी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन, उद्घाटन या लोकार्पण कर रहे हैं। खास बात यह है कि पिछले एक माह में जिन प्रोजेक्ट्स का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन, लोकार्पण या शुभारंभ किया है, उनमें से कोई भी अभी तक पूरी तरह से वर्किंग कंडिशन में नहीं है।

एकात्म धाम, महाकाल लोक फेज-2, ग्लोबल स्किल पार्क हो या जबलपुर में बन रहा प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर इन सब का लोकार्पण तो कर दिया गया, लेकिन ये सभी अधूरे हैं। ये वे प्रोजेक्ट हैं, जिनकी शुरुआत या निर्माण भाजपा की शिवराज सरकार ने किया था। काम पूरा नहीं होने के बाद भी आनन-फानन में इन्हें उद्घाटन लायक बनाकर सीएम ने फीता काटा।

दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि इन सभी कामों को वर्किंग में आने में कई साल लग जाएंगे।

 

जबलपुर फ्लाईओवर: 5.9 में से 1.2 किलोमीटर ही बना और सरकार ने लोकार्पण कर दिया

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर की नींव जबलपुर में 22 फरवरी 2019 को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रखी थी। ये फ्लाईओवर दमोह नाका से मदन महल तक (6 किलोमीटर) तीन साल में बनकर तैयार होना था। तब इसका बजट 758 करोड़ रुपए था।

28 सितंबर 2023 को शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्घाटन किया था। इस प्रोजेक्ट को मार्च 2022 तक पूरा होना था, लेकिन डेडलाइन के भी डेढ़ साल बाद उद्घाटन के वक्त लगभग 6 किलाेमीटर के फ्लाईओवर का केवल 18 फीसदी हिस्सा यानी 1.2 किलोमीटर ही बन पाया है। सरकार ने आधे-अधूरे फ्लाईओवर का उद्घाटन कर दिया। डेडलाइन जून 2024 बढ़ाने के साथ ही इसका बजट बढ़ाकर 758 करोड़ से 1200 करोड़ (60 प्रतिशत) कर दिया गया है।

ग्लोबल स्किल पार्क: 40 प्रतिशत अधूरे सपने को सीएम ने पूरा मान लिया

भोपाल में बन रहे 1587 करोड़ रुपए के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क का उद्घाटन 4 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री ने यह कहकर किया था कि मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा हुआ। भास्कर मुख्यमंत्री के दावे की सच्चाई जानने पहुंचा तो हकीकत कुछ और ही मिली। ग्लोबल स्किल पार्क का 40 परसेंट से ज्यादा काम बाकी है।

2018 के चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी ने ग्लोबल स्किल पार्क बनाने की बात कही थी। इस प्रोजेक्ट के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से 970 करोड़ का कर्ज लिया गया है और 580 करोड़ रुपए सरकार ने लगाए हैं। 3 जुलाई 2017 को शिवराज सिंह ने इसका शिलान्यास किया था। प्रोजेक्ट को दिसंबर 2022 तक पूरा होना था।

प्रोजेक्ट में हुई देरी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पिछली कांग्रेस सरकार पर दोष मढ़ा था। सीएम ने कहा था कि पूर्व सरकार ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया। इसके निर्माण से लेकर संचालन तक सिंगापुर शिक्षा मंत्रालय की संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड सर्विसेज के साथ (MOU) करार किया है।

ट्रेनिंग प्लान-स्किल की मांग के अनुसार रिसर्च कर सिलेबस तैयार किया जाएगा

सेंटर फॉर स्किल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में इंडस्ट्री में स्किल की मांग के अनुसार रिसर्च कर सिलेबस तैयार किया जाएगा। रिसर्चर्स इस बात की मॉनिटरिंग करेंगे कि इंडस्ट्री में किस स्किल की मांग ज्यादा और कम है। इसके अनुसार सिलेबस और प्रशिक्षण में बदलाव किए जाएंगे।

पार्क में ये सेंटर रहेंगे

  • सेंटर ऑफ ऑक्यूपेशनल स्किल्स एक्जीबिशन।
  • सेंटर ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर ट्रेनिंग।
  • TVET प्रेक्टिशनर्स डेवलपमेंट सेंटर।
  • सेंटर ऑफ टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड एंटरप्रिन्योरशिप।

एकात्म धाम: आदि गुरु की प्रतिमा तक जाने का रास्ता भी नहीं बना

2200 करोड़ के एकात्म धाम प्रोजेक्ट के अभी तक केवल 198 करोड़ रुपए के ही कार्य हो पाए हैं। मतलब करीब 9 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। इस 9 प्रतिशत के काम को प्रोजेक्ट का फर्स्ट फेज कहा गया है। फर्स्ट फेज में 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की बाल रूप की प्रतिमा बननी थी, जिसका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 21 सितंबर को भव्य लोकार्पण किया था। बड़ी बात यह है कि यह फर्स्ट फेज भी आधा-अधूरा था। जिस एकात्मता की मूर्ति का लोकार्पण किया, उसका कमल का पेडेस्टल बनना था, जो बन ही नहीं पाया। ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की प्रतिमा के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। प्रतिमा क्षेत्र तक पहुंचने का कोई स्थाई मार्ग भी बन नहीं पाया है।

