ग्वालियर। खट्टी-मीठी यादें छोड़कर साल 2022 अब विदा होने वाला है। साल के आखिरी दिनों में नईदुनिया ने सालभर में हुए अपराधों का विश्लेषण किया। सामने महिला अपराध और सायबर अपराध से जुड़े मामले आए। अपराध के ट्रेंड से लेकर पुलिस की असफलता पर फोकस किया। कुछ मामलों में पुलिस के सफलता के किस्से भी सामने आए। इसी क्रम में हम साल की सबसे बड़ी दस घटनाओं को बता रहे हैं, जिनसे ग्वालियर दहला। पूरा साल सनसनीखेज लूट, करोड़ों रुपये की डकैती से लेकर हत्या, मासूम बालिका से हैवानियत जैसी घटनाओं से भरा रहा।

16 जनवरी: सामूहिक दुष्कर्म कर लाश चंबल में फेंकी

आंतरी के कछउआ गांव निवासी 14 वर्षीय बालिका का अपहरण चार युवक कर ले गए। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बेरहमी से हत्या कर दी गई। लाश चंबल नदी में फेंक दी गई। 16 जनवरी को इसका खुलासा हुआ, तब पुलिस लाश बरामद करने चंबल नदी के पुल पर पहुंची। अभी तक उसकी लाश पहेली बनी है।

23 जनवरी: साल की पहली लूट ने सुरक्षा पर खड़े किए सवाल

सराफा कारोबारी शैलेंद्र गोयल से साल की पहली लूट हुई। 25 लाख रुपये के गहने सराफा कारोबारी से लूट लिए गए। यह मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों की क्लास लगाई, आखिर कुछ समय बाद आरोपित पकड़े गए।

31 जनवरी: राजनीति की आग वर्दी तक पहुंची, झुलसा एसआइ

हजीरा मंडी का विवाद चरम पर था। इसे राजनीतिक दल भी हवा दे रहे थे। इसी बीच मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी थी। मुख्यमंत्री का पुतला दहन रोकते समय सब इंस्पेक्टर दीपक गौतम की वर्दी में आग लग गई। वह बुरी तरह झुलस गए। करीब छह माह तक इलाज चला। कुछ समय पहले ही ड्यूटी पर लौटे हैं। अभी भी उनका इलाज चल रहा है।

19 फरवरी: मेवाती गैंग ने तीन एटीएम काटे, लूटे 43.78 लाख

19-20 फरवरी की रात, मेवाती गैंग शहर में आई। एक ही रात में महज दो घंटे के भीतर शहर के बीचों बीच तीन एटीएम काटकर 43.78 लाख रुपये लूटकर सनसनी फैला दी। भोपाल तक हड़कंप मच गया। दस दिन बाद एक आरोपित, फिर अप्रैल में चार और आरोपित पकड़े गए।

6 जून: दिनदहाड़े प्रोफेसर के घर में एक करोड़ की डकैती

पंचशील नगर निवासी एमआइटीएस के प्रोफेसर एसके दीक्षित के घर में घुसकर दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने एक करोड़ रुपये की डकैती को अंजाम देकर सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने 24 घंटे में ही इस घटना को सुलझा लिया।

16 जून: अग्निपथ की आग में जला ग्वालियर

सेना भर्ती में अग्निपथ स्कीम लागू की गई। देशभर में इसका विरोध हुआ, इस विरोध की शुरुआत ग्वालियर से हुई। 16 जून को गोला का मंदिर पर हजारों की संख्या में उपद्रवी इकठ्ठे हुए। पूरे षड्यंत्र के तहत इस उपद्रव को अंजाम दिया गया। उपद्रवी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के अलग-अलग इलाकों में फैल गए। सार्वजनिक संपत्ति की तोड़फोड़, पुलिस पर हमला, पथराव और आगजनी की।

26 जून: मासूम के साथ हैवानियत, पत्थर से कुचलकर हत्या

हजीरा की रहने वाली मासूम बच्ची के साथ कल्ला राठौर ने हैवानियत की, पत्थर से कुचलकर हत्या कर डाली। 20 दिन बाद आरोपित पुलिस के हाथ लगा, आरोपित रिश्ते में बच्ची का दादा लगता था।

21 नवंबर: 1.20 करोड़ की लूट, छह घंटे में पकड़े

इंदरगंज इलाके में अब तक की सबसे बड़ी लूट हुई। कार में से 1.20 करोड़ रुपये लूटे गए। पुलिस ने महज छह घंटे में मामलाम सुलझा लिया। ड्राइवर ही इस घटना का मास्टरमाइंड निकला।

13 सितंबर: आइपीएस पर डाक्टरों ने किया हमला

आइपीएस ऋषिकेष मीणा गश्त पर निकले थे, यह घटना 13 सितंबर रात की है। थीम रोड पर एक डाक्टर को कार में शराब पीते पकड़ा। उसने साथी बुला लिए और आइपीएस पर हमला कर दिया। पिस्टल छीनने की कोशिश हुई, गाड़ी की चाबी छीनी, मोबाइल भी तोड़ा। गुस्साए पुलिस अधिकारी हास्टल के अंदर घुसे। तड़के आरोपितों को उठाया। हास्टल की सर्चिंग हुई। डाक्टरों पर एफआइआर हुई।

22 नवंबर: डबरा में 35 लाख की लूट

डबरा में गल्ला कारोबारी सेवकराम बजाज के साथ 35 लाख रुपये की लूट हुई। पूर्व मंत्री इमरती देवी ने थाना प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। यहां तक कि तत्कालीन थाना प्रभारी को लुटेरा तक बता डाला। पुलिस ने आरोपित पकड़ लिए थे।