सायबर जालसाज अब और सक्रिय … !
बैंक या कंपनी का कर्मचारी बनकर दोपहर 12 से 2 बजे के बीच सबसे ज्यादा 22% सायबर फ्रॉड, रात 10 के बाद हनीट्रैप का जाल …
3 महीने में सायबर क्राइम पुलिस की हेल्पलाइन पर आईं 680 शिकायत …
त्योहारी सीजन में ऑनलाइन खरीदारी के बीच सायबर जालसाज अब और सक्रिय हो गए हैं। सायबर फ्रॉड की कार्ड फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड, एप्लीकेशन फ्रॉड, लोन फ्रॉड जैसी तकरीबन हर कैटेगरी में इन दिनों में इजाफा हो रहा है। पुलिस की चिंता ये भी है कि इन दिनों में कस्टमर केयर फ्रॉड ज्यादा बढ़ेंगे।
ये चौंकाने वाले आंकड़े तब सामने आए, जब भोपाल सायबर क्राइम पुलिस ने पिछले 3 महीने में अपने हेल्पलाइन नंबर 9479990636 पर आईं 680 शिकायतों का विश्लेषण किया। खुलासा ये हुआ कि इन 680 लोगों 2.97 करोड़ रुपए की ठगी हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा ठगी दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच हुई है। सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच और रात में 10 बजे से सुबह 8 बजे के बीच हनीट्रैप ही ज्यादा हुए। हालांकि, ये ग्राफ काफी कम रहा है।
अब कस्टमर केयर फ्रॉड बढ़ेंगे... 3 महीने में सायबर क्राइम पुलिस की हेल्पलाइन पर आईं 680 शिकायत
जान रहे ठगी का तरीका… डीसीपी क्राइम अमित कुमार ने बताया कि इस विश्लेषण से सामने आए तथ्यों पर पॉलिसी लेवल पर काम किया जा रहा है। जैसे किन लोगों के साथ किस-किस तरीके से ठगी की जा रही है और ऐसे लोगों को जालसाजी से बचाने के लिए क्या करना चाहिए। रात या दिन में किस तरह के फ्रॉड हो रहे हैं और इनसे लोगों को कैसे बचाया जा सकता है।
यूपीआई और कार्ड फ्रॉड…
पुलिस रिसर्च में सामने आया कि सुबह 10 से शाम 6 बजे तक ज्यादातर ठगी यूपीआई व डेबिट-क्रेडिट कार्ड से हो रही हैं। वर्किंग टाइम में ठग फोन कर खुद को बैंक या कंपनी का कर्मचारी बताकर खाते से पैसे उड़ा लेते हैंं। बीते 8 महीनों में इस तरह की 239 शिकायतें पुलिस को मिली हैं।
बचे एक करोड़... सायबर ठगी की वक्त रहते सूचना देने पर भोपाल सायबर क्राइम पुलिस ने 1 करोड़ रुपए ठगे जाने से बचा लिए। इन 680 लोगों में से 189 लोग ऐसे रहे, जिन्होंने दो घंटे के भीतर ही पुलिस से संपर्क कर लिया। 2-4 घंटे में सूचना देने वालों की संख्या 125 रही। बाकी 366 लोग वो रहे, जिन्होंने ठगी के 4-48 घंटे के भीतर ही पुलिस से संपर्क किया।
ये बचने के उपाय
1. सोशल मीडिया प्रोफाइल लॉक या प्राइवेट रखें। किसी भी एप पर आने वाले अनजान वीडियो कॉल रिसीव नहीं करें।
2. हनीट्रैप का अंदेशा लगे तो फौरन पुलिस को सूचना दें।
3. सोशल मीडिया पर सीमित जानकारी अपलोड करें और टू-फैक्टर सिक्योरिटी ऑन रखें।
4. पब्लिक ओपन वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें।