बदलाव जारी: जीएसटी, अब तक बदलाव के 2000 सर्कुलर जारी
जीएसटी लागू होने के बाद रोज कम से एक बदलाव, अब तक बदलाव के 2000 सर्कुलर जारी …
देशभर में एक समान कर प्रणाली के नाम पर 1 जुलाई 2017 को लागू हुए जीएसटी में अब तक 2000 बदलाव हो चुके हैं। 1 जुलाई 2017 से 21 फरवरी 2023 तक कुल दिन होते हैं 2062,यानी औसतन हर दिन एक बदलाव। जीएसटी पर केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों के इतने नोटिफिकेशन और सर्कुलर जारी हो गए कि इन्हें याद रखना और एक दूसरे से लिंक करना लगभग असंभव सा हो गया है। कानून की किताबों में भी सारे नोटिफिकेशन और सर्कुलर नहीं मिलते।
अब तो ट्विटर पर सूचना आ जाती है कि यह बदलाव हो गया है और कई बार उस बदलाव का सर्कुलर या नोटिफिकेशन ढूंढ़े नहीं मिलता। चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन बताते हैं कि मूल कानून तो पता नहीं कितना बचा है। अब जीएसटी पूरी तरह सर्कुलर और नोटिफिकेशन के भरोसे हो गया है। किसी भी व्यापारी का रिटर्न जमा करने से लेकर नोटिस का जवाब देने या किसी अन्य सलाह देते समय भ्रम की स्थिति बनी रहती है। जीएसटी एक्सपर्ट मुकुल शर्मा बताते हैं कि अब तक 365 नोटिफिकेशन और 216 सर्कुलर जारी हुए हैं। एक-एक नोटिफिकेशन में कई बदलाव हो जाते हैं और सर्कुलर में उनकी प्रक्रिया देखों तो नए बदलाव पता लगते हैं। इसके अलावा जीएसटी एक्ट में 250 बदलाव हो चुके हैं। यही नहीं 1100 एडवांस रुलिंग भी जारी हुईं हैं। किसी भी राज्य के व्यापारी की मांग पर जारी की गई एडवांस रुलिंग पूरे देश में लागू हो जाती है।
ऐसे-ऐसे बदलाव हुए हैं
जब से जीएसटी लागू हुआ तब रिटर्न फाइल करने पर देरी में 200 रु. रोज की पेनाल्टी थी। बाद में इसे घटाकर 50 रुपए कर दिया गया। इसके बाद दो स्लैब बना दिए गए जिनका टैक्स 0 है उनके लिए 20 रुपए और जिन्हें टैक्स देना हैं उनके लिए 50 रुपए। इसके बाद एमनेस्टी स्कीम आ गई कि एकमुश्त जमा करने पर पेनाल्टी में छूट दे दी गई।
बदलावों को समझने लेना पड़ती है विशेषज्ञों से सलाह
टैक्स लॉ बार एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष मृदुल आर्य बताते हैं कि वैट या सेल टैक्स के समय में कभी कभार संशोधन होते थे। उन्हें याद रखना भी आसान था। जीएसटी लागू होने के बाद होने वाले बदलावों का नतीजा यह है कि हमें इन बदलावों को समझने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना पड़ रही है।
हर महीने दो स्टडी सर्किल
एसोसिएशन की तरफ से हर महीने में दो बार स्टडी सर्किल करते हैं। इसमें टैक्स में भी अलग-अलग फील्ड के एक्सपर्ट को बुलाकर कर सलाहकार आपस में नोटिफिकेशन और सर्कुलर का अर्थ समझते हैं।
रिटर्न में संशोधन की सुविधा नहीं
टैक्स लॉ बार एसोसिएशन भोपाल के उपाध्यक्ष राजेश्वर दयाल कहते हैं कि संशोधन इतने हैं कि रिटर्न भरने में गलती होना स्वाभाविक है। आयकर विभाग भी रिटर्न में संशोधन की सुविधा देता है, लेकिन जीएसटी में यह सुविधा नहीं है। इससे कई बार कर सलाहकार और व्यापारी को बिना किसी कारण के बड़ा नुकसान हो जाता है।