UPSC में ज्योग्राफी क्रैक करने के 8 टिप्स ..!

ज्योग्राफी की मदद से समझ सकते हैं हिस्ट्री-सोशियोलॉजी के कॉन्सेप्ट

आइए आप से कुछ प्रश्न पूछता हूं

1) क्या कर्क रेखा स्थिर होती है?

2) डेक्कन की काली मिट्टी कहां से आई?

3) यदि हिमालय न होते, तो भारत कैसा होता?

4) यदि पृथ्वी झुकी हुई न होती, तो मौसम होते?

5) आपके पैरों तले, पृथ्वी के केंद्र में (कोर में), क्या है?

मजा आया? तो और हो जाए

1) अरावली पर्वतमाला की उम्र क्या है?

2) अमेरिका की पांच विशाल झीलें (ग्रेट लेक्स) कैसे बनीं?

3) विश्व में तम्बाकू का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन है?

4) यदि पृथ्वी धुरी पर घूमना बंद कर दे, तो क्या क्या होगा?

5) बड़ी नदियों में, केवल नर्मदा नदी ही पश्चिम की ओर क्यों बहती है?

इन प्रश्नों से आप समझ सकते हैं आपकी पकड़ ज्योग्राफी पर कितनी है। यकीन मानें, ये बढ़िया स्कोरिंग सब्जेक्ट है।

तो समझें कि सभी विषय चाहे वह इतिहास हो या समाजशास्त्र, मूलतः ज्योग्राफी से ही शुरू होते हैं। आइए जानते हैं इसकी तैयारी के टिप्स।

ज्योग्राफी का सिलेबस समझें

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के तीन चरण होते हैं, प्रीलिम्स (प्रारंभिक परीक्षा), मेन्स (मुख्य परीक्षा) और इंटरव्यू। ज्योग्राफी का अध्ययन इन तीनों के लिए जरूरी है।

1) भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल: भारतीय भूगोल में स्थानों की उचित स्पष्टता के साथ भारत के फिजिकल फीचर्स की गहन समझ अनिवार्य है। प्रश्नों में वैचारिक पहलुओं पर जोर दिया जाता है।

2) विश्व का भौतिक भूगोल: रिसोर्सेस का वितरण, भूगोलीय विशेषताएं, भू-भौगोलिक घटनाएं, पर्यावरणीय मुद्दे

3) करंट डेवलपमेंट्स: इस पर जोर दिया जाता है, लेकिन भौगौलिक फैक्ट्स का ठोस ज्ञान इम्पॉर्टेन्ट है।

इन टॉपिक्स की तैयारी ठीक से करने में 6 से 9 महीने लग सकते हैं, और इन्हें कॉन्सेप्ट स्तर पर समझना जरूरी होता है।

ज्योग्राफी क्रैक करने के 8 टिप्स – BCM-MAAMO

BCM-MAAMO का मतलब है: B-बेसिक, C-कॉन्सेप्ट्स, M-मैप्स, M-मॉक्स, A-एडवांस्ड, A-आंसर राइटिंग, M-निमोनिक्स, O-ऑनलाइन

1) बेसिक कॉन्सेप्ट: आप सबसे पहले, क्लास छठी से बारहवीं तक की NCERT पुस्तकों से बेसिक कॉन्सेप्ट तैयार करें। आप मानचित्र और ग्राफ के माध्यम से डेटा सीखें।

2) कॉन्सेप्चुअल टॉपिक्स: तैयारी की शुरुआत में कॉन्सेप्चुअल टॉपिक्स से करें, क्योंकि वे आधार बनाते हैं जिस पर तथ्यात्मक फैक्चुअल टॉपिक्स को सीखने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। उल्टा न चलें।

3) मैप्स: मैप्स ना केवल प्रीलिम्स में बल्कि GS-2 में अंतराष्ट्रीय संबंधों के कॉन्सेप्ट्स के साथ, और GS-3 में एग्रीकल्चर प्रश्नों को हल करने में भी मदद कर सकते हैं। ऑक्सफोर्ड और ब्लैक स्वान एटलस पर नदियों, झीलों, पहाड़ों, दर्रों, घाटियों, रेगिस्तानों, महासागरों, समुद्रों, खाड़ी, द्वीपसमूह, संरक्षित क्षेत्रों, जीआई टैग, जनजातियों के स्थान आदि जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को पहचानें।

4) पिछले सालों के पेपर्स: पिछले सालों के पेपर्स को देखने से आपको प्रश्न पूछने के पैटर्न इत्यादि का पता चलेगा। साथ ही अपनी तैयारी को जांचने के लिए हर थोड़े दिनों में मॉक टेस्ट दें। एक बढ़िया रिसोर्स ये है – https://bit.ly/solvedpapers – कई वर्षों के फुली सॉल्व्ड पेपर मिलेंगे।

5) एडवांस तैयारी: छठी से बारहवीं तक की NCERT बुक्स के बाद गोह चेंग लिओंग एवं माजिद हुसैन की भूगोल की किताबों का अध्ययन मदद कर सकता है।

6) आंसर राइटिंग: आंसर राइटिंग इम्पॉर्टेंट है इस लिए इसकी प्रैक्टिस साथ-साथ करते चलें। भूगोल में किसी भी स्थान के बारे में लिखते वक्त उसके अक्षांश और देशांतर लिखना फायदेमंद हो सकता है।

7) निˈमॉनिक् (mnemonic): जैसे अमेरिका की ग्रेट लेक्स हैं HOMES (Huron, Ontario, Michigan, Erie, Superior), इत्यादि।

8) ऑनलाइन मटेरियल का उपयोग: कठिन टॉपिक्स जैसे एल नीनो, ला नीना, पवनों के प्रवाह आदि को समझने के लिए ऑनलाइन वीडियो संसाधनों का उपयोग करें। आपके लिए नॉलेज गिफ्ट – फ्री स्टडी मटेरियल: https://bit.ly/upscstudy

और हां, न्यूजपेपर और मैगजीन्स से लेटेस्ट भूकंप, सूनामी, ज्वालामुखी जैसी महत्वपूर्ण भौगोलिक घटनाओं का स्थान, ध्यान से देखें। कुरुक्षेत्र पत्रिका मदद कर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *