कभी-कभी हारने वाला असली विजेता होता है!

क्या आप कभी जीतने के लिए हारे हैं? अगर नहीं तो ये कहानी आपके लिए है। हॉलीवुड की महान अभिनेत्रियों में से एक कैथरीन हेपबर्न इकलौती ऐसी हैं, जिन्हें चार बार ऑस्कर मिलने और दर्जनों बार नॉमिनेट होने के बावजूद वह इसे ग्रहण करने के लिए भव्य समारोह में शरीक नहीं हुईं। उनका गहन विश्वास था कि लोगों का प्यार-लगाव ही उनके लिए सबसे बड़ा रिवॉर्ड है। मध्यमवर्गीय कैथरीन की साधारण परवरिश हुई। पर उनके माता-पिता ने उनमें गहरे मूल्य भरे। कैथरीन की एक कहानी उन्हीं के शब्दों में पढ़ते हैं।

अपनी किशोरावस्था में एक बार मेरे पिता और मैं सर्कस देखने के लिए टिकट की कतार में लगे थे। वहां हमसे पहले एक बड़ा परिवार भी था। उसने मेरे अंदर गहरी छाप छोड़ी। परिवार में शायद 12 साल से छोटे 8 बच्चे थे। उनके पहनावे से दिख रहा था कि उनके पास बहुत पैसा नहीं पर कपड़े साफ थे। बच्चे व्यवहारकुशल थे और दो-दो बच्चे एक-दूसरे का हाथ थामे कतार में थे। वे उत्सुकता में जोकरों, जानवरों के बारे में और उस रात जो करतब देखने वाले थे, उनके बारे में बात कर रहे थे।

उनका उत्साह देखकर अंदाजा लगा सकते थे कि वे इससे पहले कभी सर्कस नहीं गए होंगे। मतलब ये उनके जीवन का बड़ा पल होने वाला था। उनकी बारी आई और टिकट दे रही महिला ने उस आदमी से पूछा, कितनी टिकट चाहिए? उसने गर्व से कहा, ‘मैं आठ बच्चों और दो वयस्कों की टिकट लेना चाहता हूं। ताकि अपने परिवार को सर्कस दिखा सकूं।’ टिकट दे रही महिला ने कीमत बताई। उस आदमी की पत्नी ने थामा हाथ छोड़ दिया, सिर झुक गया, आदमी के होंठ कांपने लगे। तब उसने थोड़ा करीब आकर पूछा, ‘आपने कितना कहा?’

महिला ने फिर से दाम बताए। उस आदमी के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। अब वह कैसे मुड़कर आठ बच्चों से कहे कि उन्हें सर्कस ले जाने के लिए उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं। जो कुछ घट रहा था, उसे देखकर मेरे पिता उस आदमी के पास गए, अपनी जेब से 20 डॉलर निकालकर जमीन पर गिरा दिए। (याद रखें वे खुद भी तब अमीर नहीं थे!) फिर पिता झुके, 20 डॉलर उठाए और उस शख्स का कंधा छूते हुए बोले, ‘एक्सक्यूज़ मी सर, यह आपकी जेब से गिर गए थे’। वो आदमी माजरा समझ गया।

वह मदद के लिए भीख नहीं मांग रहा था, लेकिन निश्चित रूप से एक हताश, दिल तोड़ने वाली और शर्मनाक स्थिति में मदद चाहिए थी। उसने मेरे पिता की आंखों में देखा, अपनी दोनों हथेलियों के बीच उनके हाथ थामे, 20 डॉलर खींच लिए और कांपते होठों और गालों तक बहते आंसुओं के बीच जवाब दिया, ‘थैंक यू, थैंक यू, सर। मेरे और मेरे परिवार के लिए यह बहुत मायने रखते हैं।’

मैं और मेरे पिता वापस घर लौट आए। जो 20 डॉलर पिता ने दे दिए थे, उनसे हम अपने लिए टिकट खरीदने वाले थे। भले ही उस रात हमने सर्कस नहीं देखा, पर हम दोनों ने अपने अंदर जो आनंद की अनुभूति की वह उससे कहीं बेहतर थी, जो सर्कस देखकर मिलती।

उस दिन कैथरीन को देने की वैल्यू पता चली। याद रखें आपको जो मिलता है उससे प्यार का कोई लेना-देना नहीं है; इसका सिर्फ इससे वास्ता है कि आप क्या देना चाहते हैं, कई बार सब कुछ! अगर आप यह कॉलम पढ़ रहे हैं तो बच्चों के सामने इस तरह का सिर्फ एक उदाहरण पेश करें और फिर देखें कि यह उन्हें कैसे बदलकर रख देता है।

फंडा यह है कि अगर आप बड़ा बनना चाहते हैं…लार्जर दैन लाइफ, तो देने की कला सीखें और कभी-कभी हारने वाला भी विजेता घोषित हो जाता है, शायद इसमें चंद साल लगें, जैसे आज हम कैथरीन के परिवार को विजेता घोषित कर रहे हैं।

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