केन्द्र के बजट में मध्यप्रदेश …!
अगले साल मध्यप्रदेश को केंद्र से 16 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे, 5 नए नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे …
2023 के चुनावी राज्यों में शामिल मप्र को भी केंद्रीय बजट से अच्छी उम्मीद बंधी है। केंद्र के टैक्स में जो मप्र का हिस्सा है, उसमें पिछले बजट की तुलना में इस बार 16 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलने वाले हैं। यह राशि मप्र की फ्लैगशिप योजनाओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकती है।
इसी तरह मप्र को पीएम आवास में भी इस बार साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलने वाले हैं। वर्ष 2022-23 में भी मप्र को अन्य राज्यों की तुलना में दो हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिल रहे हैं। चूंकि मप्र आर्गेनिक खेती में तेजी से आगे बढ़ रहा है व बड़ा राज्य है, इसलिए ऑर्गेनिक खेती में अगले तीन साल में देश में 1 करोड़ किसानों को जैविक खेती से जोड़ा जाना है। मप्र के 30 लाख किसानों के जुड़ने की संभावना बन गई है।
केंद्रीय करों में हमें ऐसे मिलेगा ज्यादा पैसा
केंद्रीय बजट में मप्र को 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के 16 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। 2022-23 के बजट में यह 64 हजार 107 करोड़ रुपए मिले थे। अगले साल 80 हजार 183 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस राशि को राज्य सरकार विकास कार्यों और अन्य खर्चों में उपयोग कर सकेगी। चालू वित्तीय वर्ष में ही 31 मार्च 2023 तक मप्र को 10 हजार 345 करोड़ रुपए मिलने वाले हैं। इस राशि का उपयोग इस साल के अगले महीने आने वाले थर्ड सप्लीमेंट्री बजट में प्रॉविजन कर सड़कों की स्थिति सुधारने और नई सड़कों के निर्माण किया जा सकेगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए आपरेशन कायाकल्प के तहत 800 करोड़ रुपए की मांग की है जिसकी पूर्ति इस राशि से की जा सकेगी। इसके साथ ही प्रदेश की सड़कों की मरम्मत के लिए 1700 करोड़ रुपए की जरूरत है। कर्मचारियों को इस वित्तीय वर्ष में बढ़े हुए 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते के भुगतान में करीब 400 करोड़ रुपए मिल सकेंगे।
केंद्रीय योजनाओं में 50 हजार करोड़
केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में अगले साल 50 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे जो इस वित्तीय वर्ष से 6 हजार करोड़ रुपए ज्यादा होंगे। इस राशि का उपयोग बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के मानदेय, प्रधानमंत्री सड़क ग्राम योजना में ग्रामीण सड़कों को सुधारने और समग्र शिक्षा अभियान के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रमों में किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना में 2 लाख 75 हजार मकान बनाए जाने में होगी तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों के द्वारा बनाए जाने वाले मकानों के लिए दी जा रही अनुदान राशि के रूप में 1500 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। फिलहाल प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख 25 हजार मकान बनना है, जिनमें से 4.50 लाख मकान बन चुके हैं। बाकी 2 लाख 75 हजार मकानों को बनाए जाने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है, जिसमें से 3000 करोड़ रुपए की जरूरत है, इसमें 2 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार को मिलाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना का जो बजट बढ़ा है उसमें इस योजना के लिए केंद्र से 3 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके साथ ही अफोर्डेबल स्कीम के तहत बनने वाले 1 लाख मकानों में से 50 हजार बनाए जा चुके हैं, अभी इतने ही बनना बाकी है। इसके लिए केंद्र से 900 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके साथ ही 1 लाख नए मकान बनाए जाने के लिए राशि मिलेगी।
- 2047 तक एनीमिया को खत्म करने के लिए 200 करोड़ मिलेंगे
- खंडवा, शिवपुरी, रतलाम, दतिया उज्जैन में खुलेंगे नर्सिंग कॉलेज
किसानों को यह फायदा
प्रदेश में पीपीपी मोड पर क्लस्टर वैल्यू चेन बनाने की दिशा में प्रदेश के बजट में प्रावधान होेंगे। इसमें चाचौढ़ा के धनिया, मंदसौर का लहसुन समेत एक जिले में एक उत्पाद के रूप में फसलों का उत्पादन किया जा सकेगा। इस फसल को विदेश में बेच सकेंगे।
प्रदेश में 5 नए नर्सिंग कॉलेज
मध्यप्रदेश को 5 नए नर्सिंग कॉलेज मिलेंगे जो खंडवा, शिवपुरी, रतलाम, दतिया और उज्जैन में खुलेंगे। मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
इसके साथ ही सिकल एनीमिया कार्यक्रम के लिए राज्य को 200 करोड़ रुपए मिलेंगे।
आत्मनिर्भरता संकल्प को पूरा करेगा
बजट आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने वाला है। इसमें गरीबों, किसानों, बहनों के लिए योजनाएं हैं। मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा।
– शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
सिर्फ खोखले सपने ही दिखाए
किसानों की आमदनी दोगुनी, गरीब को आवास, बुलेट ट्रेन जैसे वादों का क्या हुआ। केन्द्र भविष्य के खोखले सपने दिखाना चाहता है।
– कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री