शहर में बढ़ रहे बलात्कार के केस …!

अधिकांश फर्जी, पर खुलासा नहीं कर सकी पुलिस …

मुरैना में बलात्कार के केस निरंतर बढ़ रहे हैं लेकिन पुलिस उनकी तह तक नहीं पहुंच पा रही है। दूसरी तरफ पुलिस इस बात को कह रही है कि यह केस फर्जी हैं लेकिन उनकी जांच पूरी नहीं हुई है। अब ऐसे मामलों में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है वे बेगुनाह होने के बावजूद जेल में सजा काट रहे हैं। बीते एक माह में दर्जन भर केस बलात्कार के आए हैं जिनमें आरोपी सजा काट रहे हैं।
पुलिस का यह कहना है कि इन प्रकरणों में अधिकांश प्रकरण झूठे हैं लेकिन इसका पुख्ता सबूत पुलिस के पास नहीं है। बता दें, कि पुलिस की इस लापरवाही से निर्दोष फंसे हैं।

यह हैं चंद उदाहरण
1-मुरैना शहर के बीचो-बीच एमएस रोड स्थित एक होटल में तीन नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया था। पुलिस ने उनमें से चार लड़कों को पकड़ा। उसमें से एक लड़का जो लड़कियों ने बताया वह वहां मौजूद नहीं था। पुलिस के ही मुताबिक होटल के सीसी टीवी कैमरों की फुटेज में वह लड़का नहीं था। पुलिस का यह भी कहना है कि कैमरे की फुटेज में लड़कियां मर्जी से होटल में जाती देखी गईं। यह मामला ठंडे बस्ते में डला है, कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
2-बानमोर की एक महिला ने अपने जेठ पर बलात्कार का केस लगाया। जेठ को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के हाथ महिला की वह तस्वीर लगी जिसमें वह उस व्यक्ति के गले में हाथ डाले खड़ी थी। पुलिस के ही मुताबिक जो कहानी महिला ने बताई वह गले नहीं उतर रही है। इसके बावजूद निर्दोष को बचाने व दोषी पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह मामला भी उलझा है और पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
3-तीसरा मामला मुरैना की एक वैश्य समाज की लड़की की है। जिसने अपने देवर पर बलात्कार का इल्जाम लगाया। उसने पुलिस को बताया कि उसके देवर ने ग्वालियर स्टेशन के एक होटल में जाकर उसका रेप किया। उसके बाद दोस्त के घर बुलाकर दो बार रेप किया। वह उस नाबालिग देवर के साथ शादी करना चाहती है लेकिन वह नहीं कर रहा है। यह कहानी भी पुलिस के गले नहीं उतर रही है लेकिन पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
4-हाल ही में सिविल लाइन थाने में एक मामला 50 वर्षीय महिला के साथ रेप का घटित हुआ। महिला का कहना है कि उसे उसका ननद का समधी जबरन टमटम में मुंह बांध कर बैरियर चौराहे से ले गया और अपने घर ले जाकर रेप किया। उसने बताया कि उसके समधी के घर की महिलाओं ने उसको पीटा। पुलिस के गले यह कहानी नहीं उतर रही है। एक तो टमटम में किसी को जबरन मुंह बांध कर ले जाया नहीं जा सकता। दूसरा घर की महिलाएं व मौहल्ले वाले पीड़िता को भला क्यों मारेंगे। फिलहाल यह केस भी बंद डिब्बे में है।

यह सुविधा दी है न्यायालय ने
पुलिस के मुताबिक फर्जी रेप मामलों की जो बाढ़ आई है उसमें आरोपियों को यह सुविधा दी है कि पीड़िता ने 164 के तहत जो बयान दिए हैं अगर वह उन बयानों को न्यायालय में पलटती है तो आरोपी उस महिला के खिलाफ न्यायालय में परिवाद पेश कर सकता है जिससे फर्जी आरोप मढ़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

कहते हैं जिम्मेदार
पुलिस का काम है कि जो घटना घटी है, उसमें पीड़ित का पक्ष रखते हुए आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उसके बाद मामले की जांच की जाए तथा जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दें। उन केसों में भी यही हुआ है। अभी जांच चल रही है, जो बाद में न्यायालय को सौंपी जाएगी। उस जांच के तथ्यों के आधार पर न्यायालय फैसला करेगा।
रायसिंह नरवरिया, एडिशनल एसपी, मुरैना

कहते हैं एसपी
पुलिस मामलो की जांच कर रही है। लेकिन पुलिस के हाथ-पैर बंधे हैं। अगर पीड़िता शिकायत करती है तो एफआईआर दर्ज करना ही होगी लेकिन हमारी कोशिश यह रहती है कि निर्दोश न फंसे। हम मामलों की पूरी तरह तह में जाने की कोशिश कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी जाएगी। जहां तक निर्दोषों के फंसने का सवाल है उसमें वह पीड़िता के कोर्ट में बयान पलटने के बाद उसके खिलाफ न्यायालय में परिवाद पेश कर सकते हैं।
आशुतोष बागरी, पुलिस अधीक्षक, मुरैना

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