भिण्ड : ठगों ने एक साल में 198 लोगों के खाते से पार किए 1.13 करोड़ रुपए

साइबर सेल ने 40 मामलों को ट्रेस कर 14.23 लाख रुपए की राशि वापस लौटाने में सफलता प्राप्त की

भिण्ड. सोशल मीडिया के बढ़ते युग में लोगों की बचत खातों में सुरक्षित नहीं है। पिछले एक साल में जिले में हर दूसरे दिन साइबर ठगी की वारदात घटी है। यह प्रकरण साइबर सेल की शाखा भिंड मुख्यालय पर दर्ज किए गए। कई मामलों में तो फरियादी शिकायत तक करने नहीं पहुंचे हैं। ठगी के प्रकरणों को ट्रेस करने में साइबर सेल पुलिस ने प्रयास अवश्य किए, लेकिन ठगी की शिकायतों में से 7.9 प्रतिशत का ही निराकरण हो सका है। साइबर ठगों को ट्रेस करने में पुलिस का तर्क है कि कई बार फरियादी रुचि नहीं लेते हैं, और ज्यादातर मामलों में खातों से निकाली राशि को वसूल करने में उससे अधिक खर्चा आता है, इसलिए कुछ मामले साइबर सेल की फाइलों में धूल खा रहे हैं।

1 जनवरी 2022 से 15 दिसंबर 2022 तक 198 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई। जिसमें लोगों के खाते से 1 करोड़ 13 लाख 27 हजार 360 रुपए निकाले गए। इन प्रकरणों में साइबर सेल टीम के अथक प्रयास से 40 मामलों को ट्रेस कर फरियादियों खातों में 14 लाख 23 हजार 463 रुपए वापस कराए गए। वहीं 158 मामलों में पुलिस को सफलता हाथ नहीं लगी है। लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने के लिए पुलिस व सामाजिक संगठन लोगों को समय-समय पर जागरूक अवश्य करते हैं, मगर ठग लोगों को नए-नए झांसे व लालच देकर उनके खातों से राशि पार कर रहे हैं।

मिनटों में निकाल लेते हैं लोगों के सारे रिकॉर्ड

साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि आपकी गोपनीय जानकारी मिनटों में आपसे ही फोन कॉल कर निकाल लेते हैं। इसके लिए ये बकायदा प्रशिक्षण लेते हैं। इनके पास खाताधारकों की सूची रहती है। वे खाताधारक को फोन करते हैं। अपना परिचय कभी बैंक शाखा अधिकारी, बिजली बिल जमा करने, ऑनलाइन इनाम जीतने, ऑनलाइन शॉपिंग तो कभी मुख्यालय के अधिकारी का देकर सीधे कहते हैं कि अब आपका एटीएम काम नहीं करेगा। तुरंत अपना पासवर्ड और कार्ड में अंकित नंबर बताएं। कई और प्रकार से भी बरगलाते हैं। बातचीत में खाताधारक खुद ही सारी जानकारी दे देते हैं। फिर शुरू होता है, इनका मायाजाल और खाताधारक के खाते से रुपए मिनटों में उड़ जाते है। जब मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का एसएमएस आता है, तब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चलता है।

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