पुलिस में बड़े अधिकारी मौजूद हैं फिर भी छोटे कर्मचारियों से कराते हैं जांच
कोर्ट ने कहा कि पुलिस विभाग में बड़े अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन एडीपीएस एक्ट की जांच छोटे कर्मचारियों से कराई जा रहीहै।
ग्वालियर हाई कोर्ट की एकलपीठ ने एनडीपीएस एक्ट की जांच को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने कहा कि पुलिस विभाग में बड़े अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन एडीपीएस एक्ट की जांच छोटे कर्मचारियों से कराई जा रही है, जो कानून की प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्हें एक्ट का ज्ञान भी नहीं है। इसलिए मामले को पुलिस महानिदेशक संज्ञान में लें और कार्रवाई भी करें। ज्ञात है कि ग्वालियर में घाटीगांव थाना पुलिस ने आटो रिक्शा से दो बोरियों में 50 किलो गांजा जब्त किया था, लेकिन पुलिस ने दोनों बोरियों का गांजा जमीन पर मिलाकर जांच के लिए नमूना लिया, जबकि दोनों बोरियों का गांजा अलग-अलग रखना था और नमूने भी अलग-अलग लेना था। इस नियम का पुलिस ने पालन नहीं किया।
आटो रिक्शा में दो बोरियां रखी थीं : घाटीगांव थाना पुलिस ने नौ अगस्त 2022 को आटो रिक्शा की जांच की। आटो रिक्शा में दो बोरियां रखी थीं। जब इनकी तलाशी ली गई तो दो बोरियों में 50 किलो गांजा मिला। पुलिस ने दिनेश वमनिया निवासी गौतमपुरा इंदौर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित नौ अगस्त से जेल में था। पहली बार इसकी जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी, लेकिन दूसरी बार उसने जमानत याचिका दायर की। उसकी ओर से तर्क दिया कि वह आटो रिक्शा का चालक था, वह सामान उसका नहीं था। पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। पुलिस की ओर से जमानत याचिका का विरोध किया गया। इस केस की जांच उप निरीक्षक को दी थी। उप निरीक्षक ने दोनों बोरियों का गांजा मिलाकर एक सैंपल लिया। इस केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया। इसलिए मामला डीजीपी के पास भेजा गया है, ताकि ग्वालियर में एनडीपीएस की जांच बड़े अधिकारी से कराई जा सके। आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।