सरकार चाहे पर ग्राम सभा की ना तो नहीं खुलेगी शराब की दुकान
ग्राम सभा की 50 फीसदी आबादी अलग तो गठित हो सकेगी नई ग्राम सभा
सरकार चाहे पर ग्राम सभा की ना तो नहीं खुलेगी शराब की दुकान
इस तरह किया गया पॉवरफुलआदिवासी इलाकों के लिए नए नियम1000 रुपए का जुर्माना भी
भोपाल. प्रदेश में पहली बार गांव की सरकार पॉवरफुल होगी। सरकार ने ही ग्राम सभा को ऐसे अधिकार दिए हैं, जिससे वह शक्तिशाली बनकर उभरे। नए नियमों के तहत अब बिना ग्राम सभा की अनुमति के आदिवासी इलाकों में शराब दुकान नहीं खुल सकेगी, चाहे एसडीएम की अनुमति ही क्यों न हो। हालांकि अब सरकार भी शराब दुकान खोलने से पहले ग्राम सभा से सहमति लेगी। इसमें अगर ग्राम सभा कोई जवाब नहीं देती है तो उसे इनकार ही माना जाएगा। इसके अलावा यदि ग्राम सभा की आधी आबादी बहुमत से चाहे तो अलग ग्राम सभा गठित कर सकेगी। इन अधिकारों के प्रारूप पर सरकार ने अभी दावे-आपत्ति मांगे हैं। पंद्रह दिन बाद इनका निराकरण करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद नए नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। अभी तक ग्राम सभाओं को यह अधिकार नहीं थे, केवल कुछ मामलों में ग्राम पंचायतें ही अधिकार रखती थीं।
नए प्रस्तावित नियमों में ग्राम सभा को काफी पॉवरफुल बनाया गया है। इसके तहत खेती की योजना भी ग्राम सभा बना सकेगी। इसमें विभिन्न योजनाओं का उपयोग होगा। खास ये कि यदि किसी अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति की जमीन पर किसी दूसरे का कब्जा है तो उसे हटाने के लिए ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कर सकेगी। जमीन के इस तरह के दूसरे व्यक्ति के पास जाने, स्थानांतरण होने, कब्जा होने के मामलों को भी रोक सकेगी। क्षेत्रीय शासकीय कार्यालय में ग्राम सभा की सिफारिश को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी जमीन के अधिग्रहण के पहले सरकारी विभाग भी ग्राम सभा से एनओसी लेगा। सरकारी अधिग्रहण में भी ग्राम सभा की राय के हिसाब से निर्णय होगा।
खनन में भी पहले एनओसी अनिवार्य
आदिवासी इलाकों में ग्राम सभा की एनओसी खनन की मंजूरी के पहले अनिवार्य होगी। इसके अलावा इन इलाकों में अनुसूचित जनजाति के महिला-पुरुषों को खनन आवेदन में प्राथमिकता मिलेगी। इनमें से कुछ अधिकार पंचायतों में रहे हैं। अब इनका विस्तार ग्राम सभा स्तर तक किया जा रहा है।
ग्राम सभा को ये अधिकार भी दिए जा रहे हैं कि यदि उनके इलाके में कोई व्यक्ति मादक पदार्थों को लेकर तय नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकेगा। शराब दुकान खोलने के प्रस्ताव पर 45 दिन में ग्राम सभा अभिमत देगी। अभी कोई दुकान है तो ग्राम सभा उसका स्थान बदलवा सकेगी। त्यौहार पर चार दिन के लिए शराब दुकान बंद करने के लिए भी ग्राम सभा कलेक्टर को अनुशंसा कर सकेगी। इस पर कलेक्टर को निर्णय लेने के अधिकार होंगे।
साहूकारी पर भी शिकंजा
ग्राम सभा साहूकारी में गलत कर्ज और मनमानी वसूली पर भी शिकंजा कस सकेगी। नए नियमों के तहत साहूकारी के लायसेंस की एक प्रति संबंधित जारीकर्ता अधिकारी के लिए ग्रामसभा को देना अनिवार्य होगा। साहूकार की जिम्मेदारी होगी कि वह कर्ज की बकाया व चुकाई स्थिति की त्रिमासिक रिपोर्ट उपखंड अधिकारी-राजस्व को दें।
बदलाव ऐसा
दरअसल, राज्य सरकार पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम 1996 में संशोधन करके संशोधन अधिनियम 2022 ला रही है। इसके प्रारूप के तहत नए नियमों को दिया गया है। 22 सितंबर को इसका गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित किया गया है। यह नियम केवल अनुसूचित इलाकों के लिए रहेंगे। ग्राम पंचायत की तरह ही ग्राम सभा का अध्यक्ष व सचिव होगा।