यह नई व्यवस्था आगामी चार फरवरी के बाद प्रभावशील कर दी जाएगी। आबकारी आयुक्त द्वारा निर्देशित अन्य जानकारी, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का रजिस्ट्रीकरण क्रमांक, उत्पादन वाले अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र का नाम, ब्रांड, स्व-सहायता समूह का नाम भी शराब की बोतलों पर लिखा जाएगा।

जनजातियों के स्वसहायता समूह ही बनाएंगे शराब
हेरिटेज शराब का उत्पादन सिर्फ जनजातियों के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में ही और केवल जनजातियों के स्व सहायता समूह द्वारा ही किया जा सकेगा। विनिर्माण इकाई के परिसर में इसकी फुटकर दुकान भी खोली जा सकेगी। महुआ से बनी हेरिटेज शराब 750, 375, 180 एवं 90 मिली लीटर की बोतलों में उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए खाद्य लाइसेंस भी लेना जरूरी होगा।
शराब की बोतलों पर लिखा जाता है कि मदिरा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब शराब की बोतलों पर यह भी लिखा जाएगा कि शराब पीकर वाहन न चलाएं। अभी हेरिटेज शराब के लिए यह व्यवस्था की गई है। देसी और विदेशी शराब की बोतलों पर भी शराब पीकर वाहन न चलाने का स्लोगन लिखा जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी किए जाएंगे।
– दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग।