भोपाल एवं इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुए शुक्रवार को एक वर्ष पूरा हो गया है। इस व्यवस्था से पुलिस आदतन अपराधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने में सफल हुए है। पुलिस का आमजन के प्रति व्यवहार संवेदनशील बने, इसके लिए अब जनता पर थाने की रैंकिंग करने का काम शुरू किया गया है। थाने पहुंचने वाले व्यक्ति का पुलिस द्वारा मोबाइल नंबर नोट किया जाता है। पुलिस आयुक्त कार्यालय से संबंधित व्यक्ति से फोन पर बात की जाती है। थाने में उसके साथ हुए व्यवहार के बारे में जानकारी लेने के बाद थाने की रैंकिंग तय की जाती है। यह एक सराहनीय पहल है। इसे और प्रभावी बनाया जाएगा। यह बात गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा में कही। वह आयुक्त प्रणाली का एक वर्ष पूरा होने पर पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्य अवधि की समीक्षा कर रहे थे।

उन्‍होंने पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर द्वारा जनता के फीडबेक के आधार पर थानों की रैंकिंग की पहल को सराहा। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, पुलिस कमिश्नर भोपाल मकरंद देऊस्कर, एडीजी अशोक अवस्थी सहित आला पुलिस अधिकारी मौजूद थे।