तिरंगा हमारी शान फिर क्यों हो रहा इसका अपमान
तिरंगा हमारे देश की शान है। इस तिरंगे के लिए हर साल कई सैनिक अपनी जान तक गंवा देते हैं, लेकिन जब लोग ही इसका अपमान करने लगे तो उनकी जागरूकता और देशप्रेम पर सवाल उठना लाजमी है। दरअसल इस समय पूरे देश में लोग आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। वहीं लोगों ने गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर अपने घरों और कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज का फहराया, लेकिन कई लोगों ने इसे घरों की छतों पर लगाकर छोड़ दिया। अब वही तिरंगे पूरी तरह से फट कर खराब हो चुके हैं। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के जोश में जिन लोगों ने इस तिरंगे को फहराया था वह अब इसे उतारना तक नहीं चाह रहे हैं और तिरंगे का अपमान हो रहा है। बता दें समय के साथ तेज हवा के कारण इमारतों पर लगे राष्ट्रीय ध्वज फट जाते हैं, जिसकी तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में इमारतों पर फटे हुए ध्वज दिखाई दे रहे हैं।
राष्ट्रीय पर्व पर लोगों ने राष्ट्रीय घ्वज फहराया है। कुछ समय बाद वह फट जाता है। लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए। सम्मान के साथ इन तिरंगों को साफ करके प्रेस करके घर के अंदर उन्हें संभालकर रख सकते हैं। इन झंडों का इस्तेमाल अगले साल के लिए किया जा सकता है।
कुलदीप सिंह, जिला अध्यक्ष एक्स सर्विसैन लीग, झज्जर
शहर में कई स्थानों पर यह देखने में आया है कि इमारतों पर फटा हुआ राष्ट्रीय ध्वज लहराता हुआ दिखाई दे जाता है। अगर राष्ट्रीय ध्वज का रखरखाव नहीं कर सकते तो उसे फहराओ मत। देश की सीमाओं पर जवान राष्ट्रीय ध्वज की सुरक्षा के अपनी जान तक दाव पर लगा देते है।
कृष्ण कुमार, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल
राष्ट्रीय पर्व के बाद कई घरों में फटे हुए ध्वज लहरा रहे हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों इस बारे में जागरूक करें। ताकि अनजाने में लोगों से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न हो।
श्री ओम नांदल, रिटायर्ड सहायक उप निरीक्षक दिल्ली पुलिस
सेना में जब कोई जवान शहीद होता है तो सेना के अधिकारी उसके सम्मान परिजनों को राष्ट्रीय ध्वज सौंपते है। सभी देशवासियों को फर्ज बनता है वह अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें।
समेराम, रिटायर्ड हवलदार भारतीय सेना
ब्लॉक स्तर पर और सब डिवीजन स्तर पर लोगों के लिए फटे हुए राष्ट्रीय ध्वज को जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी। जिन्हें बाद में विधि-विधान के साथ विसर्जन किया जाएगा।
शक्ति सिंह, उपायुक्त, झज्जर