9 फरवरी 2017 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर अद्वैत लोक बनाने की घोषणा की थी। जून 2022 से कंस्ट्रक्शन शुरू हुआ। इस प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 2200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी करीब 4 साल और लगने वाले हैं। प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर्स का कहना था कि अगस्त 2023 पूरा होने से पहले हमें मूर्ति बनाने की डेडलाइन दी गई थी। यह कार्य युद्ध स्तर पर पूरा हुआ। बारिश में भी मूर्ति का काम एक दिन भी नहीं रुका। जिस काम को सरकारी ढर्रे से पूरा होने में 2-3 साल लगते, उसे हमने 8 महीने में ही पूरा कर दिया है।

शंकर संग्रहालय में जीवंत होगी शंकराचार्य की जीवनी: संग्रहालय के अंतर्गत आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन धर्म पर विभिन्न वीथिकाएं, दीर्घाएं, लेजर लाइट वाटर साउंड शो, आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म, सृष्टि नाम का अद्वैत व्याख्या केंद्र, एक अद्वैत नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र, शंकर कलाग्राम का निर्माण होगा।

आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की खासियत: संस्थान के तहत दर्शन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और कला पर केंद्रित चार शोध केंद्रों के अलावा ग्रंथालय, विस्तार केंद्र और एक पारंपरिक गुरुकुल भी होगा। अद्वैत लोक के साथ ही 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन नाम का एक सघन जंगल विकसित किया जा रहा है।

महाकाल लोक फेज-2: मंदिर के दोनों ओर से शिखर दर्शन का काम बाकी

काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बने महाकाल लोक फेज-2 के कामों का सीएम शिवराज सिंह ने 5 अक्टूबर 2023 को शुभारंभ किया था। जिन प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया, उनमें से कुछ तो शुरू भी नहीं हुए हैं, लेकिन उनका लोकार्पण हाे गया है। इनमें महाकाल परिसर का उन्नयन और हेरिटेज धर्मशाला का काम अभी 10 फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। महाराजवाड़ा बेसमेंट पार्किंग की स्थिति यह है कि इसमें एक भी गाड़ी खड़ी नहीं हो सकती।

इसी तरह, मंदिर के दोनों ओर से शिखर दर्शन का कार्य भी अधूरा है। अधूरे कार्यों के बावजूद सरकार ने लोकार्पण कर दिया है। फेज 2 का एक्सटेंशन कर 502 करोड़ रुपए के 15 प्रोजेक्ट और जोड़े गए हैं। रूद्रसागर पर पैदल पुल (25.22 करोड़), रामघाट का सौंदर्यीकरण (20.79 करोड़), रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे (209 करोड़), अन्य सड़क का विकास (116.96 करोड़) जैसे कुल 15 काम और होंगे।

मेट्रो : स्टेशनों का काम 40 परसेंट अधूरा, ट्रायल रन को ही हरी झंडी दिखा दी

3 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 किलाेमीटर ट्रैक पर मेट्रो चलाकर इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई थी। यह 5 किमी का ट्रायल रन फेज-1 यानी 14 किमी ट्रैक के पूरा होने की डेडलाइन दिसंबर 2022 के भी 9 महीने बाद हुआ था। ट्रायल रन के लिए दो स्टेशन तैयार किए गए थे। दोनों स्टेशनों के बीच में पड़ने वाले स्टेशनों का काम 30 – 40 परसेंट अधूरे हैं।

भोपालवासियों को 6 किलोमीटर सफर करने के लिए अभी कम से कम एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। 26 नवंबर 2019 को कमलनाथ ने भोपाल मेट्रो का शिलान्यास किया था। इसकी सारी औपचारिकताएं भाजपा सरकार में पूरी हो गई थीं।

17 किलोमीटर के पहले फेज का काम पूरा होने की तारीख तक इंदौर मेट्रो के 6 किलोमीटर का केवल ट्रायल ही हो पाया है। यह ट्रायल मेट्रो के फाइनल उद्घाटन जितना ही भव्य था। इस पर सीएम शिवराज ने कहा कि मेट्रो को इंदौर तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, इसे 2028 तक उज्जैन तक ले जाया जाएगा। जिन स्टेशनों के बीच में मेट्रो का ट्रायल रन हुआ, उन स्टेशनों को ही पूरा होने में 7 से 8 महीने लगेंगे।

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