ग्वालियर : मेले में 19 दिन में बिके 7135 वाहन, जिनमें 3508 कार, लग्जरी कार की डिमांड ज्यादा

गणतंत्र दिवस पर रिकॉर्ड वाहन बिके:मेले में 19 दिन में बिके 7135 वाहन, जिनमें 3508 कार, लग्जरी कार की डिमांड ज्याद
मेला में दोपहिया वाहन शोरूम पर वाहन खरीदने वाले

ग्वालियर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्वालियर व्यापार मेला खूब गुलजार हुआ है। मेला में ऑटोमोबाइल और झूला सेक्टर में सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई। मेला में RTO (रोड टैक्स) में 50 प्रतिशत छूट मिलने के बाद 19 दिन में 7135 वाहन अभी तक बिक चुके हैं। इनमें से 3508 चार पहिया वाहन हैं। ग्वालियर मेला में सिर्फ ग्वालियर के ही लोग नहीं बल्कि आसपास के शहरों व भोपाल-इंदौर के लोग भी वाहन खरीद रहे हैं।

10 से 15 लाख रुपए की कार की डिमांड सबसे ज्यादा है, लेकिन चाहने वाले ऑडी, स्कॉडा व अन्य लग्जरी कारें खरीद रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर शाम 216 कार, 304 दोपहिया वाहन बिक चुके थे और उस समय तक वाहनों की खरीदी जारी थी। इसके अलावा मेला के झूला सेक्टर में दोपहर 2 बजे के बाद से रात 10 बजे तक पैर रखने के लिए जगह तक नहीं थी। गणतंत्र दिवस पर मेला में पहुंचे सैलानियों का सैलाव देखकर व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं।

एक लाख का वाहन खरीदने पर 70 से 80 हजार का फायदा
ग्वालियर व्यापार मेला को ऐसे ही मध्य प्रदेश और देश के बड़े मेलों में नहीं गिना जाता है। यहां करोड़ों का कारोबार होता है। मेला की जान यहां लगने वाला ऑटोमोबाइल सेक्टर होता है। यह अपने आप में काफी खास हाेता है। एक तो यहां कंपनी की ओर से कार की सभी रेंज देखने को मिली हैं और दूसरा मेला मंे सरकार की ओर से RTO मतलब रोड टैक्स में करीब 50 प्रतिशत की छूट मिलती है। जिससे 1 लाख रुपए की गाड़ी पर 7 से 8 हजार और दस लाख की कार पर 70 से 75 हजार रुपए का फायदा होता है।

मेला में रोड टैक्स छूट के लिए तीन महीने किया इंतजार
मेले में वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में 50 फीसदी की छूट लेने के लिए कई महीनों से इंतजार कर रहे थे। कोई तीन महीने तो कोई 4 माह पहले ही डीलर्स के यहां टोकन के रूप में राशि जमा कराकर अपनी गाड़ी बुक कर चुका था, लेकिन कार की खरीदारी करने के लिए मेला में मिलने वाली रोड टैक्स की छूट का इंतजार था। यह कहना था मेले में चार पहिया वाहन खरीदने के बाद आरटीओ कार्यालय में दस्तावेज का सत्यापन कराने आए वाहन मालिकों का। मुरार निवासी हरेन्द्र सिंह ने लगभग 16 लाख रुपए की कार खरीदी है। उन्होंने बताया कि रोड टैक्स में छूट के तौर पर 1.5 लाख रुपए की बचत उनकी हुई है। वह चार महीने से मेले में छूट का इंतजार कर रहे थे। इसी तरह सुरेश नगर थाटीपुर निवासी जोगेन्द्र सिंह जाट ने लगभग 12 लाख की कार खरीदी है। टैक्स के तौर पर लगभग सवा लाख रुपए बचाए हैं। वे छह माह से कार खरीदने का इंतजार कर रहा है।

गणतंत्र दिवस पर गुलजार रहा मेला का झूला सेक्टर
गुरुवार को गणतंत्र दिवस पर छुट्‌टी के दिन मानों मेला में सैलानियों का सैलाब उमड़ पड़ा हो। लोग 12 बजे के बाद से मेला आना शुरू हो गए थे। दोपहर 2 बजे तक मेला की सभी पार्किंग फुल हो गई थीं। दोपहर के बाद मेला के झूला सेक्टर में पैर रखने के लिए जगह तक नहीं थी। रात करीब 10 बजे तक मेला में यही नजारा था। मेला में घूमने आने वालों की भीड़ देखकर झूला सेक्टर के अलावा खान पान सेंटर, इलेक्ट्रोनिक्स सेक्टर में व्यापार करने वालों के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे थे।

117 साल पुराना है मेला का इतिहास
व्यापार मेला का इतिहास काफी रोचक है। शुरुआत 1905 में तत्कालीन शासक माधौराव सिंधिया ने की थी। इस साल मेला दिसंबर में 117 साल पूरे कर लेगा। खास बात यह है इतने साल गुजर जाने के बाद भी यह मेला जवान है। इसके चेहरे का नूर हर साल बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि यहां पहुंचने वाले सैलानियों को सौगातें देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती है। शुभारंभ सत्र में कुछ ऐसी घोषणा हो जाती है, जिसका फायदा व्यापारियों के साथ खरीदारों को भी मिल जाता है। मेले में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रस्तुती देने के लिए ख्यात कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। बहरहाल, अभी हम सिर्फ ग्वालियर व्यापार मेले के वैभव की बात करेंगे।

सौ से ज्यादा एकड़ में फैला है मेला परिसर
ग्वालियर व्यापार मेला परिसर 104 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें बनी कच्ची-पक्की दुकानों में ग्वालियर के अलावा अन्य राज्यों से आए व्यापारी अपने उत्पादों को सजाते हैं। कुछ चबूतरे भी हैं, जिन पर बैठकर खाने-पीने वाले अपने सामान का विक्रय करते हैं। रेसक्रास स्थित व्यापार मेला मैदान को दिल्ली के प्रगति मैदान की तरह मध्य प्रदेश का प्रगति मैदान भी कहा जाता है। यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेंडर हर वर्ग को ध्यान में रखकर प्लान किया जाता है। जिसमें कव्वाली, मुशायरा, कवि सम्मेलन ही नहीं चित्रकला स्पर्धा तक को भी शामिल किया जाता है।

ग्वालियर के मेले से बढ़ जाता है प्रदेश में व्यापार
व्यापारिक दृष्टिकोण से ग्वालियर व्यापार मेला काफी महत्वपूर्ण है। खरीदार और व्यापारियों के लिए शुरू किए आफर पूरे मप्र में लागू हो जाते हैं। अगर व्यापार मेले के आटोमोबाइल सेक्टर में सजे किसी कंपनी के शोरूम पर डिस्काउंट दिया जा रहा है तो वह आफर प्रदेश के हर शोरूम पर शुरू किया जाता है। इतना ही यहां लगने वाली प्रदर्शनी में सरकार की योजनाएं भी सामने आती हैं। इसका फायदा अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसानों को मिलता है। वे योजनाओं को जान पाते हैं और फिर फायदा भी लेते हैं।

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