जम्मू कश्मीर फैसले पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

अखिल भारतीय विरोध दिवस के तहत जम्मू कश्मीर पर लिए फैसले का विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध किया। उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को अलोकतांत्रिक करार दिया। डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर शीघ्र फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। बुधवार को सीपीआई, सीपीआईएम, सपा, जेडीएस, पीपुल्स फोरम, लोक दस्तक, जन संवाद से जुड़े लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर की जनता को विश्वास में लिए बिना जम्मू कश्मीर का विभाजन करने के साथ ही धारा 370, 35 ए को खत्म या कमजोर किया है।सरकार का यह फैसला अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। यह फैसला लेने से पहले सरकार ने जम्मू कश्मीर में भारी सुरक्षा बल भेजकर आतंक का माहोल बनाकर आम जनता को संवाद विहीन किया है, वहां के जाने-माने नेताओं को गिरफ्तार कर फांसीवासी मानसिकता का परिचय दिया है। कहा कि जम्मू कश्मीर विभाजन की रूपरेखा आरएसएस की वर्ष 2002 में कुरुक्षेत्र हरियाणा में हुई आम बैठक में तैयार की गई थी, जो मोदी सरकार ने लागू की है। आरोप लगाया कि सरकार आम जनता को अलग-थलग करना चाहती है जो धर्म निरपेक्ष और जनतांत्रिक के लिए शुभ संकेत नहीं है।

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