भोपाल । धार जिले के कारम बांध क्षतिग्रस्त होने के मामले में दागियों पर छह माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। उन पर विभाग के अधिकारी इस कदर मेहरबान है कि निलंबित अधिकारी सीएस घटोले को सेवानिवृत्ति के दिन बहाल कर दिया गया।

इधर बांध बनाने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी और इसकी सहयोगी ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस शर्त पर क्लीन चिट दे दी गई है कि वह शासन से बिना किसी वित्तीय सहायता लिए कारम बांध को पुन: बनाएगी। इस पूरे घटनाक्रम से देशभर में मध्य प्रदेश की जो छवि धूमिल हुई, उसके जिम्मेदारों पर आंच तक नहीं आई। बांध के टूटने से 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

बता दें कि जल संसाधन विभाग ने धार जिले में कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने पर आठ इंजीनियरों सहित वहां के तत्कालीन मुख्य अभियंता सीएस घटोले को 26 अगस्त 2022 को निलंबित किया था। लेकिन, 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्ति के दिन घटोले को बहाल कर दिया गया। हालांकि, उनके विरुद्ध विभागीय जांच चलती रहेगी।

बांध क्षतिग्रस्त होने के तीन माह बाद किया था आरोप पत्र जारी

अगस्त 2022 में धार जिले की कारम मध्यम सिंचाई परियोजना वाले बांध के क्षतिग्रस्त होने पर राज्य सरकार ने तीन माह बाद नवंबर माह में जल संसाधन विभाग के आठ दोषी अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र जारी किए थे। इन अधिकारियों में तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार सीएस घटोले, तत्कालीन एसई जल संसाधन मंडल धार इंदौर पी जोशी, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी विकार अहमद सिद्दीकी एवं चार तत्कालीन उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अशोक कुमार राम एवं दशावन्ता सिसौदिया को निलंबित कर दिया गया।

इंजीनियरों की लापरवाही से विभाग की छवि हुई धूमिल

निलंबित इंजीनियरों पर आरोप है कि 304 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति वाले कारम बांध के निर्माण में सुपरविजन और निर्माण की शर्तों का पालन न कराए जाने से बांध क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे 18 ग्रामों में जान- माल की तबाही रोकने के लिए आबादी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बांध के दायें कोने में कट लगाकर चैनल बनाकर पानी की निकासी की गई। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।

2018 में शुरू हुआ था काम, अगस्त 2022 में आ गई बांध में दरार

अगस्त 2018 में दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को 304 करोड़ रुपये में कारम बांध बनाने का ठेका दिया गया था। इस कंपनी ने 99.86 करोड़ रुपये का काम पेटी पर ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया। अगस्त 2021 तक काम पूरा करना था, लेकिन कोविड के कारण काम प्रभावित हुआ, जिसके कारा मियाद बढ़ा दी गई। अब अगस्त 2022 तक काम पूरा करना था, इसलिए जल्दबाजी में किए गए काम के कारण बांध में दरार आ गई और बांध को तोड़ना पड़ा।

इनका कहना है

कारम बांध का पुन: कार्य आरंभ करने से पहले केंद्रीय जल आयोग और बांध सुरक्षा संगठन मिलकर बांध की बारीकी से जांच कर रहा है। मामले में दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया है, लेकिन बांध निर्माण के अनुबंध के तहत यही कंपनी शेष कार्य पूरा कर बांध बनाएगी। बांध का निर्माण केंद्रीय जल आयोग और बांध सुरक्षा संगठन की निगरानी में ही कराया जाएगा।

आशीष कुमार, अपर सचिव जल संसाधन विभाग