ग्वालियर : फुटपाथ पर कब्जे …!
फुटपाथ पर कब्जे:4 वाहनों से लगातार शहर में घूमते हैं मदाखलत के 100 कर्मचारी फिर भी नहीं हटता अतिक्रमण
शहर की मेन रोड और बाजारों में सड़क और फुटपाथ घेरकर कारोबार करने वालों को हटाने के लिए नगर निगम के मदाखलत अमले के चार बड़े वाहन और उनमें सवार होकर 100 कर्मचारी रोजाना सुबह से शाम तक घूमते हैं, लेकिन सड़क और बाजारों से अस्थायी अतिक्रमण एक इंच भी कम नहीं हो रहा है।
शहर की मेन रोड पर ट्रैफिक जाम के प्रमुख कारणों में से एक ठेले वाले ही हैं, लेकिन इनके खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। राजनीतिक हस्तक्षेप का बहाना बनाकर मदाखलत अमले के अधिकारी-कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।
आलम यह है कि दिनभर घूमने वाले अमले को न तो महाराज बाड़े के फुटपाथ पर बैठे हॉकर्स दिखाई देते हैं, न टोपी बाजार के रस्सी बाजार वाले हिस्से में सड़क पर लगी दुकानें। मुरार के सदर बाजार में काई हादसा होने पर एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तक घुसने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके बाद भी यहां कार्रवाई नहीं की जा रही। हाल ही में हजीरा क्षेत्र में जरूर थोड़ी सी कड़ाई के बाद सड़क पर खड़े होने वाले ठेले वालों को हॉकर्स जोन में पहुंचा दिया गया।
राजनीतिक हस्तक्षेप का बहाना, मदाखलत अमला करता है मनमानी
- बाजारों में बढ़ी परेशानी: त्योहार के सीजन की शुरुआत के साथ ही बाजारों में हॉकर्स की संख्या बढ़ना शुरू हो गई है। ये न सिर्फ रोड और फुटपाथ घेरकर कारोबार कर रहे हैं बल्कि बाजारों में दो और चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए छोड़े गए स्थान में भी ठेले लगा रहे हैं।
- तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे अतिक्रमण: मदाखलत अमले की जिम्मेदारी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पास है। दो कर संग्राहकों को दो-दो विधानसभाओं का प्रभारी बनाया गया है। इनके अधीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इंस्पेक्टर बनाकर अलग-अलग क्षेत्रों का प्रभार दिया गया है।
महापौर ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
शहर में ट्रैफिक को रफ्तार देने, हॉकर्स का व्यवस्थापन करने और विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने गुरुवार को अपने कार्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें सांसद विवेक शेजवलकर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
सिर्फ वसूली के लिए कार्रवाई
मदाखलत अमले के सदस्य सिर्फ वसूली के लिए कार्रवाई करते हैं। जहां से इनकी वसूली शुरू हो जाती है, वहां कार्रवाई नहीं होती, जिन क्षेत्रों से वसूली नहीं होती वहां ठेले वालों और हॉकर्स को परेशान किया जाता है। पहले पूरे शहर के लिए एक पॉलिसी बनना चाहिए।
-प्रवीण पाठक, विधायक
काम करने की इच्छाशक्ति नहीं
अफसरों में काम करने की इच्छाशक्ति नहीं है। वहीं जनप्रतिनिधि दलगत भावना से ऊपर नहीं उठ पा रहे। यही कारण है कि न सिर्फ शहर में समस्याएं बढ़ती जा रहीं है बल्कि विकास भी प्रभावित हो रहा है। हॉकर्स के व्यवस्थापन के लिए मैंने अधिकारियों को 20 स्थान ऐसे सुझाए हैं, जहां हॉकर्स जोन बना दिए जाएं तो सड़क और फुटपाथ पर कारोबार की समस्या खत्म हो जाएगी। लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।
-डॉ. सतीश सिकरवार, विधायक