अप्रैल-जुलाई 22 में राज्यों का खर्च केंद्र से आधा …!
सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों पर बजट का सिर्फ 15% खर्च कर पाए राज्य …
मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल-जुलाई 22) के दौरान सड़क, स्कूल, अस्पताल और पुल सहित कई आर्थिक गतिविधियों पर खर्च के मामले में केंद्र सरकार राज्यों से आगे रही है। इस दौरान केंद्र ने 2.08 लाख करोड़ रु. खर्च किए हैं, जबकि इसी अवधि में 26 राज्यों ने 1.01 लाख करोड़ ही खर्च किए हैं। 2022-23 में लंबी अवधि के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले इस खर्च के लिए केंद्र ने 7.5 लाख करोड़ रु. रखे थे, जबकि राज्यों ने 6.92 लाख करोड़ रु. का बजट तय किया था।
केंद्र ने बजट का 27.8%, जबकि राज्य सरकारें 14.7% ही खर्च पाईं
केंद्र अपने बजट का 27.8% खर्च कर चुका है, जबकि राज्य सरकारें 14.7% ही खर्च कर पाई हैं। वहीं, अप्रैल से जुलाई के बीच 100 करोड़ या उससे ज्यादा खर्च का लक्ष्य रखने वाली सरकारी कंपनियां अपने बजट का 28% खर्च कर चुकी हैं। इन कंपनियों का कुल खर्च का बजट 6.62 लाख करोड़ रु. है और ये इसमें से 1.84 लाख करोड़ रु. खर्च कर चुकी हैं।
इसका नतीजा यह रहा है कि निजी क्षेत्र से अपेक्षाकृत कम निवेश के बावजूद सरकारी कंपनियों के खर्च ने अर्थव्यवस्था को बखूबी संभालने का काम किया। कोरोना में लॉकडाउन के कारण केंद्र ने इस बार बजट में पूंजीगत खर्च के लिए पिछली बार के 5.5 लाख करोड़ के मुकाबले करीब 37% की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की थी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश 6.3% बढ़ा
पूंजीगत खर्चों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 6.3% बढ़ा है। हालांकि, सीएमआईई के मुताबिक, सितंबर तिमाही में सरकारी और निजी कंपनियों ने कुल 3.3 लाख करोड़ की परियोजनाओं का ऐलान किया, जो पिछली बार से 26% कम है।
- देश में पूंजीगत व्यय के बजट के मामले में यूपी पहले व महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है, लेकिन अब तक हुए खर्च में ये 10-12% पर ही अटके हुए हैं।
- 26 राज्यों में से केरल ने अपने बजट का सबसे ज्यादा 27.6% खर्च किया है। सूची में गुजरात (25.1%) दूसरे, मप्र (24.7%) तीसरे, हिमाचल (21%) चौथे पर है।
- तमिलनाडु ने 43,072 करोड़ रु. व कर्नाटक ने 43,572 करोड़ का बजट तय किया था। तमिलनाडु 20% और कर्नाटक 18.5% खर्च कर चुका है।
उम्मीद… आखिरी 8 महीनों में पकड़ते हैं रफ्तार
- राज्यों के खर्च का ट्रेंड देखें तो आखिरी के महीनों में तेजी आती है। पिछले वित्त वर्ष में महाराष्ट्र ने अपने तय बजट से भी ज्यादा खर्च कर दिया था।
- इस वित्त वर्ष के लिए पिछली बार के मुकाबले 28% ज्यादा प्रोजेक्ट कतार में हैं। हालांकि, अभी जमीनी स्तर पर इन परियोजनाओं में कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
- वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 22 राज्यों में से 13 अपने पूंजीगत व्यय का बजट पूरा नहीं कर पाए थे, जबकि 9 राज्य तय बजट से आगे निकल गए थे।
- पिछली बार कर्नाटक, गुजरात, मप्र, ओडिशा, तमिलनाडु और प. बंगाल अपने लक्ष्य से पीछे रह गए थे। इस बार बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब पर नजर रहेगी।
- जानकारों की मानें तो इस बार केंद्र और राज्य दोनों का जीएसटी संग्रह बेहतर रहा है, ऐसे में पूंजीगत व्यय के जरिए भी विकास को गति देने की जरूरत है।