चुनावी स्कीम्स पर राजनीतिक दलों को EC की चिट्ठी…!

जनता को बताएं कि जो वादे किए, उन्हें पूरा करने फंड कैसे जुटाएंगे …

चुनाव आयोग ने चुनावी वादों को लेकर राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखी है। इसमें आयोग ने कहा है- राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणापत्र में वोटर्स को चुनावी वादों के बारे में सटीक जानकारी दें। साथ ही यह भी बताएं कि वे जो वादे कर रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन हैं भी या नहीं? आसान शब्दों में कहें तो आयोग ने राजनीतिक दलों से जनता को यह बताने के लिए कहा है कि वे अपनी घोषणाओं के लिए फंड कैसे जुटाएंगे।

देश के 6 राज्यों में 7 विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव की घोषणा के बाद लिखी इस चिट्ठी में आयोग ने कहा है- पॉलिटिकल पार्टीज को एक तय फॉर्मेट में वोटर्स को बताना चाहिए कि जो वादे किए जा रहे हैं, वे कितने सही हैं? इसके अलावा, वोटर्स को यह भी बताएं कि इन्हें पूरा करने के लिए राज्य या केंद्र सरकार के पास क्या वित्तीय संसाधन हैं।

चुनाव आयोग ने कहा- हम आंख मूंदकर नहीं बैठ सकते
आयोग ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आंख मूंदे नहीं रह सकते हैं। अगर राजनीतिक दल सिर्फ खोखले वादे कर रहे हैं, तो इसके दूरगामी असर होंगे। आयोग ने अपनी चिट्ठी में सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर 19 अक्टूबर तक अपना सुझाव देने को कहा है।

चुनाव आयोग ने लेटर में सभी पार्टियों से 19 अक्टूबर तक सुझाव देने के लिए भी कहा है।
चुनाव आयोग ने लेटर में सभी पार्टियों से 19 अक्टूबर तक सुझाव देने के लिए भी कहा है।

फ्री स्कीम्स का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग
चुनाव में फ्री स्कीम्स वादों पर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। 25 अगस्त को सुनवाई के बाद तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इसे नई बेंच में ट्रांसफर कर दिया था। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने फ्री स्कीम्स पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की है।

आयोग ने कहा था- फ्री वादों की परिभाषा तय करें
11 अगस्त को फ्री स्कीम्स पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल किया था। आयोग ने कोर्ट में कहा था कि फ्री का सामान या फिर अवैध रूप से फ्री का सामान की कोई तय परिभाषा या पहचान नहीं है। आयोग ने 12 पन्नों के अपने हलफनामे में कहा कि देश में समय और स्थिति के अनुसार फ्री सामानों की परिभाषा बदल जाती है। कोर्ट ने आयोग के रवैए पर फटकार लगाई थी।

हाल के चुनावों में राजनीतिक दलों की बड़ी फ्री स्कीम्स
1. पंजाब चुनाव में आप ने 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को 1,000 रुपए महीना देने का वादा किया।

2. पंजाब चुनाव में शिअद ने हर महिला को 2,000 रुपए देने का वादा किया।

3. यूपी चुनाव में कांग्रेस ने घरेलू महिलाओं को 2000 रु. माह देने का वादा किया।

4. यूपी चुनाव में कांग्रेस का 12वीं की छात्राओं को स्मार्टफोन देने का वादा।

5. यूपी चुनाव में भाजपा ने 2 करोड़ टैबलेट देने का वादा किया था।

6. गुजरात चुनाव में आप ने बेरोजगारों को 3000 रु. महीना भत्ता देने का वादा किया।

7. बिहार चुनाव में भाजपा ने मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया।

3 नवंबर को 6 राज्यों की 7 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे
6 राज्यों की रिक्त 7 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होगा। आयोग ने बताया कि ये उपचुनाव बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनुगोडे, उत्तर प्रदेश के गोला गोरखनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र में होंगे। इन चुनावों की अधिसूचना सात अक्टूबर को जारी होगी। मतों की गिनती छह नवंबर को होगी।

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